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Blog by ilma | Digital Diary

" To Present local Business identity in front of global market"

Meri Kalam Se Digital Diary Submit Post


40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा 


40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की, बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा  आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. हर किसी की चाहत होती है कि वो ताउम्र जवां दिखे, लेकिन ऐसा होता नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ आपके हाथ पैर की ताकत कम होने लगती... Read More

40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की, बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा 

आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.

हर किसी की चाहत होती है कि वो ताउम्र जवां दिखे, लेकिन ऐसा होता नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ आपके हाथ पैर की ताकत कम होने लगती है और चेहरे की चमक और कसावट भी फीकी पड़ने लगती है. लेकिन आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. बस आपको अपनी रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव करना है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो चेंजेज. 

कैसे रखें अपने आपको जवां

1- अगर आप चाहती हैं कि आपकी स्किन हमेशा चमकदार दिखे तो इसके लिए आप सबसे पहले तो नहाने से शुरूआत करें. आप गर्मी में ठंडे पानी से तो नहाएं ही साथ ही, सर्दी में भी ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. ठंडे पानी से नहाने से कोलेजन का स्तर बढ़ता है. इससे चेहरे पर झुर्रियां (wrinkle on face) कम होती हैं. साथ ही तनाव भी नहीं होता और नींद भी अच्छी आती है. 

2- हालांकि कोल्ड शॉवर (cold shawer benefits for health) ना सिर्फ आपकी स्किन के लिए बल्कि ओवर ऑल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. लेकिन कोई भी नई दिनचर्या शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए. क्योंकि कुछ लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है. वहीं, गर्भवती महिलाएं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए यह रूटीन फॉलो ना करें. 

 

3- अवसाद का भी इलाज करती है कोल्ड थेरेपी (cold therapy). आपको बता दें कि ठंडा शॉवर लेने से एड्रेनालाईन में 540 प्रतिशत और डोपामाइन में 250 प्रतिशत की वृद्धि होती है. आपको बता दें कि यह डिप्रेशन की दवाएं हैं. इससे शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन होता है. 

 

4- आप ठंडे पानी से पहले दिन 15 सेकेंड नहाएं, फिर अगले दिन 30 सेकेंड. ऐसे ही आप 2 मिनट के कोल्ड शॉवर तक पहुंचे. अब से आप इस थेरेपी को अपनाकर देखिए, फिर देखिए कैसे आपके चेहरे पर चमक और कसाव आतीहै.

 

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जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ


जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ यदि आपको क्लिक, जबड़े का फटना, जबड़े में या उसके आसपास दर्द, जबड़े का लॉक होना, दांतों के आसपास दर्द और जागने पर पीड़ा महसूस होती है, तो संभावना है कि आप टीएमजे दर्द से पीड़ित हैं । टीएमजे दर्द की तीन मुख्य श्रेणियां हैं: मायोफेशियल दर्द: मांसपेशियों और ऊतकों में दर्द जोड़ का विकार, जिसका अर्थ है टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के भीतर गलत स... Read More

जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ

यदि आपको क्लिक, जबड़े का फटना, जबड़े में या उसके आसपास दर्द, जबड़े का लॉक होना, दांतों के आसपास दर्द और जागने पर पीड़ा महसूस होती है, तो संभावना है कि आप टीएमजे दर्द से पीड़ित हैं ।

टीएमजे दर्द की तीन मुख्य श्रेणियां हैं:

  • मायोफेशियल दर्द: मांसपेशियों और ऊतकों में दर्द
  • जोड़ का विकार, जिसका अर्थ है टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के भीतर गलत संरेखण
  • टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के आसपास अपक्षयी जोड़ रोग 

गर्दन, कंधों और छाती के आसपास की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से इस असुविधा से कुछ राहत मिल सकती है। स्ट्रेचिंग और सपोर्टेड योगासन से जकड़न को दूर करने से मायोफेशियल तनाव कुछ हद तक कम हो सकता है और जबड़े को बेहतर तरीके से संरेखित करने में मदद मिल सकती है।

टीएमजे दर्द से राहत के लिए 3 योग अभ्यास

1. बॉडी स्कैन करें

अपने शरीर में दर्द और बेचैनी की जांच करना यह पता लगाने का एक अच्छा तरीका है कि आपको कहां तनाव और टीएमजे दर्द का अनुभव हो रहा है। 

  • आप इसे लेटकर या बैठकर कर सकते हैं।
  • अपने शरीर को स्कैन करें, अपना ध्यान पूरे सिर पर ले जाएं - खोपड़ी से माथे तक, आंखों से, गालों से, नाक से, मुंह से, जबड़े तक, और गर्दन तक (सामने, बगल और पीछे), ऊपरी पीठ और कंधों के साथ-साथ छाती की मांसपेशियों तक।
  • ध्यान दें कि क्या आपके शरीर के किसी हिस्से में तनाव है या आपको असहजता महसूस हो रही है। अपनी साँसों का इस्तेमाल करके तनाव वाले किसी भी हिस्से को आराम पहुँचाने में मदद करें।
  • श्वास लें, सांस अंदर लें और निरीक्षण करें।
  • सांस छोड़ें, तनाव मुक्त करें और प्रत्येक क्षेत्र में मांसपेशी ऊतक को आराम देने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • तनाव वाले क्षेत्र को मुक्त करने के लिए श्वास चक्र के जितने चक्र आवश्यक हों उतने लें।

अक्सर, टीएमजे (TMJ) से पीड़ित लोगों के सिर, गर्दन और कंधों में बहुत ज़्यादा तनाव रहता है। एक साधारण बॉडी स्कैन आपके तनाव को समझने और उसे दूर करने पर ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद कर सकता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे ज़रूरत पड़ने पर बार-बार दोहराया जा सकता है।

2. अपनी गर्दन को स्ट्रेच करें

गर्दन को खींचना भी टीएमजे की असुविधा और दर्द से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है, क्योंकि तनावग्रस्त गर्दन की मांसपेशियां और प्रावरणी जबड़े में दर्द को काफी हद तक प्रभावित कर सकती हैं।     

  • बैठते समय, अपने सिर को एक तरफ झुकाएँ, कान को कंधे की ओर झुकाएँ और ठुड्डी को आगे की ओर रखें। 3 से 4 साँसों तक इसी स्थिति में रहें।
  • अपने सिर को एक तरफ़ झुकाकर, अपनी ठुड्डी को उसी कंधे की ओर नीचे घुमाएँ। 3 से 4 साँसों तक इसी स्थिति में रहें।
  • अपने सिर को वापस प्रारंभिक बिंदु पर घुमाएं।
  • इस चक्र को प्रत्येक तरफ 2 या 3 बार दोहराएं।

ऐसा पूरे दिन करें, विशेषकर जब भी आपको लगे कि आपके कंधे तनावग्रस्त होने या तनावग्रस्त होने के कारण ऊपर उठने लगे हैं, विशेषकर वाहन चलाते समय या कोई उपकरण पकड़ते समय।

3. समर्थित बैकबेंड का अभ्यास करें

सपोर्टेड बैकबेंड्स गर्दन , कंधों और छाती की मांसपेशियों में तनाव दूर करने का एक बेहतरीन तरीका है। जैसे-जैसे हमारी छाती की मांसपेशियां कसती हैं, हम अपने कंधों को आगे की ओर खींचते हैं, जिससे हमारी ठुड्डी भी आगे की ओर खिंचती है।    

  • एक कम्बल को एक लम्बे बेलन के आकार में मोड़कर, उसे योगा मैट पर इस प्रकार रखें कि वह आपके योगा मैट के लम्बे किनारों के समानांतर हो।
  • अपने कंबल रोल के सामने ज़मीन पर बैठ जाएँ, इस तरह कि आपका पिछला हिस्सा रोल के सिरे को छू रहा हो। रोल पर पीठ के बल लेट जाएँ ताकि आपकी कमर की रीढ़ का ऊपरी हिस्सा, आपकी वक्षीय और ग्रीवा रीढ़, और आपका सिर, सभी कंबल पर टिके रहें।
  • अपनी बाहों को बगलों में फैलाएँ, हथेलियाँ ऊपर की ओर हों। अपनी रीढ़ को सहारा दें और अपनी छाती, कंधों और गर्दन के आसपास की मांसपेशियों को उस सहारे में आराम करने दें।
  • आपके कूल्हे ज़मीन पर होने चाहिए। आपके घुटने मुड़े हुए रह सकते हैं, या आपके पैर फैले हुए हो सकते हैं।
  • कम से कम कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें। ऐसा करते समय अपनी नाक से साँस अंदर-बाहर करें।
  • लंबी साँसें लें, साँस लेने और छोड़ने की गति बढ़ाएँ। अपने दांतों को थोड़ा सा अलग करें ताकि उनके बीच जगह हो।
  • अपने पूरे शरीर को समर्थित मुद्रा में आराम करने दें और तनाव को दूर होने दें।

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सिर दर्द से रहते हो परेशान आज कल ये परेशानी बहुत तेजी से पढ़ती जा रही अप परेशान नही होना अगर आप चे योग अप ढेली रूटी मे लाए तो फरक आपको कुछ दिनो मे ही दिखा जाएगा


सिर में दर्द होने पर कौन सा योग करना चाहिए ? ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको कई तरह के प्राणायाम जैसे ओम् चैटिंग, कपालभांति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। यह आपके शरीर को भीतर से रिलैक्स करते हैं, जिससे आपको तनाव कम होता है और फिर सिरदर्द की शिकायत नहीं होती है। 2 मिनट में सिरदर्द से कैसे छुटकारा पाएं?... Read More

सिर में दर्द होने पर कौन सा योग करना चाहिए ?

ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको कई तरह के प्राणायाम जैसे ओम् चैटिंग, कपालभांति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। यह आपके शरीर को भीतर से रिलैक्स करते हैं, जिससे आपको तनाव कम होता है और फिर सिरदर्द की शिकायत नहीं होती है।

2 मिनट में सिरदर्द से कैसे छुटकारा पाएं?

तनाव से होने वाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए प्रत्येक हाथ पर 30 सेकंड तक मालिश करें। माइग्रेन से तुरंत राहत पाने के लिए अपने माथे पर ठंडी सिकाई करें या तनाव से होने वाले सिरदर्द को शांत करने के लिए गर्दन पर गर्म सिकाई करें।


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हाथ पैर मे रैहता है दर्द इस को राहत दिलाना चाहते हो तो यह योगासन रोज कीजिए


हाथ-पैर में दर्द से राहत दिलाएंगे ये योगासन, रोज कीजिए इनका अभ्यास गलत लाइफस्टाइल और खान पान में पोषण की कमी के कारण लोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम के चक्कर में लोगों को इधर-उधर भाग दौड़ करनी होती है। व्यस्त शेड्यूल की वजह से शरीर को आराम न मिल पाने पर व्यक्ति के पैरों पर दबाव पड़ता है और पैरों में दर्द की समस्या हो जाती है। गड़बड़ जीवनशैली... Read More

हाथ-पैर में दर्द से राहत दिलाएंगे ये योगासन, रोज कीजिए इनका अभ्यास

गलत लाइफस्टाइल और खान पान में पोषण की कमी के कारण लोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम के चक्कर में लोगों को इधर-उधर भाग दौड़ करनी होती है। व्यस्त शेड्यूल की वजह से शरीर को आराम न मिल पाने पर व्यक्ति के पैरों पर दबाव पड़ता है और पैरों में दर्द की समस्या हो जाती है। गड़बड़ जीवनशैली और लगातार बैठे रहने की आदत के कारण हाथ और पैरों में दर्द बढ़ जाता है। लोग इस शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए और हाथ पैर को आराम दिलाने के लिए मालिश करते हैं। मालिश से दर्द में त्वरित आराम तो मिल जाता है लेकिन दर्द लगातार लंबे समय तक बना रहता है। इसलिए शरीर दर्द से निजात के लिए स्थाई इलाज के तौर पर योग फायदेमंद है। योग विशेषज्ञ के मुताबिक, नियमित योगाभ्यास से हाथ पैर में दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। कुछ आसन ऐसे होते हैं, जो पैरों की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं और हल्का महसूस कराने में मदद करते हैंI

सेतुबंधासन

इस आसन को ब्रिज पोज योग भी कहते हैं। सेतुबंधासन पैरों और कमर दर्द से छुटकारा दिलाने में लाभदायक माना जाता है। इस आसन को करने से पैरों की मांसपेशियों में रक्त का संचार बढ़ता है। जिससे पैरों में होने वाला दर्द ठीक होने लगता है। सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अब पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग करते हुए घुटनों को मोड़ लें। हथेलियों को खोले और हाथ बिल्कुल सीधा जमीन पर सटा लें। सांस लेते हुए कमर के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और कंधे व सिर को सपाट जमीन पर टिका कर रखें। बाद में सांस छोड़ते हुए पुरानी स्थिति में आ जाएं।

उत्तानासन

उत्तानासन योगाभ्यास से पैरों के दर्द और जकड़न की समस्या से निजात मिलता है। ये आसन कमर और रीढ़ के लिए भी फायदेमंद होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग करते हुए घुटनों को सीधा रखें और आगे की ओर झुक कर पैरों के पिछले हिस्से को छूने की कोशिश करें।

बालासन

 

बालासन को चाइल्ड पोज कहा जाता है। इस आसन के नियमित योगाभ्यास से पैरों के दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। चाइल्ड पोज को करने के लिए जमीन पर वज्रासन अवस्था में बैठ जाएं। अब सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। फिर सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाते हुए लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। अब अपनो दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ें और सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रख लें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर पुरानी स्थिति में आ जाएं।  

भुजंगासन

 

पैरों और शरीर दर्द से राहत दिलाने के लिए भुजंगासन लाभदायक है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच कम दूरी रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी भाग को ऊपर की तरफ उठाएं। इस दौरान कोहनी सीधी रखें और पैरों को मोड़ते समय ज्यादा खिंचाव न लाएं। 

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बालो से हो परेशान नही पड़ पाते सोच रहे हो के ऐसा क्या किया जाए जो बाल दोगुनी तेजी से बढ़ने लगे बस ये कर लो कुछ योगासन आप को खुद को ही फरक दिखने लगेगा और हेयर फॉल भी रुक जायगा


दोगुनी तेजी से बढ़ने लगेंगे बाल, रुक जाएगा हेयर फॉल; रोज करें ये 8 योगासन क्या आप बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं। अगर हां तो इसमें कुछ योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो बाल बढ़ाने और झड़ने से बचाने में कारगर हो सकते हैं। आज के समय में खुद को फिट और आकर्षक बनाए रखने का चलन सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि लोग अपनी बढ़ती उम्र से लेकर अपने झड़ते बालों... Read More

दोगुनी तेजी से बढ़ने लगेंगे बाल, रुक जाएगा हेयर फॉल; रोज करें ये 8 योगासन

क्या आप बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं। अगर हां तो इसमें कुछ योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो बाल बढ़ाने और झड़ने से बचाने में कारगर हो सकते हैं।

आज के समय में खुद को फिट और आकर्षक बनाए रखने का चलन सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि लोग अपनी बढ़ती उम्र से लेकर अपने झड़ते बालों के निवारण हेतु कोई ना कोई उपाय खोजते रहते हैं। हो सकता है कि आप भी ऐसा करते हों। ऐसे में लोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं।

जिससे उन्हें लाभ भी होते हैं। लेकिन जब बात स्किन और बालों की आती है तो सभी सोच में पड़ जाते हैं। अगर आपके साथ ऐसा है तो बता दें योग केवल शरीर ही नहीं बल्कि स्किन और बालों की समस्याओं को भी निपटा सकता है।

ऐसे कई योगासन है जो आपके बालों की ग्रोथ को बेहतर करने का कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा योग के जरिए आप झड़ते बालों की समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में।

शीर्षासन

यह आसन हैडस्टेंड पोजीशन के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने से सिर तक रक्त प्रवाह बेहतर होने लगता है जो बालों की झड़ने की और उनके पतला होने की समस्या को खत्म करता है। इसके अलावा सिर में बेहतर रक्त प्रवाह के चलते बालों की ग्रोथ भी बेहतर होने लगती है। यही नहीं अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं तो भी आप इस आसन को आजमा सकते हैं। साथ ही यह निष्क्रिय हो चुके हेयर फॉलिकल की क्षमता को बढ़ाने का कार्य भी करता है। बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए आप शीर्षासन को आजमा सकते हैं।

 

आसन की विधि

 

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाएं और इन्हें सिर के पीछे ले जाएं।

अब नीचे झुके और अपने सिर को जमीन पर रखें।

अब धीरे- धीरे बैलेंस बनाते हुए अपने पैरों को ऊपर की ओर लेकर जाएं।

ध्यान रहे इस दौरान आपको पूरी तरह उल्टा यानी सिर के बल खड़ा होना होगा।

अब कुछ समय होल्ड करने के बाद रेस्ट करें।

ध्यान रहे आसन करते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

शुरुआती समय में आप इस आसन को दीवार के सहारे भी कर सकते हैं।

यह आसन कैमेल मुद्रा के नाम से भी जानी जाती है। यह आसन शुरुआत में बहुत मुश्किल हो सकता है। लेकिन धीरे- धीरे इसे करना आसान हो जाता है। यह आसन आपकी सिर तर ऑक्सीजन के स्तर और रक्त प्रवाह की स्थिति को बेहतर करता है। इसके जरिए आपके हेयर फॉलिकल मजबूत होते हैं और बालों का विकास तेज होने लगता है। यह ना केवल बालों की ग्रोथ बढ़ाता है बल्कि इसके जरिए बाल घने होते हैं और इनकी गुणवत्ता भी अच्छी होने लगती है।

 

आसन की विधि

 

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएं।

अब अपने हाथों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ उठाएं।

इसके बाद सांस ले और छोड़ते हुए नीचे की तरफ आए हो सके तो जमीन को टच करें।

इसके बाद अगर आपको अधिक कष्ट ना हो रहा हो तो और नजदीक आए और अपने घुटनों को गले लगा लें।

इस पोजीशन में कुछ देर तक रहें इसके बाद रेस्ट करें।

ध्यान रहे अधिक जबरदस्ती खुद से बिल्कुल ना करें। जब आप आसन को करते रहेंगे तो प्रैक्टिस हो जाएगी और आप इसमें महारत हासिल कर लेंगे।

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कमर के दर्द से परेशान उठना - बैठना हो रहा है नामुमकिन लेकिन अब लेकिन अब आप हुए पहले से बेहतर


कमर दर्द होने पर क्या करें और क्या नहीं? कमर दर्द होने पर आपको अनेक बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जहाँ एक तरफ, थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानियों को बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी तरफ थोड़ी सी जागरूकता आपकी समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।   कमर दर्द होने पर डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखने का सुझाव देते हैं अच्छी मुद्रा में बैठें भारी सामान न उठाएं स्वस्थ वजन बनाकर रखें अपने शरीर... Read More

कमर दर्द होने पर क्या करें और क्या नहीं?

कमर दर्द होने पर आपको अनेक बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जहाँ एक तरफ, थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानियों को बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी तरफ थोड़ी सी जागरूकता आपकी समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।

 

कमर दर्द होने पर डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखने का सुझाव देते हैं

  • अच्छी मुद्रा में बैठें
  • भारी सामान न उठाएं
  • स्वस्थ वजन बनाकर रखें
  • अपने शरीर की मालिश करें
  • लंबे समय तक एक जगह न बैठें
  • थोड़े-थोड़े समय पर ब्रेक लें और टहलें
  • शराब और सिगरेट आदि के सेवन से दूर बचें
  • रोजाना सुबह या शाम में हल्का-फुल्का व्यायाम करें
  • मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाएं और उनमें लचीलापन लाएं

:अगर किसी तरह की कोई शंका यानी डाउट है तो विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपको डाइट, व्यायाम और जीवनशैली के संबंध में मदद कर सकते हैं जिससे आपको कमर के दर्द से राहत मिलने में आसानी होगी।

अगर कमर दर्द का कारण कोई गंभीर चोट या बीमारी नहीं है तो कुछ ख़ास घरेलू नुस्खों से इसका इलाज किया जा सकता है। बहुत सारे घरेलू उपचार और उपाय है, जिसकी सहायता से कमर दर्द से राहत मिल सकती है। यदि घरेलू उपचार कारगर साबित नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर विभिन्न विकल्पों के साथ कमर दर्द का इलाज करते हैं, जिसमें दवाएं, नॉन सर्जिकल उपचार और सर्जिकल उपचार शामिल हैं। ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं या त्वचा पर लगाए जाने वाले मरहम है। चलिए पहले कमर दर्द से बचने के उपाय और फिर घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं।  

01. गर्म पानी की सिकाई से कमर दर्द का इलाज

हल्का गर्म पानी अनेको समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। 

इससे कमर दर्द में भी बहुत फायदा होता है। हल्का गर्म पानी में नमक मिलाएं और उस पानी में तैलीय को भिगोकर उसे निचोड़ दें और फिर उससे अपने कमर और पीठ की सिकाई करें।

 

इस बात का ध्यान रहे कि आप सीधे अपनी त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई न करें। सिकाई करने से पहले अपनी कमर और पीठ पर एक सूती कपड़ा रख लें। फिर उसके ऊपर तौलिया से सिकाई करें। सीधा त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई नहीं करना चाहिए। सूती कपडे की एक लेयर होना आवश्यक है।

02. नारियल तेल से कमर दर्द का इलाज

नारियल तेल में 4-6 लहसुन की कलियां मिलाकर उसे आग पर अच्छी तरह पकाएं। पकाने के बाद जब तेल ठंडा हो जाए तो उससे अपनी कमर और पीठ की अच्छी तरह मालिश करें। यह तेल कमर के नीचे दर्द का बेहतर उपाय ( kamar ke niche dard ka upay) है।

 

लहसुन में अनेक गुण पाए जाते हैं जो कमर दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि तैयार किए गए तेल से मालिश करने के कम से कम 30 मिनट बाद नहाएं ताकि आपका शरीर तेल को अच्छी तरह सोख ले।


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लीवर की दिक्कत से हो रहे हो परेशान लिवर को स्वस्थ बनाने के लिए ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ आप को बस ईमान दारी से करनी है


लीवर को स्वस्थ बनाए रखती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां खानपान पर विशेष ध्यान ना देने की वजह से आजकल लोग अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पाचन से जुड़ी कई बीमारियां लीवर में खराबी की वजह से होती हैं. हद से ज्यादा शराब पीना और अनियमित खानपान साथ में आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों (Herbs for Li... Read More

लीवर को स्वस्थ बनाए रखती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

खानपान पर विशेष ध्यान ना देने की वजह से आजकल लोग अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पाचन से जुड़ी कई बीमारियां लीवर में खराबी की वजह से होती हैं. हद से ज्यादा शराब पीना और अनियमित खानपान साथ में आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों (Herbs for Liver Health) के बारे में बताया गया है जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. आइए उन जड़ी-बूटियों और औषधियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:  

1- लीवर को स्वस्थ रखती है भुंई आंवला या भूम्यामलकी (Bhumi Amla keeps your Liver Healthy in Hindi)

भूम्यामलकी एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो कि आसानी से घर के आस-पास छोटे पौधे के रूप मिल जाती है. यह जड़ी-बूटी लीवर को कई तरह के संक्रमण से बचाती है और लीवर की सेहत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है. लीवर से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार भुंई आंवला का सेवन करना चाहिए. 

भुंई आंवला या भूम्यामलकी के उपयोग का तरीका असे है (How to take Bhumi Amla

लीवर के लिए भूम्यामलकी का उपयोग आप चूर्ण, कैप्सूल या टेबलेट के रूप में कर सकते हैं. आजकल इसका जूस भी बाजार में मिलता है. खुराक संबंधित जानकारी के लिए चिकित्सक से परामर्श लें.  

2- लीवर की क्षमता को बढ़ाती है कुटकी इसे भी जाने  (Kutki improves Liver Performance in Hindi)

कुटकी एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग लीवर के रोगों में प्रमुख रूप से किया जाता है. आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार कुटकी लीवर की सूजन को कम करती है साथ ही लीवर की कार्य क्षमता भी बढ़ाती है. जो लोग लीवर में सूजन की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर कुटकी का सेवन करना चाहिए.  

 कुटकी के सेवन का तरीका कुछ इस प्रकार है (How to take Kutki)

आजकल कुटकी का कैप्सूल या चूर्ण बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है. आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही इसका सेवन करें.  

3- लीवर के लिए बेहद फायदेमंद है आंवला  ये और भी कई चीजो मे फायदेमंद होता है (Amla for Healthy Liver in Hindi )

आंवला आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली जानीमा नी औषधि है. यह लीवर को डिटॉक्स करने का काम करती है. आंवला में पाए जाने वाले फायटो नुट्रिएंट्स लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, आंवले में हेप्टो प्रोटेक्टिव क्षमताएं होती हैं जो लीवर की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखती हैं.  

आंवला के सेवन का तरीका (How to take Amla)

आंवले का उपयोग आप कई तरह से कर सकते हैं. सबसे आसान और कारगर तरीका है कि आप कच्चे आंवले का सेवन करें. इसके अलावा आज कल बाजार में आंवले के जूस, टेबलेट, कैप्सूल्स और कैंडी आसानी से मिल जाते हैं. आप रोजाना सीमित मात्रा में इनमें से किसी का भी सेवन कर सकते हैं. 

4- लीवर को संक्रमण से बचाती है एलोवेरा (Aloevera protects Liver from infections in Hindi) 

एलोवेरा में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो लीवर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले कई तरह के नुकसान और संक्रमण से बचाते हैं. रोजाना सीमित मात्रा में एलोवेरा का सेवन करने से लीवर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है. 

एलोवेरा का सेवन कैसे करे (How to take Aloevera)

एलोवेरा का उपयोग सबसे ज्यादा जूस के रूप में किया जाता है. रोजाना सुबह खाली पेट दो तीन छोटी चम्मच एलोवेरा जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं.  

5- लीवर की सूजन को घटाती है पुनर्नवा (Punarnava helps in reducing Liver Swelling in Hindi)

आज के समय में अधिकांश लोग लीवर में सूजन की समस्या से परेशान रहते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो पुनर्नवा आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. पुनर्नवा एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है. यह लीवर की सूजन घटाती है साथ ही लीवर से जुड़े अन्य रोगों के खतरे को भी कम करती है. 

पुनर्नवा के सेवन का तरीका (How to Take Punarnava)

पुनर्नवा चूर्ण, कैप्सूल, टेबलेट और सिरप के रूप में उपलब्ध है. आप किसी भी रूप में इसका सेवन कर सकते हैं. इसे कितनी मात्रा में लेना है इसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें. 

लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine for Liver in Hindi)

अगर आप फैटी लीवर या लीवर में संक्रमण की समस्या से पीड़ित हैं या इनसे बचना चाहते हैं तो ऐसी आयुर्वेदिक औषधि चुनें जिसमें यहां बताई गई जड़ी-बूटियां मौजूद हों. टाटा 1mg तेजस्या लीवर केयर सिरप में भुंई आंवला, पुनर्नवा, आंवला के अलावा भृंगराज, हरीतकी और चित्रक जैसी जड़ी-बूटियां भी शामिल हैं, जो लीवर को हर तरह के संक्रमण से बचाती हैं. इस सिरप को पीने से लीवर स्वस्थ रहता है, मेटाबोलिज़्म मजबूत होता है और पाचन तंत्र में सुधार होता है. 

लीवर को स्वस्थ रखने के लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव (Lifestyle Changes for Healthy Liver in Hindi) 

अगर आप अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाएं तो लीवर को लंबे समय तक स्वस्थ और निरोग रख सकते हैं. इसलिए यहां बताए गए इन नियमों का गंभीरता से पालन करें: 

 

  • रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं. इससे लीवर का स्वास्थ्य ठीक रहता है और शरीर से टॉक्सिक तत्व भी आसानी से बाहर निकल जाते हैं. 
  • अपनी डाइट में अधिक से अधक पौष्टिक चीजें शामिल करें. लीवर के लिए हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, मूली, गाजर और लौकी खाएं. 
  • शराब लीवर को बहुत नुकसान पहुंचाता है. इसलिए शराब का सेवन कम से कम मात्रा में या बिल्कुल ना करें. 
  • नियमित व्यायाम करने से लीवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है. रोजाना आधे घंटे व्यायाम, योग या प्राणायाम करें. 
  • बहुत ज्यादा स्ट्रेस भी लीवर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. स्ट्रेस से दूर रहें और रोजाना कुछ देर ध्यान करें साथ ही परिवार के साथ समय बिताएं. 

हमें उम्मीद है कि यहां बताए गए घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (Herbs for Liver Health) आपके लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे. 


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हड्डी को लेकर हो रहे परेशान हो गई हड्डी कमजोर व खोकली कमजोर हड्डियों को बनाने के लिए वस ये 4 तरीके अपना लो शरीर बन जाएगा पत्थर के जेसा


खोखली कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाती हैं ये चीजें, बस ये 4 तरीके अपनाएं, शरीर बन जाएगा पत्थर Healthy And Strong Bones Tips: शरीर में कैल्शियम और विटामिन्स की कमी से हड्डी से जुड़ी समस्याएं होने लगती है. जो उम्र के साथ साथ बढ़ने लगती है. इससे दूर करने के लिए आप कुछ चीज़ों का सेवन कर सकते हैं. हमारे शरीर का स्ट्रक्चर हड्डियों से मिलकर बना है और यही शरीर को मजबूत बनाने का काम करती हैं. ऐसे में हड्डियो... Read More

खोखली कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाती हैं ये चीजें, बस ये 4 तरीके अपनाएं, शरीर बन जाएगा पत्थर

Healthy And Strong Bones Tips: शरीर में कैल्शियम और विटामिन्स की कमी से हड्डी से जुड़ी समस्याएं होने लगती है. जो उम्र के साथ साथ बढ़ने लगती है. इससे दूर करने के लिए आप कुछ चीज़ों का सेवन कर सकते हैं.

हमारे शरीर का स्ट्रक्चर हड्डियों से मिलकर बना है और यही शरीर को मजबूत बनाने का काम करती हैं. ऐसे में हड्डियों का मजबूत और हेल्दी होना बहुत जरूरी है लेकिन कैल्शियम, विटामिन्स की कमी और बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में कमज़ोरी जैसी समस्या आने लगती है. हड्डियां हमारे शरीर में मांस पेशियों को बढ़ाकर जोड़ों को सपोर्ट देने, कैल्शियम, फॉस्फेट और कई तरह के मिनरल्स जमा करने का काम करती है. हड्डी की मजबूती के लिए आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर इन्हें हेल्दी बना सकते हैं.

 हड्डियों को मजबूत करने के उपाय (How To Get Strong Bones)
 1. करें हरी सब्ज़ियों का सेवन अच्छे से ईमानदारी से 

हड्डी को मज़बूत करने के लिए आप अपनी डाइट में ख़ूब सारी सब्ज़ियों को शामिल करें. सब्ज़ियों में मौजूद विटामिन सी हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं को बढ़ाने और इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट के प्रभाव से हड्डी की डैमेज हुई सेल्स को रिपेयर करने का काम करती है. इसके अलावा आप अपनी डाइट में प्याज़ भी शामिल करें क्योंकि इसमें ओस्टियोपोरोसिस का ख़तरा कम करने के गुण होते हैं.

2. डाइट में शामिल करें कैल्शियम वाले फूड्स ये भी अवश्य करे ।

कमज़ोर और खोखली हड्डी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी डाइट में कैल्शियम लें. कैल्शियम एक ऐसा खनिज पदार्थ है जिसका सेवन हड्डियों को मज़बूत बनाने और स्वस्थ रखने का काम करता है. इसलिए आप अपनी डाइट में दूध और दूध से बने उन पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें जिससे आपकी हड्डी को मज़बूती मिले. 

 

3. खाएं विटामिन डी और विटामिन के इन का भी अच्छे से सेवन करो 

हड्डी को मज़बूती देने के विटामिन D भी अहम भूमिका निभाता है. विटामिन D हमारे शरीर में कैल्शियम को ऑब्ज़र्व करता है. आप अपनी डाइट में कलौजी, पनीर और फिश जैसे खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं. साथ ही विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं. मैग्नीशियम और जिंक युक्त चीज़ों का सेवन करें. साथ ही अपने शरीर में ओमेगा 3 और फैटी एसिड की कमी न हो इस बात का भी ध्यान रखें.

 

4. खाएं प्रोटीन युक्त चीजें एसी चीजे और भी चीजो मे फायदा करती है 

हमारे शरीर में मौजूद हड्डियों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन से मिलकर बना होता है. ऐसे में आपको अपनी हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन ज़रूर करें. प्रोटीन कैल्शियम को सोखने में भी मदद करता है. इसलिए आप अंडे, मांस, मछली और डेयरी युक्त प्रोडक्ट का सेवन करें.


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आंखो की रोशनी हो गई है कम हो रहे हो परेशान सोच रहे हो क्या करे । आइए यहां जाने आप आंखो की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय


आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय आंखें हमारे शरीर की सबसे नाजुक अंगों में से एक है। आजकल छोटे से बड़े सभी उम्र के लोग चश्मे का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह आज की जीवन शैली से सभी की आंखों पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मोबाइल स्क्रीन, कंप्यूटर आज की आधुनिक जीवन शैली का सबसे बड़ा हिस्सा है। आयुर्वेद में आंखों की देखभाल करने के कई उपचार बताए गए हैं। जब हम अपनी आंखों का ख्याल नही... Read More

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय

आंखें हमारे शरीर की सबसे नाजुक अंगों में से एक है। आजकल छोटे से बड़े सभी उम्र के लोग चश्मे का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह आज की जीवन शैली से सभी की आंखों पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मोबाइल स्क्रीन, कंप्यूटर आज की आधुनिक जीवन शैली का सबसे बड़ा हिस्सा है। आयुर्वेद में आंखों की देखभाल करने के कई उपचार बताए गए हैं।

जब हम अपनी आंखों का ख्याल नहीं रखते तो दृष्टि से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। हमारे शरीर में कुछ तत्वों के असंतुलन के कारण आंखों से जूड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में जरूरी तत्वों के संतुलन का तरीका बताया गया है।

हमारी दृष्टि को सही बनाए रखने के लिए आयुर्वेद कई तरीकों के बारे में बताता है। आंखों के सही देखभाल के लिए आयुर्वेद कई सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार उपलब्ध करवाता है, जिसका उपयोग कर हम अपने दृष्टि को बेहतर बना सकते हैं। सही आहार, योग, प्राणायाम जैसे तकनीकें हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं।

अच्छी आदतों को अपने जीवन शैली में जरूर ही शामिल करना चाहिए और साथ ही फोन, लैपटॉप एवं डिजिटल उपकरणों का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। आयुर्वेद के बताए गए इलाज का उपयोग कर आप नियमित रूप से लगाए जाने वाले चश्मे को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं। आईए जानते हैं उन उपचारों के बारे में।

सौंफ, बादाम और मिश्री का सेवन

आयुर्वेद के अनुसार, आंखों की दृष्टि को बेहतर बनाने के लिए सौंफ, बादाम और मिश्री का मिश्रण बनाकर सेवन करना चाहिए। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो हमारे आंखों के मांसपेशियों को मजबूती देते हैं। वहीं बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ए और विटामिन के मौजूदगी कारण आंखों की सेहत बेहतर होती है। मिश्री आंखों की मांसपेशियों को आराम देती हैं। इस उपाय को अपनाने के लिए 8 से 10 बदाम, 10 ग्राम सौंफ और मिश्री को पीस लें। रोज रात में सोने से पहले इस पाउडर को दूध में डालकर पिएं। इससे आपकी आंखों की रोशनी काफी तेज हो जाएगी।

आयुर्वेद में बताया गया है कि आंखों का नियमित मसाज करने से आंखों की इमेज मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिस कारण आंखों के आसपास के एरिया में रक्त अच्छे से प्रभाव कर पता है और आंखों की थकान भी दूर होती है। जिला को बेहतर बनाने के लिए आयुर्वेद में जल नेति क्रिया के बारे में बताया गया है, जल नेति क्रिया यानी की नाक की सफाई का अभ्यास करने से हमारे मस्तिष्क और आंखों को भी ताजगी मिलती है। आंखों का मसाज करने के लिए आप अपनी उंगलियों की मदद से आंखों के चारों तरफ हल्के हाथ से मालिश करें।


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नींद नही आति ये समस्या आज कल बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है । आईये


यद्यपि ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन एक चीज जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है सोने से पहले खाया जाने वाला भोजन। प्रति रात सात से आठ घंटे की नींद । अगर आपको वयस्क होने पर कम से कम इतनी नींद नहीं मिल रही है - और अगर आप कम उम्र के हैं तो उससे भी ज़्यादा - तो आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे कम नींद से काम चला... Read More

यद्यपि ऐसी कई चीजें हैं जो आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन एक चीज जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है सोने से पहले खाया जाने वाला भोजन।

प्रति रात सात से आठ घंटे की नींद । अगर आपको वयस्क होने पर कम से कम इतनी नींद नहीं मिल रही है - और अगर आप कम उम्र के हैं तो उससे भी ज़्यादा - तो आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे कम नींद से काम चला लेते हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। रोग नियंत्रण केंद्रों के अनुसार, 30 प्रतिशत वयस्क बताते हैं कि वे नियमित रूप से प्रति रात छह घंटे या उससे कम सोते हैं। इससे उन्हें बीमारियाँ होने, दिन में अनुचित समय पर झपकी आने और दैनिक कार्य करने में कठिनाई होने का खतरा रहता है। अगर इनमें से किसी एक काम में कार चलाना या कोई और काम शामिल है जिसके लिए आपका पूरा ध्यान चाहिए, तो यह समझना आसान है कि पर्याप्त नींद आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

 

वैसे तो कई चीज़ें आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग सोने से पहले खाए जाने वाले खाने को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सोने से पहले गलत खाना खाने से आप पूरी रात करवटें बदलते रहेंगे, जबकि सही खाना खाने से आप बच्चे जैसी नींद सो पाएँगे।

नींद के लिए, सोने से कम से कम चार घंटे पहले निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से बचें:

कैफीन : शायद सबसे प्रसिद्ध नींद चुराने वाला, कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक उत्तेजक है जो आपके मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों, जिन्हें रिसेप्टर्स कहते हैं, से जुड़ता है। ये रिसेप्टर्स आमतौर पर एक अन्य रसायन से जुड़ते हैं जो आपके मस्तिष्क को सोने का संकेत देता है। चूँकि कैफीन उस रसायन को अवरुद्ध करता है, इसलिए आप पूरी तरह जागते रहेंगे। कुछ संवेदनशील व्यक्तियों को सोने से 12 घंटे पहले कैफीन से बचना चाहिए।

भारी भोजन : मांस और वसा पचाने में मुश्किल होते हैं, इसलिए सोने से पहले बर्गर और पिज्जा जैसे भोजन खाना ठीक नहीं है। सोने से ठीक पहले इन्हें खाने से आपका पेट भी खराब हो सकता है।

अम्लीय और मसालेदार भोजन : टैको जैसे मसालेदार भोजन या खट्टे फल जैसे अम्लीय भोजन खाने से सीने में जलन और पेट में जलन हो सकती है। अगर आपको गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) है, तो यह विशेष रूप से समस्याजनक हो सकता है।

चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट : मीठे स्नैक्स और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद ब्रेड और पास्ता आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इससे आपको ऊर्जा का एक झोंका मिल सकता है, जो सोने की कोशिश करते समय आपके लिए हानिकारक है। यह मेलाटोनिन के स्राव को भी बाधित कर सकता है, एक ऐसा हार्मोन जो आपकी सतर्कता को कम करता है और आपको सोने और सोते रहने में मदद करता है।

शराब : एक नाइट कैप आपको सोने में मदद कर सकती है, लेकिन उस रात बाद में आप पूरी तरह जागते रहेंगे जब "रिबाउंड वेकफुलनेस" शुरू हो जाएगी और आपकी नींद में खलल डालेगी। शराब एक मूत्रवर्धक भी है, जिसका मतलब है कि आपको बार-बार बाथरूम जाने के लिए जागना पड़ सकता है। 

सोने से पहले आपको क्या खाना चाहिए?

सोने से पहले सही खाना खाने से नींद अच्छी आ सकती है। एक सामान्य नियम के तौर पर, सोने से कम से कम एक घंटा पहले खाना-पीना बंद कर दें ताकि आपके शरीर को भोजन पचाने का समय मिल सके।

 

साबुत अनाज जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान केंद्रित करने से आपका ब्लड शुगर बढ़ाए बिना आपको तृप्ति की भावना मिलेगी। कम वसा वाले दूध के साथ साबुत अनाज का एक कटोरा एक बढ़िया विकल्प है।

 

आप ऐसे खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं जिनमें नींद को बढ़ावा देने वाले तत्व होते हैं, जैसे मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफैन। टर्की, सोयाबीन और कद्दू के बीजों में ट्रिप्टोफैन की मात्रा अधिक होती है, और गहरे रंग की पत्तेदार सब्ज़ियाँ और एवोकाडो में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, सोने से पहले स्वादिष्ट गुआकामोल और साबुत अनाज के चिप्स खा लें।


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