Blog by ilma | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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सुबह उठते ही आप चेहरे पर एलोवेरा जेल आसानी से लगा सकते हैं। इससे त्वचा पूरे दिन हाइड्रेटेड और फ्रेश रहती है। हेल्दी और चमकदार त्वचा के लिए आप इसे अपनी मॉर्निंग रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
Aloe Vera Gel Morning Routine: आज के समय में प्रदूषण, धूल-मिट्टी और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण स्किन काफी डल हो जाती है। ऐसे में अगर सुबह के समय सही से स्किनकेयर नहीं किया जाए, तो त्वचा पूरे दिन रूखी और बेजान नजर आती है। वहीं, कई लोग चेहरे को चमकदार बनाने के लिए तरह-तरह के केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं, जिससे त्वचा को नुकसान होने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में आप नेचुरल तरीकों से भी अपनी त्वचा को पूरे दिन हाइड्रेटेड और फ्रेश रख सकते हैं। इसके लिए आप एलोवेरा जेल का उपयोग कर सकते हैं।
एलोवेरा जेल में कई विटामिन पाए जाते हैं, जो स्किन को गहराई से पोषण देते हैं। एलोवेरा जेल में मौजूद विटामिन A, विटामिन C और विटामिन E त्वचा को पूरे दिन नमी प्रदान करते हैं। वहीं, इसमें कई तरह के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सुबह चेहरे पर दिखने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
एलोवेरा जेल लगाने से पहले चेहरे को गुनगुने पानी की मदद से अच्छे से धो लें। इससे रातभर की जमी गंदगी और एक्सट्रा ऑयल आसानी से निकल जाएगा। अब चेहरे को साफ तौलिए से पोंछ लें। इसके बाद आप चेहरे पर एलोवेरा जेल आसानी से लगा सकते हैं। चेहरे पर एलोवेरा जेल लगाने के लिए इसे अपनी हथेली पर लें और धीरे-धीरे चेहरे पर मसाज करते हुए लगाएं। आप 1–2 मिनट तक आंखों के नीचे और माथे पर अच्छे से मसाज कर सकते हैं। इससे डार्क सर्कल और झुर्रियां भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।
एलोवेरा जेल लगाने के बाद चेहरा पूरे दिन हाइड्रेटेड रहता है। इसे लगाने से स्किन पर नेचुरल निखार आता है, जिससे चेहरे पर थकान और डलनेस कम नजर आती है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज और फ्रेश रखने में भी काफी मददगार होता है।
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Read Full Blog...यद्यपि ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन एक चीज जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है सोने से पहले खाया जाने वाला भोजन।
अच्छी नींद के लिए क्या खाना चाहिए?
अच्छी तरह से रहना
अच्छी नींद के लिए क्या खाना चाहिए?
कंप्यूटर पर काम करते हुए कॉफी पीती महिला
16 जनवरी 2020
डॉ. कार्ल डोगरामजी द्वारा
यद्यपि ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन एक चीज जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है सोने से पहले खाया जाने वाला भोजन।
डिफ़ॉल्ट छवि विवरण पाठ
डॉ. कार्ल डोघ्रामजी जेफरसन स्लीप डिसऑर्डर सेंटर के चिकित्सा निदेशक हैं।
प्रति रात सात से आठ घंटे की नींद । अगर आपको वयस्क होने पर कम से कम इतनी नींद नहीं मिल रही है - और अगर आप कम उम्र के हैं तो उससे भी ज़्यादा - तो आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे कम नींद से काम चला लेते हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। रोग नियंत्रण केंद्रों के अनुसार, 30 प्रतिशत वयस्क बताते हैं कि वे नियमित रूप से प्रति रात छह घंटे या उससे कम सोते हैं। इससे उन्हें बीमारियाँ होने, दिन में अनुचित समय पर झपकी आने और दैनिक कार्य करने में कठिनाई होने का खतरा रहता है। अगर इनमें से किसी एक काम में कार चलाना या कोई और काम शामिल है जिसके लिए आपका पूरा ध्यान चाहिए, तो यह समझना आसान है कि पर्याप्त नींद आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
वैसे तो कई चीज़ें आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग सोने से पहले खाए जाने वाले खाने को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सोने से पहले गलत खाना खाने से आप पूरी रात करवटें बदलते रहेंगे, जबकि सही खाना खाने से आप बच्चे जैसी नींद सो पाएँगे।
अच्छी नींद के लिए क्या खाना चाहिए?
अच्छी तरह से रहना
अच्छी नींद के लिए क्या खाना चाहिए?
कंप्यूटर पर काम करते हुए कॉफी पीती महिला
16 जनवरी 2020
डॉ. कार्ल डोगरामजी द्वारा
यद्यपि ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन एक चीज जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है सोने से पहले खाया जाने वाला भोजन।
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डॉ. कार्ल डोघ्रामजी जेफरसन स्लीप डिसऑर्डर सेंटर के चिकित्सा निदेशक हैं।
प्रति रात सात से आठ घंटे की नींद । अगर आपको वयस्क होने पर कम से कम इतनी नींद नहीं मिल रही है - और अगर आप कम उम्र के हैं तो उससे भी ज़्यादा - तो आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे कम नींद से काम चला लेते हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। रोग नियंत्रण केंद्रों के अनुसार, 30 प्रतिशत वयस्क बताते हैं कि वे नियमित रूप से प्रति रात छह घंटे या उससे कम सोते हैं। इससे उन्हें बीमारियाँ होने, दिन में अनुचित समय पर झपकी आने और दैनिक कार्य करने में कठिनाई होने का खतरा रहता है। अगर इनमें से किसी एक काम में कार चलाना या कोई और काम शामिल है जिसके लिए आपका पूरा ध्यान चाहिए, तो यह समझना आसान है कि पर्याप्त नींद आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
वैसे तो कई चीज़ें आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग सोने से पहले खाए जाने वाले खाने को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सोने से पहले गलत खाना खाने से आप पूरी रात करवटें बदलते रहेंगे, जबकि सही खाना खाने से आप बच्चे जैसी नींद सो पाएँगे।
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अच्छी नींद के लिए, सोने से कम से कम चार घंटे पहले निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से बचें:
कैफीन : शायद सबसे प्रसिद्ध नींद चुराने वाला, कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक उत्तेजक है जो आपके मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों, जिन्हें रिसेप्टर्स कहते हैं, से जुड़ता है। ये रिसेप्टर्स आमतौर पर एक अन्य रसायन से जुड़ते हैं जो आपके मस्तिष्क को सोने का संकेत देता है। चूँकि कैफीन उस रसायन को अवरुद्ध करता है, इसलिए आप पूरी तरह जागते रहेंगे। कुछ संवेदनशील व्यक्तियों को सोने से 12 घंटे पहले कैफीन से बचना चाहिए।
भारी भोजन : मांस और वसा पचाने में मुश्किल होते हैं, इसलिए सोने से पहले बर्गर और पिज्जा जैसे भोजन खाना ठीक नहीं है। सोने से ठीक पहले इन्हें खाने से आपका पेट भी खराब हो सकता है।
अम्लीय और मसालेदार भोजन : टैको जैसे मसालेदार भोजन या खट्टे फल जैसे अम्लीय भोजन खाने से सीने में जलन और पेट में जलन हो सकती है। अगर आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) है, तो यह विशेष रूप से समस्याजनक हो सकता है।
चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट : मीठे स्नैक्स और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद ब्रेड और पास्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इससे आपको ऊर्जा का एक झोंका मिल सकता है, जो सोने की कोशिश करते समय आपके लिए हानिकारक है। यह मेलाटोनिन के स्राव को भी बाधित कर सकता है, एक ऐसा हार्मोन जो आपकी सतर्कता को कम करता है और आपको सोने और सोते रहने में मदद करता है।
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Read Full Blog...टाइफाइड, जिसे आंत्र ज्वर भी कहा जाता है, साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। टाइफाइड का ऊष्मायन काल 6-30 दिनों का होता है। दूषित भोजन और पानी टाइफाइड का कारण बनता है। टाइफाइड से पीड़ित अधिकांश लोग बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक उपचार शुरू करने के लगभग एक सप्ताह बाद बेहतर महसूस करते हैं। उपचार के बिना, टाइफाइड की जटिलताओं से मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। टीकाकरण कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
टाइफाइड के लक्षण
टाइफाइड के लक्षण बैक्टीरिया के संपर्क में आने के लगभग 1-3 हफ़्ते बाद दिखाई देते हैं। रोग की अवस्था के आधार पर इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं - प्रारंभिक अवस्था, बाद की अवस्था। तपेदिक से पीड़ित बच्चों में वयस्कों की तुलना में लक्षण हल्के होते हैं।
बुखार जो कम से शुरू होकर दिन भर बढ़ता रहता है - संभवतः 104 डिग्री फ़ारेनहाइट तक पहुँच सकता है
जीवन-धमकाने वाली जटिलताएँ
Read Full Blog...क्या आप भी अपने दुबले-पतले शरीर से परेशान हैं और वजन को बढ़ाने के लिए हेल्दी ऑप्शन तलाश रहे हैं तो आप चने के साख इस चीज को खा सकते हैं.
Khajoor with Gram For Weight Gain: शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हम कई तरह की चीजों को डाइट में शामिल करते हैं, लेकिन जिन लोगों का शरीर दुबला-पतला है उनको क्या खाना चाहिए ये मायने रखता है. दरअसल आज के समय में मोटापे की समस्या से ज्यादातर लोग जूझ रहे हैं और उसे कम करने के लिए उन्हें कई तरह की जानकारी मिल जाती है. लेकिन बात जब वजन को बढ़ाने की आती है तब उतनी जानकारी नहीं मिल पाती जितनी आवश्यक होती है. अगर आप भी अपने दुबले पतले शरीर से परेशान हैं और वजन को बढ़ाना चाहते हैं, चने के साथ खजूर का सेवन कर सकते हैं. चना और खजूर दोनों को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है
अगर आप भी हेल्दी तरीके से अपने वजन को बढ़ाना चाहते हैं तो आप खजूर और चना का साथ में सेवन कर सकते हैं. क्योंकि इन दोनों को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. बस आपको सुबह खाली पेट 3-4 खजूर के साथ एक मुठ्ठी भुने चने का सेवन कर सकते हैं
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Read Full Blog...नोट: सभी तरह का नया व पुराना नजला 4 महीने से 1 साल तक के समय में आयुर्वेदिक दवा, खानपान में बदलाव, परहेज व जरुरत पड़ने पर पंचकर्म की क्रियाओं से पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
नजले का देसी इलाज (Home remedy for Najla)
काढ़ा – आयुर्वेदिक दवा के साथ ही नजला का घरेलु इलाज भी काफी फायदेमंद साबित होता है। जिसमें घर पर ही काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को राहत मिलती है। ये काढ़ा इस प्रकार है:
अदरक और गुड़ का काढ़ा।
काली मिर्च व नींबू का काढ़ा।
अजवाइन व गुड़ का काढ़ा।
दालचीनी का काढ़ा।
लौंग-तुलसी और काला नमक का काढ़ा।
इलायची व शहद का काढ़ा।
इसके अलावा शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पीने से नजले में फायदा आता है।
नागरबेल (पान) के 2 से 4 पत्ते चबा लेना भी फायदेमंद है।
हल्दी और दूध गरम कर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से जुकाम, कफ़, व शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है|
सुबह-शाम अजवायन की फंकी लेने से भी आराम मिलता है|
रात में सोते समय अजवायन को गर्म कर सुंघने से भी राहत मिलती है।
देसी गाय के शुद्ध देसी घी से भी नजला में काफी आराम मिलता है। ऐसे में रोगी को उस गाय का घी लेना है जिसकी पीठ पर हम्प होता है यह घी आपको लगातर तीन महीने डालना है यह दस से ज्यादा साल पुराने नजले को भी खत्म कर देता है।
गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिला कर गरारे करने से खांसी-जुकाम के दौरान काफी राहत मिलती है। इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है। यह भी काफी पुराना नुस्खा है।
अकसर नजले में एलर्जी के कण नाक की नलियों की समस्या बन जाते है। जिसके कारण लगातार छींके आने लगती है, गला सुखा रहता है, नाक बहने लगती है.. ऐसी गंभीर स्थिति में अस्थमा भी हो सकता है। ऐसे में नजले के स्थायी इलाज के लिए (Najle ka permanent ilaj) देरी ना करते हुए डॉक्टर की सलाह लें।
Read Full Blog...खांसी एक आम समस्या है जो किसी भी मौसम में आपको हो सकती है. कई बार खांसी अपने आप ठीक हो जाती है तो कुछ मामलों में दवाओं का सहारा लेना पड़ता है. कभी-कभी खांसी की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि इसकी वजह से सीने और पसलियों में दर्द होने लगता है. इस लेख में हम आपको खांसी के घरेलू इलाज, खांसी के लिए आयुर्वेदिक कफ सिरप (Ayurvedic Cough Syrup) और खानपान से जुड़ी जानकारियों के बारे में बता रहे हैं.
अगर खांसी आने पर साथ में बलगम भी निकल रहा है तो इसे बलगम वाली खांसी या गीली खांसी कहा जाता है. वहीं दूसरी तरफ अगर बलगम नहीं निकल रहा है तो इसे सूखी खांसी (Dry Cough) कहा जाता है.
सूखी खांसी की समस्या अक्सर रात के समय बहुत बढ़ जाती है और इससे लोगों की नींद डिस्टर्ब होने लगती है. यही वजह है कि खांसी की कई अंग्रेजी दवाओं (Khansi ki Medicine) में ऐसे घटक मिलाए जाते हैं जिससे नींद जल्दी आ जाए और खांसी से आराम मिले.
वैसे तो बाजार में खांसी के लिए कई कफ सिरप मौजूद हैं लेकिन अधिकांश लोग आयुर्वेदिक कफ सिरप लेना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेदिक कफ सिरप (Ayurvedic Cough Syrup) पीने से नींद भी नहीं आती है और इससे पुरानी से पुरानी खांसी भी जल्दी ठीक हो जाती है.
कभी कुछ अधिक ठंडी चीजें जैसे कि आइसक्रीम खा लेने या कोल्ड ड्रिंक पी लेने के बाद खांसी होना आम बात है. इसके अलावा जुकाम होने पर या गले में संक्रमण होने से भी खांसी की समस्या हो सकती है.
खांसी होने पर अधिकांश लोग घरेलू उपाय अपनाने के बारे में सोचते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट का भी मानना है कि खांसी के इलाज में अगर सही तरीके से घरेलू इलाज अपनाएं जाएं तो खांसी जल्दी ठीक हो जाती है. आइए जानते हैं कि खांसी होने पर किन चीजों का सेवन करें:
शहद (Honey for Cough): शहद सूखी और कफ वाली दोनों तरह की खांसी के इलाज में बहुत कारगर है. रात में सोने से पहले अगर आप एक चम्मच शहद का सेवन करें तो सोते समय खांसी कम आती है. आयुर्वेद के अनुसार शहद में कफ शामक गुण होते है जो की खांसी की समस्या को कम करने मदद करते है.
तुलसी (Tulsi for Cough): आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही खांसी के इलाज के लिए तुलसी का प्रयोग किया जाता है. तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इनफ्लेमेटरी, एंटीटसिव और एंटी-एलर्जिक क्षमताएं होती हैं जो खांसी से जल्दी राहत दिलाती हैं. यही वजह है कि खांसी की अधिकांश आयुर्वेदिक सिरप में तुलसी का उपयोग किया जाता है.
मुलेठी(Mulethi for Cough): मुलेठी को आयुर्वेद में यष्टिमधु भी कहा गया है जिसका निर्देश कफ संबंधी रोगों लेने का दिया गया है. गले के स्वास्थ्य के लिए मुलेठी बेहद फायदेमंद है. खांसी हो या गले में खराश हो मुलेठी का सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है. मुलेठी गले में ज्यादा बलगम बनने से रोकती है और इस तरह यह खांसी से राहत दिलाती है.
काली मिर्च (Kali Mirch for Cough): काली मिर्च गले की जलन से राहत दिलाती है साथ ही अगर इसका सेवन शहद के साथ किया जाए तो खांसी से जल्दी आराम दिलाती है.
पिप्पली (Pippali for Dry Cough): पिप्पली की तासीर गर्म होती है. आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार, गला बैठने की समस्या से राहत दिलाने में यह बहुत कारगर है. इसके अलावा यह गले में मौजूद कफ को हटाने में भी मदद करती है.
सोंठ (Sonth or Dry Ginger for Cough): खांसी और गले के संक्रमण के इलाज में उपयोग की जाने वाली की आयुर्वेदिक दवाओं में सोंठ का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है.ठंड लगने या जुकाम की वजह से होने वाले खांसी को दूर करने में सोंठ बहुत उपयोगी है.
अगर आप खांसी से परेशान हैं और आयुर्वेदिक कफ सिरप खोज रहे हैं तो आपको वो कफ सिरप (Khansi ka Syrup) लेना चाहिए जिसमें ऊपर बताई गई अधिकांश जड़ी-बूटियाँ शामिल हों. जैसे कि टाटा 1mg तेजस्या कफ रिलीफ सिरप में शहद, तुलसी, मुलेठी, सोंठ और पिप्पली सभी जड़ी-बूटियाँ मौजूद हैं जो इसे बेहद खास और प्रभावी बनाती हैं. आप सूखी खांसी से परेशान हो या बलगम वाली खांसी से, तेजस्या कफ सिरप का उपयोग दोनों में किया जा सकता है.
तेजस्या कफ सिरप (Tejasya Ayurvedic Cough Syrup) में सिर्फ प्राकृतिक जड़ी बूटियों का अर्क मिलाया गया है और इसमें एल्कोहल का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया गया है. इसे पीने से नींद या सुस्ती नहीं आती है.
अगर आप सूखी खांसी या बलगम वाली खांसी से परेशान हैं तो 10 एमएल या 2 चम्मच टाटा 1mg तेजस्या कफ सिरप दिन में दो बार या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार लें.
कफ सिरप के अलावा ऐसे कई चूर्ण भी हैं जो खांसी से बहुत जल्दी राहत दिलाते हैं. इन चूर्ण के सेवन से पुरानी खांसी या क्रोनिक कफ भी ठीक होने लगता है. आइए अब इनके बारे में जानते हैं:
सितोपलादि चूर्ण खांसी की एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है. अधिकांश आयुर्वेदिक चिकित्सक पुरानी खांसी या सूखी खांसी से पीड़ित लोगों को सितोपलादि चूर्ण लेने की सलाह देते हैं. इसमें मौजूद जड़ी-बूटियों में कफ को शमन करने का गुण होता है. सितोपलादि चूर्ण को शहद के साथ लें और इसे लेने के बाद कम से कम आधे घंटे पर कुछ भी खाएं पिएं नहीं. सूखी खांसी होने पर इसे रात में सोने से पहले लेना चाहिए.
काली मिर्च, पिप्पली और सोंठ इन तीनों के मिश्रण को त्रिकटु चूर्ण कहा जाता है. जिसका उपयोग कफ और पाचन संबंधी रोगों में किया जाता है. यह चूर्ण कफ को बनने से रोकता है जिससे खांसी से जल्दी राहत मिलने लगती है. त्रिकटु चूर्ण को भी शहद के साथ मिलाकर खाएं.
यहां बताए गए खांसी के घरेलू इलाज अपनाने या आयुर्वेदिक कफ सिरप (Ayurvedic Cough Syrup) लेने के 3-4 दिन बाद भी अगर खांसी से आराम नहीं मिल रहा है तो नजदीकी डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच कराएं.
Read Full Blog...पेट के आसपास जमी चर्बी कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। गलत खान-पान, तनाव और घंटों बैठकर काम करने की आदत के कारण यह चर्बी आसानी से कम नहीं होती है। ऐसे में आप इन योगासनों को करके पेट की जिद्दी चर्बी को आसानी से कम कर सकते हैं।
अगर आप भी पेट की जिद्दी चर्बी घटाना चाहते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप अपनी दिनचर्या में योगासन को शामिल कर सकते हैं। इससे आप पूरे दिन एक्टिव भी रहेंगे और आपका वजन भी तेजी से घटने लगेगा।
पेट की चर्बी को कम करने के लिए भुजंगासन एक बेहतर योगासन है। इसे करने से मांसपेशियों पर सीधा असर पड़ता है, जिससे पेट के आसपास जमी चर्बी तेजी से बर्न होने लगती है। आप रोजाना 5-6 बार यह आसन आसानी से कर सकते हैं।
नौकासन करने से भी पेट की चर्बी तेजी से कम होती है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है। इस आसन से पाचन भी बेहतर होता है। आप इसे रोजाना कर सकते हैं।
धनुरासन करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है। इससे पेट के निचले हिस्से की चर्बी तेजी से कम होती है और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ने लगता है।
वजन घटाने के लिए त्रिकोणासन काफी प्रभावी है। इसे करने के लिए Yoga Mat पर सीधा खड़े होकर दोनों पैरों को लगभग तीन फुट की दूरी पर फैलाएं। अब दायां हाथ ऊपर उठाकर कान के पास रखें और बायां हाथ नीचे झुकाकर टखने के पास ले जाएं। इस आसन से पूरे शरीर में स्ट्रेचिंग होती है, जिससे लचीलापन और फिटनेस दोनों बढ़ते हैं।
प्लैंक पोज को योग और फिटनेस दोनों में बेहद प्रभावी माना जाता है। यह पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, खासतौर पर कोर मसल्स पर काम करता है। रोजाना 1–2 मिनट तक प्लैंक होल्ड करने से चर्बी घटाने में तेजी आती है।
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Please jurur btana ye aap ke liye Kam Ka he ya nhe
Ye aap ke liye Kam Ka he ya nhi
Read Full Blog...मुँह के छाले मुँह में असहनीय दर्द पैदा करते हैं और अक्सर कई दिनों तक इसका पता नहीं चलता। यह होठों, जीभ, गालों के भीतरी भाग, मसूड़ों या मुँह की छत पर घाव के रूप में प्रकट हो सकता है। यद्यपि यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन इसका मूल कारण कई चिंताओं का संकेत हो सकता है।
मुँह के छालों के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हो सकते हैं। अप्रत्यक्ष कारण आपको किसी अंतर्निहित बीमारी के प्रति सचेत करते हैं।
मुँह के छालों का एक कारण शरीर के अंदर की गर्मी है, इसलिए शीतली प्राणायाम शरीर के तापमान को ठंडा कर बहुत मदद करता है और पाचन में भी सुधार करता है। शीतली प्राणायाम करने के चरण इस प्रकार हैं:
यह प्राणायाम मन और शरीर को शांत करता है, शरीर में अग्नि तत्व (पित्त) को संतुलित करता है और पूरे शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है। शीतकारी प्राणायाम करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार सबसे अधिक प्रचलित योगासन है जिसमें कई आसनों का संयोजन है। चूंकि मुँह के छाले विटामिन की कमी के कारण हो सकते हैं, इसलिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है और मुँह के छालों से बचाव होता है। यह कई समस्याओं का एकमात्र समाधान है, जैसे पीठ दर्द, कम चयापचय, तनाव और चिंता, त्वचा संबंधी समस्याएँ, मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ आदि।
सेतु बंधासन एक योगासन है जो वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और मुँह के छालों को रोकता है। यह आसन छाती और फेफड़ों को खोलता है और मन को शांत करता है। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने तथा तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।
आप इन परीक्षित घरेलू उपचारों से भी मुँह के छालों को प्राकृतिक रूप से शीघ्रता से ठीक कर सकते हैं:
इनके अलावा, हाइड्रेटेड और खुश रहना, मौखिक स्वच्छता सुनिश्चित करना और मसालेदार और जंक फूड से बचना याद रखें। ध्यान और सुदर्शन क्रिया से अपना भावनात्मक संतुलन और शांति बनाए रखें।
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Read Full Blog...फटी एड़ियां पैरों की सुंदरता बिगाड़ देती हैं. कई बार यह इतनी कट-फट जाती हैं कि इनसे खून तक निकलने लगता है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह दूर होगी फटी एड़ियों की दिक्कत.
ड्राइनेस के कारण, पैरों को बहुत देर तक पानी में रखने से, जमीन पर नंगे पांव चलने से या एड़ियों की ठीक तरह से सफाई ना करने पर फटी एड़ियों की दिक्कत हो जाती है. एड़ियां फट जाती हैं तो देखने में तो बुरी लगती ही हैं, साथ ही इनसे खून भी बह सकता है. वहीं, एड़ी का फटना और ऊपर से डेड स्किन सेल्स का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना स्किन को परमानेंट डैमेज भी कर सकता है. ऐसे में इस फटी एड़ी की दिक्कत से छुटकारा पाना जरूरी होता है.
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Read Full Blog...आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.
हर किसी की चाहत होती है कि वो ताउम्र जवां दिखे, लेकिन ऐसा होता नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ आपके हाथ पैर की ताकत कम होने लगती है और चेहरे की चमक और कसावट भी फीकी पड़ने लगती है. लेकिन आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. बस आपको अपनी रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव करना है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो चेंजेज.
1- अगर आप चाहती हैं कि आपकी स्किन हमेशा चमकदार दिखे तो इसके लिए आप सबसे पहले तो नहाने से शुरूआत करें. आप गर्मी में ठंडे पानी से तो नहाएं ही साथ ही, सर्दी में भी ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. ठंडे पानी से नहाने से कोलेजन का स्तर बढ़ता है. इससे चेहरे पर झुर्रियां (wrinkle on face) कम होती हैं. साथ ही तनाव भी नहीं होता और नींद भी अच्छी आती है.
2- हालांकि कोल्ड शॉवर (cold shawer benefits for health) ना सिर्फ आपकी स्किन के लिए बल्कि ओवर ऑल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. लेकिन कोई भी नई दिनचर्या शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए. क्योंकि कुछ लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है. वहीं, गर्भवती महिलाएं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए यह रूटीन फॉलो ना करें.
3- अवसाद का भी इलाज करती है कोल्ड थेरेपी (cold therapy). आपको बता दें कि ठंडा शॉवर लेने से एड्रेनालाईन में 540 प्रतिशत और डोपामाइन में 250 प्रतिशत की वृद्धि होती है. आपको बता दें कि यह डिप्रेशन की दवाएं हैं. इससे शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन होता है.
4- आप ठंडे पानी से पहले दिन 15 सेकेंड नहाएं, फिर अगले दिन 30 सेकेंड. ऐसे ही आप 2 मिनट के कोल्ड शॉवर तक पहुंचे. अब से आप इस थेरेपी को अपनाकर देखिए, फिर देखिए कैसे आपके चेहरे पर चमक और कसाव आतीहै.
Ye aap ke liye Kam Ka rha he ya nhe
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