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- Author:- financialplaned@gmail.com
- Date:- 2022:12:28
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शेयर मार्किट में सफल होने के 7 सूत्र
Read More1.जिस कंपनी के बारे में नहीं जानते उनको न खरीदे
2.Patient रखे 10 मिनट की नहीं 10 साल के बारे में सोचे
3. Best Time for invest जब मार्किट डाउन हो
4.ब्रोकर के बात सुने मगर जयादा ध्यान न दे
5. शेयर नहीं कंपनी खरीदे
6. आमिर बनने के फटा फट न सोचे
7. हर जगहे के शेयर खरीदने के न सोचे कुछ सेलेक्टिव स्टॉक buy करे होल्ड करे '
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- Date:- 2022:12:28
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जानें अपना जीवन बीमा

भारत में जीवन बीमा की शुरुआत सौ साल से भी पहले हुई थी.
दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले हमारे- जैसे देश में बीमा को उतना महत्व नहीं दिया जाता, जितना दिया जाना चाहिए. यहां हम एलआईसी के विशेष संदर्भों के ज़रिये पाठकों को जीवन बीमा की कुछ अवधारणाओं से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं.
बहरहाल, यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यहां हम जो कुछ भी बताने जा रहे हैं, वह एलआईसी की किसी पॉलिसी के नियम/ शर्तों या उसके लाभों या विशेषाधिकारों का विस्तृत ब्यौरा नहीं है.
विस्तृत जानकारी के लिए हमारे शाखा या मंडल कार्यालय से संपर्क करें. कोई भी एलआईसी एजेंट आपकी आवश्यवता के अनुरूप पॉलिसी का चुनाव करने और उसके भुगतान में आपकी मदद करके खुश होगा.
जीवन बीमा क्या है?
जीवन बीमा ऐसा अनुबंध है, जो उन घटनाओं के घटने पर, जिनके लिए बीमित व्यक्ति का बीमा किया जाता है, एक ख़ास रकम अदा करने का वादा करता है.
अनुबंध निम्नलिखित अवधि के दौरान बीमित रकम के भुगतान के लिए वैध होता है :
-
भुगतान तिथि, या
-
या नियत अवधि के अंतराल पर .खास-.खास तिथियों पर या?
-
दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर बशर्ते कि वह भुगतान अवधि से पहले हो
अनुबंध के तहत पॉलिसी धारक को नियत अंतराल पर निगम को प्रीमियमों का भुगतान करना होता है. एल.आई.सी.सार्वभौमिक रूप एक से ऐसा संस्थान माना जाता है, जो जोखिम दूर करता है और अनिश्चितता की जगह निश्चितता लाता है तथा आजीविका कमाने वाले के असामयिक निधन पर परिवार की समय से मदद करता है.
कुल मिला कर जीवन बीमा मृत्यु की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं का सभ्यताजन्य आंशिक समाधान है. संक्षेप में, जीवन बीमा का संबंध हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली दो समस्याओं से हैः
समय से पहले व्यक्ति के मर जाने और अपने आश्रितों को उनके हाल पर छोड़ जाने
बुढ़ापे तक बिना सहारे के जीने की
जीवन बीमा बनाम अन्य बचतें
बीमा अनुबंध बीमा अनुबंध चरम सद्भावनापूर्ण अनुबंध होता है, जिसे तकनीकी तौर पर "चरम विश्वास" कहा जाता है। तमाम महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा करने का सिद्धांत इसी महत्वपूर्ण सिद्धांत पर आधारित है, जो हर तरह के बीमे पर लागू होता है.
पालिसी लेने के समय पालिसी धारक को सुनिश्चित कराना चाहिए कि प्रस्ताव प्रपत्र में पूछे गये तमाम सवालों के सही जवाब दिये जायें ब कोई भी .गलतबयानी , किसी भी ची.ज का खुलासा न करना या किसी दस्तावे.ज में धोखाधड़ी करके जोखिम य स्वीकार ' कराना बीमा अनुबंध को अमान्य और निरस्त कर देता है।
सुरक्षा जीवन बीमा की मा.र्फत की जाने वाली बचत बचतकर्ता की मृत्यु हो जाने पर जो.खिम के र्खिंला.फ सुरक्षा की पूरी गारंटी देता है ब यही नहीं , निधन की स्थिति में जीवन बीमा पूरी बीमित रकम का भुगतान ( मय बोनसों के जहां बोनस मिलते हैं ) आश्र्वस्त कराता है ब जबकि दूसरी बचतों में सि.र्फ बचत की रकम मय ब्याज के अदा की जाती है
समृद्धि बढ़ाने में मदद जीवन बीमा समृद्धि को प्रोत्साहन देता है ब यह दीर्घकालिक बचत का अवसर प्रदान करता है क्योंकि योजना में निहित आसान किस्तों में आसानी से भुगतान किया जा सकता है ब (मसलन् प्रीमियमों का भुगतान या तो माहवार, तिमाही, छमाही या सालाना किस्तों में किया जाता है)
उदाहरणार्थ यवेतन बचत योजना' (जिसे आम तौर पर यएसएसएस' के नाम से जाना जाता है) के तहत बीमित व्यक्ति के वेतन से माहवार कटौती की मा.र्फत प्रीमियम के भुगतान का आसान उपाय मुहैया करती है
इस तरह के मामलों में नियोक्ता काटी गयी प्रीमियमें सीधे एलआईसी को अदा कर देता है ब वेतन बीमा योजना किसी भी संस्थान या प्रतिष्ठान के लिए आदर्श योजना होती है , अलबत्ता इसके साथ कुछ नियम/ शर्तें जु ड़ी होती हैं
नकदी बीमा बचत के मामले में किसी ऐसी पालिसी की जमानत पर जो .क.र्ज मूल्य प्राप्त कर चुकी हो , .क.र्ज मिलना आसान होता है . इसके अलावा , जीवन बीमा पालिसी को व्यावसायिक .क.र्ज की जमानत के रूप में भी स्वीकार किया जाता है
ढकर राहत आय कर और संपत्ति कर कटौती के उपयोग का भी जीवन बीमा सबसे उपयुक्त उपाय है ब जीवन बीमा की प्रीमियमों के रूप में अदा की जाने वाली रकम पर यह सुविधा उपलब्ध है , जो लागू आय कर दरों पर निर्भर करती है
करदाता कर .कानून के प्रावधानों का लाभ उठाकर करों में रिआयत पा सकता है . इस तरह के मामलों में बीमित व्यक्ति को दूसरी तरह की योजना के मु.काबले छोटी प्रीमियमें भरती होती हैं
जरूरत के समय पैसे
उपयुक्त बीमा योजना वाली पालिसी लेकर या कई अलग - अलग योजनाओं के समुय वाली पालिसी लेकर समय - समय पर पैदा होने वाली पैसों की .जरूरत को पूरा किया जा सकता है
बच्चों की पढ़ाई - लिखाई, गृहस्थी शुरू करने या शादी के. खर्चों या किसी. खास व.क्.फे में पैदा होने वाली मौद्रिक .जरूरतों को पूरा करना इन पालिसियों की मदद से आसान हो जाता है
इसके विपरीत पालिसी के पैसे व्यक्ति के सेवानिवृत्ति होने पर मकान बनवाने या दूसरे निवेशों जैसे कामों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं
इसके अलावा , पालिसी धारकों को मकान बनवाने या .फ्लैट .खरीदने के लिए .क.र्ज भी उपलब्ध कराया जाता है ( हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें लागू होती हैं )
कौन खरीद सकता है पालिसी
कोई भी वयस्क स्त्री - पुरुष जो वैध अनुबंध कर सकता है अपना और उनका बीमा करा सकता है जिनके साथ उनके बीमा कराने योग्य हित जुड़े हों
व्यक्ति अपने पति / या पत्नी या बों का भी बीमा करा सकता है लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं ब बीमा प्रस्तावों को स्वीकार करते समय निगम व्यक्ति के स्वास्थ्य , उसकी आय और दूसरे प्रासंगिक कारकों पर विचार करता है
स्त्रियों के लिए बीमा
राष्ट्रीयकरण ( 1955 ) से पहले कितनी ही बीमा कंपनियां स्त्रियों का बीमा करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियमें लेती थीं या कुछ अवरोधक शर्तें लगाती थीं. बहरहाल, राष्ट्रीयकरण करने के बाद से जिन शर्तों पर औरतों का जीवन बीमा किया जाता है, उन शर्तों की समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है ब
आज की तारी.ख में कमाने वाली कामकाजी औरतों को मर्दों के समतुल्य माना जाता है . दूसरे मामलों में निवारक शर्त लगायी जाती है . वह भी सि.र्फ तब जब औरत की उम्र ३० साल तक हो और कराधान सीमा में आने लायक उसकी आमदनी न हो.
चिकित्सकीय .गैर चिकित्सकीय योजनाएं
आम तौर पर जीवन बीमा बीमित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच के बाद किया जाता है . बहरहाल , जीवन बीमा को व्यापक प्रसार देने और असुविधाओं को टालने के लिए जीवन बीमा निगम बिना डाक्टरी जांच के बीमा सुरक्षा देने लगा है , जिसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं.
लाभ के साथ और बिना लाभ की योजनाएं
कोई बीमा पालिसी लाभ आधारित हो सकती है या बिना लाभ की भी हो सकती है ब लाभ आधारित पालिसियों के मामले में घोषित बोनस की, अगर इस तरह के बोनस की घोषणा की गयी हो , एक निश्चित अवधि पर होने वाले नियमित मूल्यांकनों के बाद पालिसी के साथ आवंटन किया जाता है और अनुबंधित रकम के साथ उनका भुगतान देय होता है.
बिना लाभ वाली पालिसियों के मामले में बिना किसी जो ड़ के अनुबंधित रकम अदा की जाती है ब लाभ युक्त पालिसी की प्रीमियमों की रकम इसीलिए लाभ रहित पालिसियों के मु.काबले .ज्यादा होती है.
कीमैन बीमा
कीमैन बीमा व्यापारिक कंपनियां / कंपनी को अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों के असामयिक निधन से होने वाले वित्रीय नुकसान से बचाने के लिए करती हैं.
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- Date:- 2022:12:28
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LIC की व्हाट्सऐप सर्विस से हो सकेंगे ये 11 काम नहीं पता तो यहां लें जानकारी

LIC Whatsapp Service : जिन पॉलिसीधारकों ने अपनी पॉलिसी को LIC पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया है, वे मोबाइल नंबर 8976862090 पर 'Hi' लिखकर whatsApp पर इन सविसेज का उपयोग कर सकेंगे.
इस नंबर पर मिलेगी कई सुविधाएं
एलआईसी के चेयरपर्सन एम.आर कुमार ने वॉट्सऐप पर पॉलिसीधारकों के साथ चुनिंदा इंटरैक्टिव सेवाओं का शुभारंभ किया है. जिन पॉलिसीधारकों ने अपनी पॉलिसी को LIC पोर्टल पर रजिस्टर्ड किया है, वे मोबाइल नंबर 8976862090 पर 'Hi' लिखकर whatsApp पर इन सविसेज का उपयोग कर सकेंगे. इस सर्विस में पॉलिसीधारकों को कई तरह की सेवाएं मिलने जा रही है. जिससे ग्राहकों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
बता दें कि इसमें आप प्रीमियम देय, बोनस इनफार्मेशन, पालिसी स्टेटस, लोन एलिजिबिल्टी कोटशन, लोन रीपेमेंट कोटशन, लोन इंटरेस्ट देय, प्रीमियम पेड सर्टिफिकेट, यूलिप- स्टेटमेंट ऑफ़ यूनिट्स, एलआईसी सर्विस लिंक्स, ऑप्ट इन/ऑप्ट आउट सेवाएं, कन्वर्सेशन की सुविधा मिलेगी.
WhatsApp Services पर मिलेगी ये सुविधा
- प्रीमियम ड्यू
- बोनस इन्फॉर्मेशन
- पॉलिसी स्टेटस
- लोन एलिजिबिलिटी क्वोटेशन
- लोन रिपेमेंट क्वोटेशन
- लोन इंटरेस्ट ड्यू
- प्रीमियम पेड सर्टिफिकेट
- ULIP- यूनिट्स का स्टेटमेंट
- LIC सर्विस लिंक्स
- Opt In/Opt Out सर्विसेज
- End Conversation
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- Date:- 2022:12:07
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क्या आप का LIC पॉलिसी बॉन्ड खो गया है? या गलने-फटने या नष्ट हो जाने पर क्या होगा? जानिए, कैसे पा सकते हैं डुप्लीकेट कॉपी तो चिंता करने की नहीं है जरूरत ऐसे करें दोबारा अप्लाई
Read Moreअगर आपने अपनी LIC पॉलिसी को खो दिया है, तो अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. आप भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड को हासिल कर सकते हैं.
LIC पॉलिसी दस्तावेज की जरूरत उसके खिलाफ लोन के लिए अप्लाई करते समय होती है. इसके अलावा पॉलिसी को सरेंडर करते समय, डेथ क्लेम करते समय और मैच्योरिटी पर पॉलिसी की राशि को क्लेम करते समय पड़ती है. यह चेक कर लें कि जो दस्तावेज आप खोज रहे हैं, उसे LIC या किसी दूसरे वित्तीय संस्थान को पहले से लोन लेने के लिए अप्लाई करते समय नहीं दिया गया है.
अगर पॉलिसी बॉन्ड प्राकृतिक आपदा जैसे आग या बाढ़ की वजह से बर्बाद हो चुका है, तो बाकी बचे हिस्से को LIC को डुप्लीकेट पॉलिसी डॉक्यूमेंट के लिए अप्लाई करते समय बीमा पॉलिसी के खो जाने के प्रूफ के तौर पर वापस किया जा सकता है
कैसे करें पॉलिसी के लिए फाइल?
अगर आप इस बात को लेकर निश्चित हैं कि पॉलिसी बॉन्ड का पता नहीं लगाया जा सकता है, तो सबसे सीधा तरीका है कि आप जिस ब्रांच में आपकी पॉलिसी सर्विस हुई थी, वहां डुप्लीकेट पॉलिसी के लिए फाइल कर दें. ऑनलाइन अप्लाई करने का विकल्प मौजूद नहीं है. व्यक्ति को इसके लिए एलआईसी की ब्रांच में ही जाना होगा.
LIC की वेबसाइट के मुताबिक, जहां पॉलिसी खोई है, उस राज्य में बड़े स्तर पर चलने वाले अंग्रेजी के अखबार में पॉलिसीधारक को अपने खर्च पर विज्ञापन देना होगा. जिस अखबार में विज्ञापन आया है, उसकी एक कॉपी को उसके आने के एक महीने के बाद सर्विसिंग ऑफिसर को भेजना होगा. अगर LIC में कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई है, तो जरूरी चीजों के अनुपालन के बाद डुप्लीकेट पॉलिसी को जारी कर दिया जाएगा. इनमें इंडेम्निटी बॉन्ड और पॉलिसी को तैयार करने के लिए चार्ज और स्टैम्प फीस शामिल है.
पॉलिसी के लिए क्या लगेगा चार्ज?
इस बात का ध्यान रखें कि LIC इंडेम्निटी बॉन्ड और डुप्लीकेट पॉलिसी को तैयार करने के लिए आपसे चार्ज ले सकता है. इसके साथ आपको स्टैम्प फी का भुगतान करना भी पड़ सकता है. हालांकि, कुछ मामलों में, विज्ञापन और इंडेम्निटी बॉन्ड की जरूरतों से छूट दी जा सकती है. इनमें पॉलिसी का चोरी होना, आग से पॉलिसी नष्ट हो जाना, सरकार के दफ्तर में पॉलिसी खो जाना शामिल है. इसके साथ अगर पॉलिसी खराब या नष्ट हो जाती है, अगर पॉलिसी फट गई है और अगर एक हिस्सा गायब है या चीटियों द्वारा पॉलिसी को आंशिक तौर पर बर्बाद हो जाना शामिल है.
व्यक्ति को सवालों का फॉर्म और फॉर्म 3756 भरना होगा. इसके साथ एक लिखित ऐप्लीकेशन और इंडेम्निटी बॉन्ड देना होगा. सवाल वाले फॉर्म में आपकी पॉलिसी की डिटेल्स पर सवाल, आपने उसे कैसे खोया है और उसे खोजने की कोशिशें शामिल होंगी.
बीमा कंपनी के आधार पर, बीमा कंपनी आपसे इंडेम्निटी बॉन्ड या नॉन-जूडिश्यल स्टैम्प पेपर को पेश करने को कह सकती है. LIC ऑफिस के साथ इस बात की पुष्टि कर लें कि क्या स्टैम्प पेपर जरूरी है और उसका मूल्य क्या है.
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- Date:- 2022:12:07
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Investment Tips: अब आप अपने अकाउंट में पैसा जोड़कर 12% तक का ब्याज पा सकते हैं
Read Moreभारत पे (BharatPe) द्वारा संचालित एक निवेश (Investment) और लोन (Loan) ऐप है. BharatPe भारत की एक सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी है. यदि आप अपने पैसे को 12% पर निवेश करते हैं तो आपको 12 प्रतिशत सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. यही नहीं, आप इस ऐप पर किसी भी समय 12 प्रतिशत की दर से लोन भी ले सकते हैं. BharatPe ने इन्वेस्टमेंट-कम्युलेटिव-बोरोइंग प्रोडक्ट के लिए RBI द्वारा अप्रूव्ड NDFCs के साथ साझेदारी की है.
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इस ऐप पर यदि आप निवेश करते हैं तो आपको 12 प्रतिशत के हिसाब से मिलने वाला ब्याज प्रतिदिन आपके अकाउंट में जुड़ता है. आप उस पैसे को किसी भी वक्त निकाल भी सकते हैं. यहां मिलने वाला रिटर्न किसी भी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से ज्यादा है.
12% Club के साथ कैसे करें शुरुआत
आपको 12% Club के साथ अपना अकाउंट ओपन करना होगा. आपको अपनी KYC पूरी करनी होगी. इसके बाद आप इसमें 1000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक इसमें रख सकते हैं. आप प्रतिदिन, मासिक या फिर सालाना आधार पर भी पैसा विद्ड्रॉल कर सकते हैं.
1. सबसे पहले 12% Club ऐप इंस्टॉल करें.
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2. अपना फोन नंबर दर्ज करें और OTP का इस्तेमाल करते हुए कन्फर्म करे.
3. मोबाइल नंबर वेलिडेट होने के बाद आपको ऐप के डैशबोर्ड पर ले जाएगा.
4. अब आप 12% Club ऐप पर निवेश करना शुरू कर सकते हैं
निवेश कैसे करना है?
1. सबसे पहले आपको "contribute money" ऑप्शन पर जाना होगा.
2. इसके बाद आपको अपना बैंक अकाउंट लिंक करना होगा.
3. अब "Link Now" पर टैप करें और फिर ड्रॉप डाउन मेन्यू से अपना बैंक अकाउंट चुनें.
4. इसके बाद आपको अपना आधार नंबर OTP की मदद से वेलिडेट करना होगा.
5. आधार KYC पूरी करने के बाद आपको अपनी एक सेल्फी लेकर सब्मिट करनी होगी.
6. सभी नियम और शर्तों से सहमत होने के बाद आपका अकाउंट अधिकृत हो जाएगा.
7. अब आप अपने अकाउंट में पैसा जोड़कर 12% तक का ब्याज पा सकते हैं.
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- Date:- 2022:11:07
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Investment Tips: सिक्योर्ड लोन देकर लोग कर रहे मोटी कमाई आप भी समझें पी2पी और उठाएं फायदा
Read Moreबैंक (Bank) हमारे ही पैसे पर इंडस्ट्री, होम लोन, व्हीकल लोन, एजुकेशन लोन देकर मोटी कमाई करते हैं लेकिन हमें मिलता है मामूली ब्याज (Interest). लिहाजा, अब अपने ही पैसे पर ज्यादा ब्याज या रिटर्न हासिल करने के लिए
यह नया तरीका पीयर-टु-पीयर (पी2पी) का है. इसमें आप जो भी रकम निवेश करना चाह रहे हैं, उसे क्रेडिट फर्में या फाइनेंस कंपनियां एप के जरिए जरूरतमंंदों को लोन के रूप में दे रही हैं. इससे आपको सीधे फाइनेंस के क्षेत्र में ऊंची दर से ब्याज कमाने का मौका बना सकते हैं.
भारतपे ने भी 12% क्लब नाम की ऐप के जरिये पी2पी उधारी शुरू करने का फैसला किया है.
https://twelveclub.onelink.me/2Cmd/racow4yp
पी2पी से किस तरह मिलता है फायदा
पी2पी प्लेटफॉर्म पर कर्ज देने वालों को ऊंची दर से ब्याज कमाने का मौका मिलता है. भारतपे का कहना है कि कर्ज देने वालों को सालाना 12 फीसदी तक ब्याज मिल जाएगा. जबकि, क्रेड अपने प्लेटफॉर्म से कर्ज देने वालों को 9 फीसदी तक का रिटर्न देने का दावा कर रही है. लेनदेनक्लब के मुख्य कार्य अधिकारी और सह-संस्थापक भविन पटेल कहते हैं कि उनके प्लेटफॉर्म पर उधार देने वालों को आसानी से 10-12 फीसदी सालाना रिटर्न मिल सकता है
उधार देने में जोखिम भी कम
उधार देने वाले प्लेटफार्म उधारी के लिए दी जाने वाली रकम की गारंटी तो नहीं लेते हैं लेकिन वे इसे सिक्योर्ड बनाने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं. वे ऐसे लोगों को कर्ज प्रदान करते है, जिनसे चूक होने की संभावना कम होती है. यही नहीं, वे आपकी रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर कई लोगों को कर्ज देते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है. जैसे, क्रेड मिंट पर उधार दी जाने वाली रकम औसतन 200 से अधिक कर्ज मांगने वालों के बीच बांटी जाती है. लेनदेनक्लब भी ऐसा ही करता है.
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- Date:- 2022:11:07
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जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार Jeevan Bima Policy ke Prakar
Read Moreहेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका Bimamoney.com पर आज हम बात करेगे बीमा क्या हैं, बीमा के प्रकार, जीवन बीमा क्या हैं और जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार के बारे में और बीमा से जुड़े हुए कुछ कठिन शब्दावली के बारे में |
हम सब लोग जानते है की हमारा जीवन कितना कीमती है और आज के समय में जीवन में कब क्या घटित हो जाये कोई नहीं जानता। सड़कों पर जिस तरह से रोज इतनी तेजी से गाड़ियाँ चल रही है जिससे हर दिन दुर्घटनाएँ बढ़ती ही जा रही है ऐसे में जीवन बीमा हर व्यक्ति के लिए जरुरी हो जाता है। दुर्घटना भरे इस जीवन में अपनी कीमती चीजों का बीमा करवाने से आपको बहुत सारे लाभ हो सकते है। यदि आपके परिवार वाले आप के इनकम पर आश्रित है और आप अपनी मृत्यु के बाद अपने परिवार की मदद करना चाहते है तो जीवन बीमा आपके लिए बहुत ही सुरक्षित तरीका है। तो आज इसी के बारे में हम बात करते है।
बीमा (Insurance) क्या हैं
भविष्य को ध्यान में रख कर वर्तमान में किया गया जोखिम प्रबंधन का एक रूप है जो आकस्मिक अथवा अनिश्चित हानि से सुरक्षा प्रदान करता हैं|
यह बीमाकर्ता (बीमा कम्पनी) और बीमित व्यक्ति (बीमाधारक) के बीच किया गया एक एग्रीमेंट होता है जिसमे बीमित व्यक्ति को किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर बीमाकर्ता द्वारा तय की गयी राशि या सेवा अदा की जाती हैं
बीमा के बिभिन्न प्रकार/Different types of insurance
1. जीवन बीमा क्या हैं/What is Life Insurance
यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमे बीमित व्यक्ति के जीवन का बीमा कर उसे मृत्यु के खिलाफ कवरेज प्रदान किया जाता हैं और बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर या पोलिसी मेचेओर हो जाने पर बीमाकर्ता (पोलिसी होल्डर) द्वारा उस व्यक्ति (बीमित व्यक्ति) को या उसके परिवार को एकमुस्त राशि का भुगतान किया जाता हैं |
जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार/Types of Life Insurance Policy
भारत में जीवन बीमा पोलिसी के मुख्यतः कई प्रकार हैं जिसमे से आज हम कुछ महत्वपूर्ण जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार के बारे में संक्षेप में चर्चा करेगे |
1. टर्म जीवन बीमा प्लान/ Term Life Insurance Plans
यह जीवन बीमा का सबसे शुद्ध रूप है जो बिना किसी प्रॉफिट एलिमेंट के साथ जीवन कवर प्रदान करता हैं |
इसमें बीमित व्यक्ति (पोलिसी धारक) को पोलिसी की अवधि के दौरान आकस्मिक मृत्यु पर बीमाकर्ता(बीमा कम्पनी) द्वारा मृत्यु लाभ में एकमुश्त राशि प्रदान की जाती हैं, यदि बीमित व्यक्ति की मृत्यु पोलिसी की अवधी के दोरान नहीं होती है और पोलिसी expire हो जाती है तो बीमित व्यक्ति को कोई कवर नहीं मिलता हैं और लाभ का दावा भी नहीं कर सकते हैं |
टर्म लाइफ इन्सुरेंस एक आय प्रतिस्थापन पोलिसी होती हैं और इसके प्लान जीवन बीमा प्लान की तुलना में प्रीमियम काफी सस्ते होते हैं अतः यह सबसे सस्ता जीवन बीमा प्लान हैं |
आमतौर पर टर्म लाइफ इन्सुरेंस के तीन और भी प्रकार हैं जैसे की -:
- डिक्रिजिंग टर्म लाइफ इन्सुरेंस
- इन्क्रिजिंग टर्म लाइफ इन्सुरेंस
- कैशबैक टर्म लाइफ इन्सुरेंस
1. डिक्रिजिंग टर्म लाइफ इन्सुरेंस
इस प्रकार के बीमा पोलिसी में सम इंश्योर्ड निश्चित दर पर हर साल घटता रहता है और पोलिसी के अंतिम साल के ख़त्म होने पर यह जीरो हो जाता हैं| इसमें प्रीमियम नहीं घटता है बल्कि सम इंश्योर्ड घटता हैं और इसका फायदा यह है की प्रीमियम की दर काफी कम होती हैं |
2. इन्क्रिजिंग टर्म लाइफ इन्सुरेंस
इस प्रकार के बीमा पोलिसी में सम इंश्योर्ड हर साल बढ़ता हैं इसलिए इस बढ़ता हुआ टर्म लाइफ इन्सुरेंस कहते हैं, इसमें इसका प्रीमियम थोडा सा जादा होता हैं |
3. कैशबैक टर्म लाइफ इन्सुरेंस
इस प्रकार के पोलिसी में टर्म लाइफ इन्सुरेंस का प्लान समाप्त होने पर अदा किया गया प्रीमियम बीमा कम्पनी द्वारा वापस कर दिया जाता हैं इसलिए इसका प्रीमियम अन्य टर्म प्लान की तुलना में जादा होता हैं |
Note -: किसी भी टर्म लाइफ इन्सुरेंस की पोलिसी के समाप्त होने पर यदि बीमित व्यक्ति जीवित है तो उसे किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलता हैं सिर्फ कैशबैक टर्म लाइफ इन्सुरेंस को छोड़ कर |
2. मनी बैक बीमा प्लान/ Money Back Insurance Plans
मनी बैक इन्सुरेंस प्लान एक अलग प्रकार की लाइफ इन्सुरेंस पोलिसी होती हैं जिसमे किये गए बीमा की कुछ राशि समय -2 पर सर्वायवल बेनिफिट के रूप में बीमित व्यक्ति को नियमित अन्तराल में सीधे भुगतान कर दी जाती हैं |
अगर बीमित व्यक्ति इस पोलिसी की अवधी के समाप्त होने के बाद भी जीवित रहता हैं तो बची हुई शेष राशि और बोनस बीमा कम्पनी द्वारा वापस कर दी जाती हैं |
मनी बैक इन्सुरेंस प्लान में बीमा कम्पनी द्वारा समय -2 बोनस घोषित कर बीमित व्यक्ति को उसका भुगतान कर दिया जाता है जिससे उसकी वित्तीय कमी की कुछ पूर्ति हो जाती हैं |
Note -: मनी बैक इन्सुरेंस प्लान में अच्छा बीमा कवर के साथ समय – समय पर रिटर्न भी मिलता जाता हैं |
3. एंडोमेंट बीमा प्लान/ Endowment Life Insurance Plans
एंडोमेंट बीमा प्लान एक तरह का ट्रेडिसनल लाइफ इन्सुरेंस पोलिसी होती हैं जो सेविंग्स और बीमा कवर का मिला जुला रूप हैं |
एंडोमेंट बीमा प्लान में बीमित व्यक्ति को बीमा कवर के साथ बचत का भी विकल्प मिलता हैं, इस प्लान के अंतर्गत जीवन बीमा कंपनिया बीमित व्यक्ति के प्रीमियम में से एक निश्चित राशि को जीवन बीमा के लिए रखती है और शेष राशि को शेयर बाजार में निवेश कर देती हैं |
एंडोमेंट बीमा प्लान में जो बीमाधारक अपनी बीमा पोलिसी के प्रीमियम का नियमित रूप से भुगतान करता है और पोलिसी के समाप्त होने तक वह जीवित रह जाता है तो बीमा कम्पनी उस बीमाधारक को मेच्चेयोरिटी बेनिफिट के साथ समय – समय पर बोनस भी प्रदान करती हैं जो नामित व्यक्ति को परिपक्कत्ता के बाद भुगतान कर दिया जाता हैं |
Note -: एंडोमेंट बीमा प्लान में दो प्रकार के लाभ मिलते हैं पहला बीमा कवर लाभ दूसरा निवेश का लाभ |
4. यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान/ Unit Linked Insurance Plans(ULIPs)
यूलिप प्लान इन्सुरेंस और इन्वेस्टमेंट का मिश्रण होता हैं इसमें भुगतान किया गया प्रीमियम का एक हिस्सा रिस्क कवर के रूप में और एक हिस्सा फंड के रूप में निवेश किया जाता हैं |
यूलिप प्लान में बीमाधारक (बीमित व्यक्ति) अपने जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर बीमा प्रदाता द्वारा दिए गए बिभिन्न फंड में निवेश कर सकता हैं |
Note -: यूलिप बीमा प्लान बीमाधारक को बिभिन्न मार्केट लिंक्ड फंड में निवेश करने का मौका प्रदान करता हैं |
5. सम्पूर्ण जीवन बीमा/ Whole Life Insurance Plans
होल लाइफ इन्सुरेंस प्लान बीमित व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन या कुछ मामलो में 100 वर्ष तक का लाइफ कवर प्रदान करता हैं, इस प्लान की सबसे बड़ी विशेषता यह है की जिस दिन से आप यह प्लान खरीद लेते है उस दिन से लेकर मृत्यु तक आप को यह प्लान लाइफ बीमा कवर प्रदान करता हैं |
होल लाइफ इन्सुरेंस प्लान का सबसे बड़ा लाभ यह है की बीमित व्यक्ति को प्रीमियम का कुछ भाग समय – समय पर आपको मिलता रहता है और उसके मृत्यु के बाद टोटल सम इस्योर्ड राशि डेथ क्लेम के बाद बीमित व्यक्ति के परिवार को मिल जाती हैं |
इसमें प्रीमियम दो प्रकार से भरा जाता है पहला फिक्स्ड प्रीमियम जिसमे बीमाधारक द्वारा फिक्स किया गया प्रीमियम भरा जाता है और दूसरा लाइफ टाइम प्रीमियम जिसमे जब तक बीमाधारक जीवित है तब तक प्रीमियम का भुगतान करता रहता हैं |
Note -: होल लाइफ इन्सुरेंस प्लान में फिक्स प्रीमियम की अवधी समाप्त होने पर पोलिसी समाप्त न हो कर सम्पूर्ण लाइफ कवर प्रदान करती हैं और सम इस्योर्ड राशि मृत्यु के बाद ही मिलती हैं |
6. बचत और निवेश बीमा प्लान/ Savings & Investment Insurance Plans
बचत और निवेश बीमा प्लान एक प्रकार का जीवन बीमा पोलिसी का प्रकार हैं जिसमे बीमा कम्पनी बीमा कर बीमाधारक के सुरक्षित भविष्य के लिए बचत और निवेश को प्रोत्शाहित करती हैं |
किसी भी व्यक्ति के लिए बीमा में निवेश सबसे अच्छा विकल्प और रिटर्न का साधन हो सकता है जो व्यक्ति के मुख्य रूप से चार कारको पर निर्भर करता हैं, जैसे की जोखिम लेने की क्षमता, नगदी की जरुरत, निवेश अवधी और टैक्स स्लैब |
बचत और निवेश बीमा प्लान काफी बडी पोलिसी है जो पारंपरिक और यूनिट लिंक्ड योजना दोनों को कवरेज प्रदान करती हैं |
7. चाइल्ड लाइफ बीमा प्लान / Child Life Insurance Plans
चाइल्ड लाइफ इन्सुरेंस प्लान बच्चे के स्वर्णिम भविष्य के विकास के लिए मार्ग में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए तैयार किया गया फंड जैसे की बच्चो की शिक्षा, शादी आदि के लिए पैसो की उपलब्धता सुनिश्चित करना |
बच्चे की चाइल्ड लाइफ इन्सुरेंस पोलिसी मेच्चेयोर हो जाने पर बच्चे को वार्षिक तौर पर क़िस्त या एकमुश्त राशि का भुगतान बीमाकर्ता द्वारा कर दिया जाता है |
यदि पोलिसी टर्म के दौरान इंस्योर्ड (बीमित ) पालक की अचानक मृत्यु हो जाती है तो भविष्य के सभी प्रीमियम माफ़ हो जाते है और पोलिसी बेनिफिट भी बिना रुकावट के उपलब्ध्य करा दी जाती है जिससे की बीमाधारक को किसी बड़ी चुनौती का सामना कम से कम करना पड़े |
8. रिटायर्मेंट बीमा प्लान/ Retirement Insurance Plans
रिटायर्मेंट लाइफ इन्सुरेंस प्लान एक व्यक्ति के लिए रिटायर्मेंट के बाद पैसो की उपलब्धता सुनिश्चित करता है जिसकी मदद से व्यक्ति अपने रिटायर्मेंट के बाद आर्थिक रूप से मजबूत बना रहता है | यह पोलिसी बिना किसी रुकावट के बिना किसी के सहारे के जीवन जीने में मदद करती है |
आमतौर पर रिटायर्मेंट लाइफ इन्सुरेंस प्लान 60 वर्ष पूरा हो जाने के बाद बीमा कम्पनी द्वारा बीमाधारक को वार्षिक रूप से या एकमुश्त राशि के रूप में भुगतान कर दिया जाता है |
रिटायर्मेंट के बाद नियमित रूप से आय की इस प्रकार की सुविधा को वार्षिकी या पेंशन के रूप में जाना जाता हैं |
2.गैर जीवन बीमा – General Insurance
गैर जीवन बीमा को सामान्य बीमा के नाम से भी जानते है | इस बीमा में मिलने वाले लाभ के अलावा कई प्रकार के नुकसान की कवरेज प्रदान की जाती है | दुसरे शव्दों में देखे तो जीवन बीमा कवर के अलावा अन्य प्रकार के बीमा कवर प्रदान करने वाली सेवा को सामान्य जीवन बीमा कहते है और इस प्रकार की बीमा करने वाली कम्पनियों को जनरल इन्सुरेंस कम्पनी कहते है |
जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार के अलवा भी भारत में मुख्यतःकई प्रकार के सामान्य बीमा उपलब्ध्य है जिसमे से आज हम कुछ बीमा के बारे में जानेगे |
सामान्य बीमा के प्रकार -:
1. होम बीमा/ Home Insurance
होम इन्सुरेंसे जो की जनरल इन्सुरेंस का एक प्रकार है | होम इन्सुरेंस के द्वारा घर की और उसके सामान की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है और किसी भी प्रकार से आई प्राकृतिक आपदा के नुकसान की भरपाई या घर के किसी भी सामान के चोरी हो जाने पर बीमा कम्पनी द्वारा उसकी भरपाई की जाती है |
आमतौर पर इसके प्रीमियम काफी सस्ते होते है फिर भी भारत जैसे बड़े देश में जानकारी के आभाव में लोग इस प्रकार के बीमा नहीं कराते है और एक बहुत बड़े लाभ से वंचित रह जाते है |
2. मोटर बीमा/ Moter Insurance
मोटर बीमा में मुख्यतः वाहनों के लिए बीमा होता है जिससे वाहनों में होने वाला किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है |
इस प्रकार के इन्सुरेंस में फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इन्सुरेंस कराये जाते है जो की भारतीय मोटर वाहन अधिनियम -1988 के अनुसार प्रतेक वाहन के लिए अनिवार्य होता है |
अपने आने वाले अर्टिकल में मोटर इन्सुरेंस, फर्स्ट पार्टी इन्सुरेंस, थर्ड पार्टी इन्सुरेंस, मोटर वाहन बीमा क्लेम के बारे में बिस्तार से जानेगे |
3. स्वास्थ्य बीमा/ Health Insurance
हेल्थ इन्सुरेंस जो की जनरल इन्सुरेंस का एक प्रकार है जिसके अंदर स्वास्थ्य सम्बंधित सेवाओं के लिए कवरेज प्रदान किया जाता है |
हेल्थ इन्सुरेंस में बीमाधारक हेल्थ इन्सुरेंस कम्पनी को प्रीमियम प्रदान करता है और बीमा कम्पनी उसके बदले बीमाधारक को स्वास्थ्य संबंधी समस्या ( बीमारी, अस्पताल खर्च, दुर्घटना ) पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है और अचानक मृत्यु पर बीमाधारक को मुआवजा भी प्रदान करती है |
अपने अगले अर्टिकल में हेल्थ इन्सुरेंस के बारे में और इससे जुडी सभी प्रकार की जानकारी पर विस्तार से चर्चा करेगे |
4. यात्रा बीमा/ Travel Insurance
यह जनरल इन्सुरेंस का एक प्रकार का हैं जो यात्रा के दौरान होने वाली आकस्मिक दुर्घटना और यात्री के लगेज की चोरी का बीमा कम्पनी द्वारा कवरेज प्रदान किया जाता है |
आमतौर पर यह इन्सुरेंस बहुत सस्ते होते है इस प्रकार के बीमा यात्रा के दौरान ही टिकेट के माध्यम से प्रदान किये जाता है जो यात्रा के ख़त्म होने के साथ ही स्वतः ही समाप्त हो जाते है |
उदाहरण के लिए : जैसे आप भारत से अमेरिका के लिए हवाई जहाज की टिकेट खरीदते है तो टिकेट के साथ ही आप का यात्रा बीमा कर दिया जाता है और आप के अमेरिका पहुचाते ही आप का यात्रा बीमा स्वतः ही समाप्त हो जाता हैं |
5. फसल बीमा/ Crop Insurance
यह मुख्यतः किसानो के लिए सरकार द्वारा तैयार किया एक प्रकार का सुरक्षा कवच होता है जो किसानो को किसी भी प्रकार की आकस्मिक या अनिश्चित प्राकृतिक हानि ( ओला, वृष्टि, सुखा, बाढ़ या आग ) से फसलो को होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता हैं |
फसल बीमा लेने के बाद इस प्रकार के किसी भी प्रकार से फसलो को होने वाले नुकसान से बीमा कम्पनी भरपाई करती है|
फसल बीमा लेने के लिए सरकार द्वारा भी करी प्रकार की स्कीम लोंच की गयी हैं |
6. गैजेट बीमा/ Gadget Insurance
गैजेट बीमा एक प्रकार का जनरल इन्सुरेंस का प्रकार है जिसका उद्देश्य टेक्नोलोजिकल गैजेट्स को सुरक्षा प्रदान करना होता है |
इस प्रकार के बीमा के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक उपकरणों ( मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, टी.वी) आदि को कवरेज प्रदान किया जाता है और पोलिसी पिरीअड के दौरान इन उपकरणों में किसी भी प्रकार की कोई हानि होने पर बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम बेनिफिट दिया जाता है |
7. समुद्री बीमा/ Marine Insurance
आयात और निर्यात के दौरान समुद्र में चलने वाली व्यापारिक जहाजो को होने वाली आकस्मिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए कराया जाने वाला बीमा समुद्री बीमा कहलाता है जिसके माध्यम से समुद्री जहाजो और उन पर लदे सामानो को सुरक्षा प्रदान की जाती है |
8. अग्नि बीमा/ Fire Insurance
आग लगाने के कारण होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कराया जाने वाला बीमा अग्नि बीमा कहलाता है | पोलिसी अवधी के दौरान आग के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कम्पनी द्वारा की जाती है |
अक्सर कई बार देखा जाता है की बड़े – बड़े उद्योगपति या व्यापारीयो को आग के कारण बहुत भारी नुकसान हो जाता है तो इस प्रकार की बीमा पोलिसी इन लोगो के सामान को सुरक्षा प्रदान करती हैं |
9. नियोक्ता दायित्व बीमा/ Eployers Liability Insurance
कारखानों में काम करने वाले कर्मचारीयो को किसी प्रकार की चोट लगाने या नुकसान होने पर या उससे होने वाली मृत्यु होने पर कारखाना मालिक द्वारा उस व्यक्ति को या उसके परिवार को मुआबजा राशि की भरपाई की जाती है जिससे बचने के लिए कारखाना मालिक नियोक्ता दायित्व बीमा का चुनाव करता है |
इस प्रकार नियोक्ता दायित्व बीमा लेने पर कर्मचारी को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है और कम्पनी मालिक की बचत हो जाती है |
3. पुनर्बीमा – Reinsurance
जब एक बीमा कम्पनी किसी दुसरे बीमा कम्पनी को बीमा कवरेज प्रदान करती है तो इस प्रकार किये गए बीमा को पुनर्बीमा ( Reinsurance ) कहते हैं |
जब किसी एक बीमा कम्पनी के पास बहुत सारे इन्सुरेंस क्लेम एक साथ आ जाते है तो बीमा कम्पनी पैसो या किसी अन्य जोखिम से बचाने के लिए बीमा कम्पनी किसी दूसरी बीमा कम्पनी से अपना बीमा करवाती है तो ऐसे बीमा को पुनर्बीमा कहते हैं |
यह किसी भी बीमा कम्पनी का एक प्रकार का जोखिम प्रबंधन तकनीक है जिसके माध्यम से बीमा कम्पनी खुद के अस्तित्व को बनाये रखती है |
जीवन बीमा से जुड़े कुछ कठिन शब्दावली
किसी भी प्रकार का जीवन बीमा लेते समय हमें सभी जीवन बीमा के प्रकारों को समझाना जरुरी है, उन बीमा में प्रयोग होने वाले कुछ कठिन शब्दावली है जिसे जानना बहुत जरुरी है |
1. लाइफ अश्योर्ड/ Life Assured
बीमा के माध्यम से जिस व्यक्ति के जीवन को सुरक्षित किया जाता है उसे लाइफ अश्योर्ड कहा जाता है | पोलिसी अवधी के दौरान लाइफ अश्योर्ड की मृत्यु होने पर नॉमिनी को बीमा धन का लाभ मिलता है |
2. प्रीमियम/ Premium
जीवन बीमा प्लान को लेते समय बीमा कम्पनी द्वारा बीमाधारक के लिएजो देय राशि निर्धारित की जाती है उसे प्रीमियम कहा जाता हैं | यदि नियत तारीख पर बीमा के प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है तो ग्रेस पीरियड लग जाता है और यदि ग्रेस पीरियड में भी बीमा का भुगतान नहीं किया जाता है तो पोलिसी समाप्त हो जाती हैं |
3. मेच्योरिटी बेनिफिट्स/ Maturity Benifits
बीमा पालिसी लेने के बाद जब पोलिसी की अवधी समाप्त हो जाती है तो बीमा कम्पनी की द्वारा मिलाने वाली राशि को मेच्योरिटी बेनिफिट्स कहते है |
4. ग्रेस पीरियड/ Grace Period
जब बीमाधारक बीमा पोलिसी के प्रीमियम को नहीं चुका पता है तो उस प्रीमियम का भुगतान करने के लिए बीमा कम्पनी द्वारा बीमाधारक को जो अतिरिक्त समय दिया जाता है तो उसे ग्रेस पीरियड कहा जाता हैं |
5. रिवाइवल पीरियड/ Revival Period
यदि बीमा पोलिसी में ग्रेस पीरियड लग गया है और आप फिर भी बीमा नहीं चुकाते है तो बीमा पोलिसी समाप्त हो जाती हैं |
अगर बीमा धारक दुबारा अपनी बीमा पोलिसी शुरू करना चाहता है तो एक निश्चित समय तक इंतजार करने के बाद ही बीमा पोलिसी शुरू करवा सकते है तो इस प्रकार के पीरियड को रिवाइवल पीरियड कहते हैं |
6. फ्री लुक पिरीयड/ Free look Period
अगर बीमाधारक पोलिसी लेने के कुछ समय बाद पोलिसी के नियम और शर्तो से संतुष्ट नहीं है तो एक निश्चित समय के बाद पोलिसी के नियमानुसार पोलिसी वापस कर ली जाती है तो इसे फ्री लुक पीरियड कहते है |
फ्री लुक पीरियड में स्टाम्प डियूटी चार्ज कट कर मेडिकल एग्जामिनेशन, प्रोपोर्शनेट रिस्क प्रीमियम और प्रीमियम राशि वापस कर दी जाती हैं |
7. राइडर/ Rider
लिए गए जीवन बीमा प्लान में यदि आप प्रसार/विस्तार करना चाहते है तो राइडर के माध्यम से किया जाता है | राइडर एक प्रकार का अतिरिक्त बेनिफिट्स होते है जो जीवन बीमा प्लान के साथ लिए जाते है |
राइडर लाभ ऐच्छिक होते है और यह बीमाधारक को अतिरिक्त वितीय सुरक्षा प्रदान करते हैं जो अतिरिक्त प्रीमियम दे कर लिए जाते हैं |
8. बीमाधारक/ Insured
ऐसा व्यक्ति जो बीमा कम्पनी से बीमा प्लान खरीदता है और उस प्लान का प्रीमियम भरता है बीमाधारक कहलाता है | जो व्यक्ति बीमा खरीदता है जरुरी नहीं की उसका जीवन बीमित हो कोई भी व्यक्ति बीमा का मालिक हो सकता है |
9. बीमाधन/ Insurance Money
बीमाधन वह राशि है जो बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर लाभार्थी या नॉमिनी को प्राप्त होता है |
बीमा कम्पनी से जीवन बीमा प्लान खरीदते समय बीमाधारक जिस राशि का चुनाव करता है तो पोलिसी के अवधी के दौरान यदि बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो वह समस्त राशि लाभार्थी को प्रदान की जाती है |
10. नॉमिनी/ Nominee
बीमा पोलिसी खरीदते समय बीमाधारक द्वारा नामांकित किये गए व्यक्ति को नॉमिनी या लाभार्थी कहा जाता है | बीमाधारक को किसी प्रकार की आकस्मिक घटना (मृत्यु, पैरालायिज आदि ) होने पर बीमा कम्पनी द्वारा पेआउट नॉमिनी को ही प्रदान किये जाते है |
बीमा पोलिसी खरीदते समय ही नॉमिनी का चुनाव किया जाता है आमतौर पर यह बीमाधारक की पत्नी, बच्चे, या माता – पिता होते है |
11. पोलोसी अवधी/ Policy Period
जितने समय के लिए बीमा कम्पनी द्वारा जीवन बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है उस अवधी को पोलिसी पीरियड कहा जाता है |
12. मृत्यु लाभ/ Death benefit
पोलिसी पीरियड के दौरान बीमाधारक की मृत्यु होने पर बीमा कम्पनी द्वारा नॉमिनी को प्रदान की गयी राशि मृत्यु लाभ कहलाता है | यदि पोलिसी की अवधी समाप्त हो जाती है तो मृत्यु का लाभ नहीं मिल पता है |
आमतौर पर मृत्यु लाभ बीमा पोलिसी की टर्म एंड कंडीशन पर निर्भर करता हैं |
13. लैप्सेड पोलिसी/ Lapsed Policy
यदि बीमा पोलिसी में ग्रेस पीरियड लग गयी तो ग्रेस पीरियड लगने के बाद भी यदि बीमाधारक प्रीमियम नहीं भर पाता तो पोलिसी लेप्स हो जाती है तो इसे लैप्सेड पोलिसी कहते हैं |
14. क्लेम प्रक्रिया/ Claim Process
बीमाधारक द्वारा बीमा कम्पनी से बीमा लेने के बाद पोलिसी अवधी के दौरान यदि बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी मृत्यु लाभ के लिए क्लेम भरता है तो इसे क्लेम प्रक्रिया कहते हैं |
15. एक्सक्लूजन/ Exclusion
जीवन बीमा में बहुत सारे बीमा प्लान होते है और सभी प्लान में सारी परिस्थितिया कवर नहीं हो सकती है फिर भी आप उस परिस्थिति में बीमा क्लेम करते है जो बीमा पोलिसी में कवर नहीं है तो आप को कोई बीमा लाभ नहीं मिलता है इसे एक्सक्लूजन कहा जाता हैं |
जीवन बीमा पोलिसी के लाभ/ Benefits of Life Insurance Policy
ऊपर में हम जीवन बीमा और जीवन बीमा पोलिसी के प्रकारो के बारे में जाने है अब हम जानेगे की जीवन बीमा लेने के क्या फायदे होते है | दोस्तों जीवन बीमा लेने के बहुत सारे फायदे होते है और समय के साथ आप के बढ़ते हुए इनकम में कर लाभ भी प्रदान करते है, चलिए आज हम कुछ फायदों के बारे में चर्चा करते है |
- जीवन बीमा का सबसे बड़ा फायदा आप के परिवार की सुरक्षा |
- जीवन बीमा के माध्यम से लोन की प्राप्ति |
- बच्चो की उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा में मदद |
- इससे आप के परिवार की नियमित आय भी हो सकती है |
- ऑनलाइन भुगतान की छूट |
- इनकम टैक्स अधिनियम -1961 के तहत धारा 80c और 80d के अंतगर्त प्रीमियम भुगतान पर कर ( Tax ) लाभ |
जीवन बीमा पोलिसी के नुकसान/ Disadvantages of Life Insurance Policy
जहा जीवन बीमा पोलिसी के बहुत सारे लाभ है वही जीवन बीमा पोलिसी के कुछ नुकसान भी है तो चलिए हम आज इसके बारे में जानते है |
- पोलिसी के ख़त्म होने तक पैसे देने पड़ते है तभी आप क्लेम कर सकते हैं |
- यदि आप पोलिसी सरेंडर ( पोलिसी वापस ) करते है तो आप को पूरे पैसे नहीं मिलेगे जितने आप दिए हैं |
- मेडिकल या हेल्थ इन्सुरेंस को हर साल रिनुअल कराना पड़ता है |
- जीवन बीमा प्लान की वापसी पर को पैसे कोई वापस नहीं मिलते |
जीवन बीमा पोलिसी खरीदने के लिए जरुरी दस्तावेज/ Documents required to buy life insurance policy
जीवन बीमा पोलिसी खरीदते समय बीमा कम्पनी केवाईसी के बहुत से जरुरी दस्तावेजो की माग करते है जिसके न होने पर आप को बीमा पोलिसी लेने में प्रोब्लेम हो सकती है | आज हम जानेगे कुछ जरुरी डाक्यूमेंट्स के बारे में |
- आधार कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- वोटर आईडी कार्ड
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट
जीवन बीमा पोलिसी की जरुरत क्यों पड़ती है/ Why is a Life Insurance Policy Needed
- आपत्तिकाल में वित्तीय सुरक्षा के लिए |
- बच्चो के शैक्षणिक व वित्तीय सुरक्षा के लिए |
- रिटायर्मेंट के बाद आय के नियमित स्रोत के लिए |
- किसी विकट बीमारी या दुर्घटना में वित्तीय सुरक्षा के लिए |
- बीमाधारक के मृत्यु पर परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए |
जीवन बीमा पोलिसी लेते समय किन बातो का ध्यान रखें/ Things to keep in mind while taking a life insurance policy
आज के समय अलग – अलग बीमा कम्पनियों के अलग -2 प्लान है लेकिन सबसे जादा जरुरी है की हम अपने प्लान का चुनाव करते समय बीमा कम्पनी में क्या देखना चाहिए जिससे की अपने लिए एक अच्छा जीवन बीमा प्लान खरीद सके | आज हम इससे जुडी कुछ बाते जानते है |
- क्लेम सेटलमेंट रेसियो -: बीमा प्लान खरीदते समय सबसे पहले देखना है की उस कम्पनी का क्लेम सेटलमेंट रेसियो कितना है सबसे जादा क्लेम सेटलमेंट रेसिओ वाली कम्पनी प्रायः अच्छी मानी जाती है |
- क्लेम सेटलमेंट अमाउंट -: क्लेम सेटलमेंट रेसिओ से भी जादा जरुरी है क्लेम सेटलमेंट अमाउंट को देखना क्युकी कम्पनी कई बार छोटे – छोटे अमाउंट को क्लियर करके अपना क्लेम सेटलमेंट रेसिओ बढ़ा लेती है और बड़े – बड़े अमाउंट को पेन्डिंग में डाल देती है इसलिए जादा जरुरी हो जाता है क्लेम सेटलमेंट अमाउंट को देखना |
- कस्टमर रिव्यू -: कोई भी पोलिसी लेते समय बहुत जरुरी है की देखे उस कम्पनी के प्रति लोगो के रिव्यू कैसे है क्युकी इससे पता चलता है की बीमा कम्पनी अपने कस्टमर को कितना सपोर्ट करती है |
- बीमा कम्पनी की प्रतिष्ठा |
धन्यवाद दोस्तों हम लोगो ने आज जाना है की बीमा क्या है, बीमा के कितने प्रकार होते है, जीवन बीमा क्या है, जीवन बीमा पोलिसी के प्रकार क्या है, जनरल इन्सुरेंस क्या है और कितने प्रकार है, जीवन बीमा से जुड़े कुछ कठिन शब्द, जीवन बीमा के लाभ, जीवन बीमा के नुकसान और भी बहुत कुछ |
हम अपने आने वाले आर्टिकल में जानेगे की राइडर क्या है इसे किसके साथ खरीदना चाहिए और क्यों, क्लेम प्रक्रिया कैसे काम करती है, बीमा से लोन कैसे लेते है, बीमा लेने के लिए कौन – कौन से ऐप है, हेल्थ इन्सुरेंस क्या है, बेस्ट हेल्थ इन्सुरेंस कौन सा है आदि |
आप को हमारा आर्टिकल कैसा लगा कमेन्ट करके जरुर बताये और हमसे जुड़ने के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब भी करले और किसी भी प्रकार के प्रश्न के लिए कांटेक्ट फॉर्म के माध्यम से संपर्क कर सकते है आप को जल्द से जल्द जबाब दिया जायेगा | धन्यबाद
FAQ Related to Jivan Bima
सबसे बढ़िया जीवन बीमा कौन सा है?
सबसे बढ़िया जीवन बीमा प्लान LIC का जीवन उमंग है जो होल लाइफ कवरेज प्रदान करता हैं |
जीवन बीमा कितने प्रकार का होता है?
आमतौर पर जीवन बीमा 8 प्रकार के होते है |
1. टर्म जीवन बीमा प्लान
2. मनी बैक बीमा प्लान
3. एंडोमेंट बीमा प्लान
4. सम्पूर्ण जीवन बीमा
5. बचत और निवेश बीमा प्लान
6. चाइल्ड लाइफ बीमा प्लान
7. रिटायर्मेंट बीमा प्लान
8. यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान
जीवन बीमा कैसे किया जाता है?
जीवन बीमा दो प्रकार से किया जाता है |
1. ऑफलाइन बीमा – जो बीमा एजेंट द्वारा किया जाता है |
2. ऑनलाइन बीमा – जो आप स्वयं इन्टरनेट के माध्यम से बीमा प्लेटफार्म में जाकर कर सकते है |
जीवन बीमा से क्या फायदा है?
जीवन बीमा करके बीमा से मिलने वाले लोन पर टैक्स नहीं लगता है और हम अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते है | रिटायर्मेंट के बाद हम अपने वित्तीय लक्ष्य को पा सकते है |
कितने का जीवन बीमा खरीदना चाहिए?
आमतौर पर देखे तो जीवन बीमा लगभग अपनी अनुअल इनकम की 20 से 30 गुना लेनी चाहिए |
Read Full Blog...
- Author:- financialplaned@gmail.com
- Date:- 2022:10:29
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LIC पोलिसी पर लोन कैसे ले How to take loan against LIC policy
Read Moreहेल्लो दोस्तों जैसा की आप सब जानते है पैसा खुदा नहीं पर खुदा से कम भी नहीं है यह कहावत आज के समय पर बिल्कुल सही प्रतीत होती दिख रही हैं क्युकी यदि किसी व्यक्ति के पास भरपूर पैसे है तो वह अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है लकिन पैसो के आभाव में इंसान कुछ भी कर पाने में असमर्थ होता है और आर्थिक तंगी का सामना करने लगता है | इस आर्थिक तंगी की स्थिति से बाहर निकलने के लिए व्यक्ति पर्सनल लोन का सहारा लेता है या रिश्तेदारो से पैसो की मांग करता है | जहां रिश्तेदार पैसे देने से कतराते है वही बैंको से पर्सनल लोन बहुत ज्यादा इन्ट्रेस्ट रेट पर और बहुत ही कम समय के लिए मिलता है |
यदि आप पैसो के लिए कोई सस्ता और आसान विकल्प ढूढ़ रहे है तो सबसे अच्छा विकल्प है lic पोलिसी पर लोन क्युकी आपको एक LIC पोलिसी पर अच्छा सा पर्सनल लोन मिल जाता है | यह लोन पर्सनल लोन की तुलना में काफी सस्ता होता है क्युकी इसमें लोन लेने के लिए लोन पर लगने वाले प्रोसेसिंग चार्जेस, व्याज दर, जरुरी दस्तावेजो की जरुरत थोडी कम पड़ती है | तो चलिए जानते है LIC पोलिसी पर लोन कैसे ले, पोलिसी पर लोन लेने के लाभ, LIC से बीमा लोन लेने के लिए जरुरी दस्तावेज आदि से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा |
LIC पोलिसी पर लोन के फायदे
LIC इन्सुरेंस पर लोन लेने के कई सारे फायदे है जिसे जानकर हम बहुत आसानी से इन्सुरेंस लोन ले सकते है तो चलिए जानते है |
- LIC लोन के लिए किसी क्रेडिट स्कोर की जरुरत नहीं पड़ती है |
- पर्सनल लोन की तुलना में LIC Policy Loan का व्याज दर बहुत ही कम होता है |
- LIC लोन लेने के लिए तुरंत ही मंजूरी मिल जाती है |
- इसके लिए कोई प्रोसेसिंग चार्जेस नहीं लगते है |
- समय के साथ बाजार की पोलिसी वैल्यू भी नहीं बदलती है जबकि सोने ( Gold ) लोन लेने पर समय के साथ पोलिसी वैल्यू पर बदलाव आता रहता है |
- LIC इन्सुरेंस लोन की राशि को आय में नहीं जोड़ा जाता है इसलिए आपको टैक्स में छूट मिलती है |
किन LIC पोलिसी पर लोन मिलता है
LIC के तरफ से कई प्रकार के इन्सुरेंस प्लान/पोलिसी लोंच की गई है लेकिन सभी पोलिसी पर बीमा लोन नहीं दिया जाता है | लोन लेने से पहले यह देखना जरुरी हैं की आपकी इन्सुरेंस पोलिसी बीमा लोन लेने की योग्यता रखती है या नहीं तो चलिए जानते है इसके बारे में |
LIC इन्सुरेंस पोलिसी : जिस पर लोन मिलता है
LIC personal Loan के लिए कुछ पोपुलर LIC पोलिसी -:
LIC इन्सुरेंस पोलिसी : जिस पर लोन नहीं मिलता
नोट -: इन टर्म लाइफ इन्सुरेंस पोलिसी पर बीमा लोन नहीं मिलता है क्युकी इस पोलिसी पर सरेंडर वैल्यू और नकद वैल्यू जमा नहीं की जाती है |
LIC इन्सुरेंस पर्सनल लोन की योग्यता शर्त
LIC से किसी भी प्रकार का Insurance Loan लेने से पहले सबसे पहले उसके नियम और शर्तो को जानना बहुत जरुरी है जिसके बिना आप कोई भी Bima Loan नहीं ले पाएगे |
- आवेदन कर्ता के पास कम से कम एक वैध LIC बीमा पोलिसी का होना जरुरी है |
- आवेदन कर्ता कम से कम तीन वर्षो तक लगातार LIC प्रीमियम का भुगतान किया हो |
- आवेदक के पास LIC पोलिसी का सरेंडर वैल्यू होना अनिवार्य है |
- आवेदन कर्ता की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष होना अनिवार्य है |
LIC बीमा लोन में मिलने वाली राशि
बीमाधारक को पोलिसी पर लोन लेने के लिए किसी विशेष वेरिफिकेशन की प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ता है क्युकी बीमाधारक बीमा पोलिसी लेते समय सभी जरुरी डॉक्यूमेंटेशन करा लिया होता है |
LIC इन्सुरेंस पोलिसी पर लोंन लेने के लिए बीमाधारक की बीमा पोलिसी का सरेंडर वैल्यू देखा जाता है और बीमा पोलिसी की सरेंडर वैल्यू का 80 से 90% राशि लोन के रूप में बीमाधारक को दे दी जाती है |
सरेंडर वैल्यू :- प्रीमियम के रूप में भरा गया टोटल अमाउंट का मौजूदा मूल्य जब आप अपनी इक्छा से पोलिसी को समाप्त करना चाहते है अर्थात पोलिसी को सरेंडर करना चाहते है |
उदाहरण/Example – मान लीजिये आप कोई 20 लाख की एक LIC पोलिसी लेते है और उस बीमा पोलिसी के बदले आप लोन लेना चाहते है यदि प्रीमियम के रूप में आप ने 10 लाख रूपए का भुगतान किये है तो उस समय आपकी सरेंडर वैल्यू 10 लाख रूपए की होगी और उसका आपको लोन के रूप में 8 लाख से लेकर 8.5 लाख तक मिलेगा |
LIC Insurance policy : जरुरी दस्तावेज
लोन लेने के लिए कुछ जरुरी दस्तावेजो का होना अति आवश्यक है यदि इनमे से किसी जरुरी डाक्यूमेंट्स में कमी है तो आपका पर्सनल लोन रिजेक्ट हो सकता है |
- पहचान प्रमाण पत्र – आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाईसेंस, यूटिलिटी बिल
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- आय प्रमाण पत्र – सैलरी स्लिप, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- निवास प्रमाण पत्र
- लोन के लिए फॉर्म
- पोलिसी बांड
LIC पोलिसी पर लोन की कुछ जरुरी बातें
- LIC पोलिसी पर लोन तभी मिलेगा जब आवेदक लगातार तीन वर्षो तक प्रीमियम का भुगतान किया हो |
- LIC बीमा लोन केवल LIC बीमाधारक को ही मिलेगी |
- LIC इन्सुरेंस लोन टर्म लाइफ व यूलिप प्लान पर नहीं मिलता है |
- बीमा लोन सरेंडर वैल्यू का 80 से 90% तक ही मिलता है और पेड-अप पोलिसी पर 85% मिलता है |
- पोलिसी लोन केवल 10% के इंटरेस्ट रेट पर मिलती है |
- LIC बीमा लोन लेने पर बीमा पोलिसी के प्रीमियम पर कोई फर्क नहीं पड़ता है जितना आप प्रीमियम का भुगतान कर रहे थे उसमे आपके बीमा लोन के अमाउंट का ब्याज ( हर 6 महीने में ) जुड़ता चला जायेगा |
- आप अपने पोलिसी लोन का अमाउंट अपने प्रीमियम के साथ चाहे तो एक साथ या थोडा – थोडा करके जमा कर सकते है |
- यदि आप लोन का अमाउंट जमा नहीं करते है सिर्फ आप लोन का ब्याज जमा करते है और जब आपकी पोलिसी मेच्चेयोर हो जाएगी तो उसमे से लोन अमाउंट काट कर बकाया राशि आपको वापस कर दी जाएगी |
- यदि आप न बीमा लोन का अमाउंट जमा करते है और न ही बीमा लोन पर लगने वाला ब्याज जमा करते है सिर्फ आप अपने प्रीमियम का भुगतान करते है तो आपका लोन अमाउंट और ब्याज दोनों आपके प्रिंसीपल में ऐड होते रहेगे और जब आपकी पोलिसी मेच्चेयोर हो जाएगी तो उस सम इन्सोर्ड अमाउंट में से बीमा लोन और ब्याज काट कर बकाया बची आपके राशि का भुगतान कर दिया जायेगा |
- यदि आप न बीमा लोन का अमाउंट जमा करते है और न ही ब्याज और न ही प्रीमियम का भुगतान करते है तो इस स्थिति में जब आपका लोन अमाउंट और व्याज मिलाकर सरेंडर वैल्यू के बराबर हो जायेगा वैसे ही आपकी पोलिसी फॉर क्लोज हो जाएगी |
- फॉर-क्लोज के बाद 5 साल का समय मिलता है पोलिसी को री-इन्फोर्स करने का यदि आप पोलिसी रिकवर करना चाहते है तो आपको लोन अमाउंट + ब्याज + प्रीमियम का भुगतान करना होगा नहीं तो आपकी पोलिसी लेप्स हो जाएगी |
- LIC बीमा लोन के लिए LIC बीमा पोलिसी को गिरवी रख लेती है यदि आपकी की इन्शुरन्स पोलिसी बीमा लोन चुकाने से पहले ही मेच्चेयोर हो जाती है तो LIC को इन्सुरेंस पोलिसी से लोन KI राशि कटाने का अधिकार मिल जाता है |
LIC पोलिसी पर लोन लेने की प्रक्रिया/Procedure to take Loan Against LIC Policy
LIC बीमा पोलिसी पर लोन लेने की दो तरीके है जिसकी मदद से आप लोन ले सकते है पहला – ऑफलाइन तरीका और दूसरा – ऑनलाइन तरीका है | यदि देखा जाए तो दोनों तरीको में से अभी सबसे आसान तरीका ऑफलाइन है जबकि ऑनलाइन तरीके से पोलिसी लोन लेना थोडा सा कठिन है क्युकी LIC द्वारा पोलिसी लोन लेने के लिए ऑनलाइन तरीका अभी से चालू किया गया है जिसका अभी तक प्रॉपर सेटअप नहीं हो पाया है |
ऑफलाइन तरीके से LIC पोलिसी पर लोन लेना
ऑफलाइन तरीके से LIC पोलिसी पर लोन लेने के लिए आपको कुछ जरुरी बातो और कुछ जरुरी दस्तावेजो को साथ ले जाना होगा जो की निम्न है |
- LIC से बीमा लोन लेने के लिए आपको सबसे पहले होम ब्रांच पर जाना होगा |
- बीमा लोन के लिए आधार कार्ड की फोटो कॉपी ले जाना होगा |
- बैंक पासबुक की फोटो कॉपी और ओर्जिनल बैंक पासबुक जो क्लास 1 ऑफिसर से वेरीफाई की जाएगी |
- ओर्जिनल LIC पोलिसी बांड जो की लोन लेते समय LIC ब्रांच में जमा हो जाएगी |
- ब्रांच से एक लोन फॉर्म लेकर भरना पड़ेगा जिसमे ब्याज से संबंधित सभी जानकारिया होती है उसमे पोलिसी नंबर और एड्रेस भरकर और हस्ताक्षर करके सभी ओर्जिनल डाक्यूमेंट्स के साथ जमा करना पड़ता है |
- लोन फॉर्म में विटनेस के रूप में किसी LIC एजेंट का हस्ताक्षर जरुरी होता है |
- लोन फॉर्म के साथ सभी जरुरी डाक्यूमेंट्स सम्मिट करने के बाद आपको 3 से 7 दिनों के भीतर LIC बीमा लोन का पैसा आवेदक के खाते में जमा कर दिए जाते है |
ऑनलाइन तरीके से LIC पोलिसी लोन लेने की प्रक्रिया
LIC पोलिसी पर लोन लेने के लिए ऑनलाइन तरीका थोडा सा जटिल है | इसके लिए आवेदक का NEFT होना जरुरी है और ऑनलाइन पोलिसी लोन के लिए आपको अपने LIC होम ब्रांच में जाना जरुरी नहीं है इसके लिए आप किसी भी अपने नजदीकी ब्रांच में जा सकते है तो चलिए जानते है इसके बारे में |
- LIC पोलिसी पर लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको Lic india की ओफिसिअल वेबसाइट पर जाना होगा और LIC ई-सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेसन करना होगा इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर या ईमेल और पासवर्ड डाल कर साईनअप करना होगा |
- इसके बाद आपको LIC पोर्टल पर जाकर online Loan पर क्लिक करना होगा |
- इसके बाद ऑनलाइन लोन रिक्वेस्ट के लिए आपको Through Customer Portal पर क्लिक करकें लॉग इन करना होगा |
- लॉग इन करने के बाद आपको पोलिसी की सारी डिटेल दिखेगी वहा पर आपको इंडिविजुअल पोलिसी डिटेल्स पर क्लिक करना होगा इसके बाद आपको सर्विस रिक्वेस्ट पर आपको प्रीमियम सर्विस रजिस्ट्रेसन दिखेगा वहा क्लिक करने के बाद आपको एक फॉर्म मिलेगा जिसे आप डाउनलोड करके और उसको भर कर व हस्ताक्षर करके अपलोड करना होता है |
- इसके बाद आपका सर्विस रिक्वेस्ट सुक्सेसफुल हो जायेगा और आपको एक सर्विस रिक्वेस्ट नंबर मिल जायेगा |
- इसके बाद आपको नियरेस्ट LIC ब्रांच में जाकर लोन फॉर्म को भरना होगा और साथ में 2 पासपोर्ट साइज़ फोटो, आधार कार्ड की फोटो कॉपी अटेस्टेड, पैन कार्ड की फोटो कॉपी अटेस्टेड, NEFT और ओर्जिनल पोलिसी बांड सम्मिट करना होगा |
- लोन फॉर्म को भरकर सम्मिट करने के बाद आपको 3 से 7 दिनों में LIC बीमा लोन की राशि आपके खाते में ट्रासफर कर दी जाएगी |
नोट – बीमा लोन के लिए लोन फॉर्म पर एक रूपए के स्टाम्प लगाकर उसके ऊपर हस्ताक्षर करना जरुरी है | लोन फार्म आप lic इंडिया की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी डाउनलोड करके भर सकते है |
LIC Insurance Policy लोन की नियम – शर्ते
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा दी जाने वाली बीमा पोलिसी पर लोन के कुछ नियम और शर्ते भी है जिसको जानना बहुत जरुरी है |
- LIC पोलिसी लोन केवल LIC बीमाधारक को ही प्रदान की जा सकती है |
- LIC बीमा पर लोन का ब्याज हर 6 महीने की अन्तराल में लगता है |
- यदि आवेदक बीमा लोन की राशि को कुछ समय बाद ही चुकाना चाहता है तो भी आवेदक को पुरे 6 महीने का ब्याज देना पड़ेगा |
- यदि LIC बीमाधारक के लोन की अवधी में ही पोलिसी मेच्चेयोर हो जाती है तो मेच्चेयोरटी राशि का उपयोग लोन की मूलराशि को चुकाने में किया जा सकता है |
- यदि कोई बीमाधारक LIC से पोलिसी लोन लिया हुआ है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो व्याज का भुगतान मृत्यु की तारीख तक ही करना होता है |
LIC Policy loan को चुकाने का तरीका
lic के जीवन बीमा पोलिसी से लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है की उस बीमा लोन को चुकाने का पूरा समय मिलता है | आप चाहे तो उस पोलिसी की मेच्चेयोरटी अवधी तक लोन को चुका सकते है इस पर कोई तय समय सीमा नहीं है |
- आप चाहे तो LIC पोलिसी के लोन का ब्याज नियमित रूप से प्रीमियम के साथ ही चुका सकते है |
- LIC बीमा लोन का ब्याज आप चाहे तो कुछ वर्षो तक भुगतान करे इसके बाद जब आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हो जाए तो आप लोन की मूलराशि चुका सकते है |
- आप चाहे तो पोलिसी लोन के ब्याज का बस भुगतान करे और जब आपकी पोलिसी मेच्चेयोर हो जाए तब आप बीमा पोलिसी की मेच्चेयोरटी अमाउंट से लोन की मूलराशि कटा सकते है लेकिन इस पद्धति से आपको समय तो बहुत मिल जायेगा लेकिन अंततः आपको LIC पोलिसी के सम-इस्योर्ड अमाउंट का जादा फायदा नहीं मिल पायेगा |
LIC इन्सुरेंस पोलिसी पर लोन की सीमाए
भारतीय जीवन बीमा निगम के द्वारा जारी की गयी इन्सुरेंस पोलिसी पर बीमा लोन की कुछ सीमाए भी है जिसके अंदर रहकर ही LIC बीमा पर लोन प्रदान कर सकता है | आपको इससे संबंधित समस्त सीमाए जानना बहुत जरुरी है नहीं तो आपको पोलिसी के लोन पर कुछ बाधाए अ सकती है |
- LIC पोलिसी पर लोन सरेंडर वैल्यू का 90% तक अधिकतम मिल सकता है |
- LIC बीमा लोन के लिए लाइफ इन्सुरेंस की खरीद के तारीख से 3 वर्ष तक इंतजार करना पड़ता है |
- यदि आपकी LIC बीमा पोलिसी फॉर-क्लोज हो गयी है तो बीमा लोन का भुगतान सरेंडर वैल्यू के अमाउंट से किया जायेगा |
- पेड-अप पोलिसी पर लोन की राशि सरेंडर वैल्यू 85% तक हो सकती है |
- LIC की सभी इन्सुरेंस पोलिसी पर बीमा लोन नहीं मिलता है |
LIC बीमा लोन की राशि का भुगतान कैसे करे
LIC पोलिसी पर लोन लेने के बाद आपको लोन की EMI ऑनलाइन चुकाने के लिए LIC India की अधिकारिक वेबसाइट पर आ कर ई-सेवा पोर्टल पर लॉग इन करना होगा इसके बाद Loan Details सेलेक्ट करना होगा |
इसके बाद आप लोन की अन्य जानकारी देख सकते है जैसे की लोन भुगतान की तारीख, बचा हुआ लोन अमाउंट आदि | अब आप भारत के किसी भी बैंक को सेलेक्ट करके अपनी लोन राशि का भुगतान कर सकते है इसके लिए आप डेबिट कार्ड/ क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तमाल कर सकते है |
धन्यवाद मित्रो, हमने इस आर्टिकल में LIC इन्सुरेंस पोलिसी पर लोन कैसे मिलेगा, LIC पोलिसी से लोन लेने के फायदे क्या है, पोलिसी लोन पर लोन कितना मिलता और ब्याज दर कितनी होती है, LIC पोलिसी पर लोन लेने का ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है और इससे जुडी हुई समस्त जानकारिया कवर किए है | इस आर्टिकल में दी गई समस्त जानकारी LIC इन्सुरेंस एडवाईजर द्वारा दी गई है जो मौजूदा नियम – शर्तो पर आधारित है जिसमे किसी भी प्रकार की त्रुटी होने की संभावना काफी कम है फिर भी यदि जानकारी में कोई त्रुटी रह जाती है तो आप हमें कमेन्ट करके जरुर बताईएगा | हमसे कोई भी सवाल पूछने के लिए आप Contact Form के माध्यम से पूछ सकते है और हमसे जुड़ने के लिए हमारे Bimamoney.com को सब्सक्राइब भी कर सकते है |
पोलिसी बांड क्या है ?
यह एक प्रकार इन्सुरेंस कंपनी द्वारा जारी क़ानूनी दस्तावेज होता है जिस पर बीमाधारक ( पोलिसी होल्डर ) LIC से लोन लेने के लिए हस्ताक्षर करता है |
सरेंडर वैल्यू क्या है ?
प्रीमियम के रूप में भरा गया टोटल अमाउंट का मौजूदा मूल्य जब आप अपनी इक्छा से पोलिसी को समाप्त करना चाहते है अर्थात पोलिसी को सरेंडर करना चाहते है |
Read Full Blog...- Author:- financialplaned@gmail.com
- Date:- 2022:10:29
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एलआईसी जीवन लक्ष्य (टेबल नं 933)
Read Moreबच्चों और परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए, लीछ जीवन लक्ष्य प्लान सबसे उपयुक्त है। यह बचत का संग्रह है और इसमें जोखिम कारक भी शामिल है। यह एक सीमित प्रीमियम भुगतान योजना है जो नोन-लिंक्ड और पार्टिसिपेटिंग एंडॉवमेंट आश्वासन योजना के साथ वर्गीकृत है। यह योजना वर्ष 2015 में मार्च महीने में शुरू हुई थी। पॉलिसीधारक की मृत्यु के मामले में, यह योजना वार्षिक आय प्रदान करेगी जो मृतक के परिवार के लिए फायदेमंद हो सकती है। परिपक्वता अवधि के अंत में एकमुश्त राशि भी दी जाती है भले ही पॉलिसीधारक जीवित है या नहीं। यह योजना ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस पॉलिसी को खरीदने के लिए एजेंटों से संपर्क करने की ज़रूरत है कोई भी व्यक्ति कंपनी कार्यालयों की शाखा का दौरा करके या अपने एजेंटों से मिलकर इस योजना को खरीद सकता है।
एलआईसी जीवन लक्ष्य प्लान की मुख्य विशेषताएं
- पॉलिसी के लिए न्यूनतम उद्धृत राशि 1,00,000 रुपये है और अधिकतम किसी भी सीमा तक हो सकती है। मूल बीमा राशि केवल 10,000 रुपये के गुणकों में हो सकती है।
- पॉलिसी अवधि 13 से 25 साल के बीच है। प्रीमियम का भुगतान सालाना, अर्ध-वार्षिक, त्रैमासिक और मासिक अवधि किया जा सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईसीएस) का एक और विकल्प है जो प्रीमियम का भुगतान करने का एक आसान विकल्प प्रदान करता है।
- पॉलिसी लेने के लिए व्यक्ति की न्यूनतम आयु 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए और अधिकतम आयु 50 वर्ष है। इस नीति के लिए अधिकतम परिपक्वता आयु 65 वर्ष है।
- इस पॉलिसी के साथ बोनस संलग्न हैं। एंडॉवमेंट अश्यूरेन्स पॉलिसी के साथ होने के नाते, यह प्लान सरल रिवर्सनरी बोनस और अंतिम अतिरिक्त बोनस (यदि लागू हो) के माध्यम से भारत के जीवन बीमा निगम द्वारा दिए गए लाभ एकत्र करती है और परिपक्वता अवधि समाप्त होने पर इन्हें भुगतान किया जाता है
- जिस भी अवधि के लिए प्रीमियम का भुगतान किया जाना है, वह पॉलिसी अवधि से तीन साल कम होती है, चाहे आपकी पॉलिसी अवधि कितनी भी हो।
- यहां तक कि लीछ में दुर्घटनाग्रस्त मौत और विकलांगता लाभ राइडर नीति के लिए दो वैकल्पिक राइडर भी हैं। जिसमे दूसरा लीछ न्यू टर्म एश्योरेंस राइडर है।
एलआईसी जीवन लक्ष्य प्लान (टेबल नं. 933) के लाभ
परिपक्वता लाभ:
इस योजना से परिपक्वता लाभ हैं। यदि पॉलिसीधारक ने पूर्ण प्रीमियम का भुगतान किया है और पॉलिसी समाप्ति अवधि तक जीवित रहता है तो परिपक्वता पर निहित सरल रिवर्सनरी लाभ और अंतिम अतिरिक्त बोनस यदि कोई है तो जोड़ा जाएगा ।परिपक्वता पर बीमा राशि मूल बीमा राशि के समान है।
मृत्यु का लाभ:
पॉलिसी में मृत्यु लाभ भी है। इस लाभ के तहत, यदि पॉलिसी धारक पॉलिसी की अवधि के भीतर मर जाता है तो मृत्यु पर बीमा राशि, सरल रिवर्सनरी बोनस और अंतिम अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा। इस नीति के लिए, कर लाभ भी हैं। योजना के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम 80 सी के तहत आयकर पर छूट का लाभ उठाने के लिए स्वीकार्य है और परिपक्वता राशि धारा 10 डी के अनुसार कर से मुक्त है।
एलआईसी जीवन लक्ष्य प्लान के बहिष्कार
भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी व्यवस्था में बड़े ही सरल नियम है और इस तरह, कोई बहिष्करण प्रदान नहीं किया जाता है।हालांकि, आत्महत्या के लिए एक खंड है जो जीवन लक्ष्य प्लान के लिए उपयुक्त है। यदि जीवन बीमाधारक या पॉलिसीधारक पॉलिसी शुरू होने की तिथि से 12 महीने के भीतर आत्महत्या करता है, तो भुगतान किए गए सिंगल प्रीमियम का 80% (करों को छोड़कर) और अतिरिक्त प्रीमियम (यदि कोई हो) वापस कर दिया जाएगा।
पॉलिसी खरीदने के लिए आवश्यक दस्तावेज
लीछ की जीवन लक्ष्य योजना खरीदने के लिए निम्न दस्तावेजों को जमा किया जाना है।
योजना प्रस्ताव प्रपत्र होना चाहिए जिसे विधिवत भरा और हस्ताक्षरित किया जया हो। इसके अलावा पहली अवधि के लिए चेक या नकदी जमा करनी होगी। आपको पासपोर्ट आकार की तस्वीर और एक वैध पहचान प्रमाण जमा करने की आवश्यकता है जो आपके आवासीय पते का विवरण आपकी जन्मतिथि और अन्य विवरण देता है। एक आय प्रमाण दस्तावेज भी साथ में संलग्न किया जाना है।
पॉलिसी के बारे में अधिक जानकारी
- यदि प्रीमियम लगातार तीन वर्षों के लिए चुकाया गया है और उसके बाद पॉलिसी से भुगतान नहीं किया जाता है तो पॉलिसी पेड-अप मान प्राप्त कर लेती है।
- गारंटीकृत सरेंडर वैल्यू की एक सुविधा भी मौजूद है जिसे कम से कम तीन साल प्रीमियम के भुगतान के बाद पॉलिसी सरेंडर कर दी जाती है। यह उस समय तक चुकाए गए कुल प्रीमियम का प्रतिशत है।
- यदि पॉलिसी समाप्त हो गई है तो आप इसे पुनर्जीवित कर सकते हैं बशर्ते कि यह पिछले अवैतनिक प्रीमियम की तारीख से लगातार 2 साल से कम हो।
- इस नीति पर ऋण लेने की एक विशेषता है। तीन साल के लिए प्रीमियम के भुगतान के बाद, आप इसके पक्ष में भी ऋण ले सकते हैं।
- पॉलिसी के लिए प्रीमियम छूट सालाना 2% और छमाही के लिए 1% है। त्रैमासिक और मासिक विकल्प के लिए कोई छूट नहीं है।
- पॉलिसी प्रीमियम का नियमित रूप से प्रत्येक देय तिथि पर भुगतान किया जाना है। यदि देय तिथि से प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो प्रीमियम का भुगतान करने के लिए एक अनुग्रह अवधि दी जाती है जिसमे प्रीमियम का भुगतान किया जा सकता है। यह अवधि उन पॉलिसियों के लिए 30 दिनों के बराबर है जहां प्रीमियम भुगतान का तरीका वार्षिक, अर्ध-वार्षिक या त्रैमासिक तरीका चुना जाता है। यदि प्रीमियम भुगतान का तरीका मासिक है तो अनुग्रह अवधि के लिए केवल 15 दिन की अनुमति है।
- नीति को रद्द करने के लिए भी एक प्रक्रिया है। यदि पॉलिसीधारक योजना से खुश नहीं है तो उसे रद्द कर दिया जा सकता है, बशर्ते कि रद्दीकरण योजना जारी करने के 15 दिनों के भीतर किया जाए। इस अवधि को फ्री-लुक अवधि कहा जाता है। रद्दीकरण पर, पॉलिसी से सम्बंधित प्रीमियम वापस कर दिया जाएगा।
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- Author:- financialplaned@gmail.com
- Date:- 2022:10:29
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