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Blog by vanshika pal | Digital Diary

" To Present local Business identity in front of global market"

Meri Kalam Se Digital Diary Submit Post


अगर आपको रात को नींद नहीं आती तो ये जरुर देखें।


अगर आपको रात को नींद नहीं आ रही है, तो सोने से पहले कैफीन से बचें, सोने के लिए एक शांत वातावरण बनाएँ और नियमित व्यायाम करें, लेकिन बिस्तर पर जाने से कुछ घंटे पहले। एक शांत दिनचर्या बनाएँ और सोने से पहले गैजेट्स के उपयोग से बचें. अगर आप जागते रहते हैं, तो बिस्तर से उठकर कुछ देर आराम करें और जब नींद आने लगे तब वापस जाएं। Read More

अगर आपको रात को नींद नहीं आ रही है, तो सोने से पहले कैफीन से बचें, सोने के लिए एक शांत वातावरण बनाएँ और नियमित व्यायाम करें, लेकिन बिस्तर पर जाने से कुछ घंटे पहले। एक शांत दिनचर्या बनाएँ और सोने से पहले गैजेट्स के उपयोग से बचें. अगर आप जागते रहते हैं, तो बिस्तर से उठकर कुछ देर आराम करें और जब नींद आने लगे तब वापस जाएं।


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जानिए वह कौन सा तेल है जिसका उपयोग करने से आपके बाल झड़ना रुक जाते हैं।


कौन सा तेल लगाने से बाल नहीं झड़ते हैं। बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए कई तेल फायदेमंद होते हैं। इनमें नारियल तेल, अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल), भृंगराज तेल, और आंवला तेल शामिल हैं।  विभिन्न तेलों के फायदे: नारियल तेल: इसमें फैटी एसिड और विटामिन ई होते हैं, जो बालों को पोषण देते हैं और जड़ों को मजबूत करते हैं।  अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल): इसमें रिकिनोलेइक एसिड होता... Read More

कौन सा तेल लगाने से बाल नहीं झड़ते हैं।

बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए कई तेल फायदेमंद होते हैं। इनमें नारियल तेल, अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल), भृंगराज तेल, और आंवला तेल शामिल हैं। 

विभिन्न तेलों के फायदे:

नारियल तेल:

इसमें फैटी एसिड और विटामिन ई होते हैं, जो बालों को पोषण देते हैं और जड़ों को मजबूत करते हैं। 

अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल):

इसमें रिकिनोलेइक एसिड होता है, जो बालों के रोमछिद्रों में रक्त संचार बढ़ाकर बालों को मजबूत बनाता है। 

भृंगराज तेल:

यह आयुर्वेदिक तेल बालों की जड़ों को मजबूत करने और बालों के झड़ने को रोकने में कारगर है। 

आंवला तेल:

इसमें विटामिन सी और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें घना बनाने में मदद करते हैं। 

अन्य तेल:

जैतून का तेल, बादाम का तेल, और प्याज का तेल भी बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। 

तेल लगाने का तरीका:

तेल को हल्का गुनगुना करके बालों की जड़ों में लगाएं और 2-3 घंटे बाद धो लें। आप चाहें तो रात भर भी तेल लगाकर छोड़ सकते हैं और सुबह माइल्ड शैम्पू से धो सकते हैं। 


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घरेलू उपाय से अपने बाल झड़ना कैसे रोके?


बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair Fall) बालों का झड़ना (Hair Fall) एक आम समस्या बन गई है लेकिन इसका जल्द से जल्द इलाज करना भी बहुत जरूरी होता है । क्योंकि आजकल लोगों की जीवनशैली और खान-पान इतनी बुरी हो गई है कि इसका सीधा असर बालों पर पड़ता है। ऊपर से प्रदूषण और हेयर प्रोडक्ट के केमिकल के कारण भी बालों पर असर पड़ता है, जो बाद में बालों के झड़ने का कारण बन जाता है। वैसे तो... Read More

बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair Fall)

बालों का झड़ना (Hair Fall) एक आम समस्या बन गई है लेकिन इसका जल्द से जल्द इलाज करना भी बहुत जरूरी होता है । क्योंकि आजकल लोगों की जीवनशैली और खान-पान इतनी बुरी हो गई है कि इसका सीधा असर बालों पर पड़ता है। ऊपर से प्रदूषण और हेयर प्रोडक्ट के केमिकल के कारण भी बालों पर असर पड़ता है, जो बाद में बालों के झड़ने का कारण बन जाता है। वैसे तो लोग बाल संबंधी किसी भी समस्या के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को आजमाते हैं। चलो जानते हैं बालों का झड़ना कैसे रोके घरेलू उपाय द्वारा:

घर पर तुरंत बालों का झड़ना कैसे रोकें घरेलू उपचार?

बालों के झड़ने के लिए प्रभावी घरेलू उपचार में प्याज का रस, करी पत्ते के साथ नारियल तेल, एलोवेरा और मेथी के बीज का उपयोग करना शामिल है। ये उपचार अपने गुणों के लिए जाने जाते हैं जो खोपड़ी को पोषण देते हैं, बालों के रोम को मजबूत करते हैं और बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं


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अगर आपके भी बोल ज्यादा झड़ते हैं तो यह जरूर देखें।


बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख पोषक तत्वों की कमी से बाल काफी झड़ सकते हैं। विटामिन डी, आयरन, बायोटिन और जिंक की कमी से बाल अधिक झड़ते हैं। विस्तार से जानिए : सेविटामिन डी: यह विटामिन बालों के विकास चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नए बालों के रोमों के निर्माण में मदद करता है और मौजूदा रोमों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। आयरन: आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिस... Read More

बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख पोषक तत्वों की कमी से बाल काफी झड़ सकते हैं। विटामिन डी, आयरन, बायोटिन और जिंक की कमी से बाल अधिक झड़ते हैं।

विस्तार से जानिए :

सेविटामिन डी: यह विटामिन बालों के विकास चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नए बालों के रोमों के निर्माण में मदद करता है और मौजूदा रोमों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है।

आयरन: आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे बाल झड़ सकते हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में आम है, खासकर मासिक धर्म के दौरान।

बायोटिन: बायोटिन, जिसे विटामिन बी7 भी कहा जाता है, बालों के रोमों को स्वस्थ रखने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

जिंक: जिंक बालों के विकास और मरम्मत के लिए एक आवश्यक खनिज है।

इन पोषक तत्वों की कमी के अलावा, अन्य कारक भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं, जैसे कि: 

अनुवांशिक कारक:

बालों का झड़ना आनुवंशिक भी हो सकता है।

हार्मोनल परिवर्तन:

गर्भावस्था, प्रसव, रजोनिवृत्ति और थायरॉयड की समस्याएं बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।

तनाव:

तनाव बालों के झड़ने का एक सामान्य कारण है।

कुछ दवाएं:

कुछ दवाएं, जैसे कि कैंसर रोधी दवाएं, बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।

स्वास्थ्य स्थितियां:

कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि थायरॉयड रोग और ऑटोइम्यून रोग, बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।

 


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अच्छा स्वास्थ्य क्या होता है?


  अच्छा स्वास्थ्य खुशी को बढ़ावा देता है, जो किसी भी भौतिक संपत्ति से कहीं अधिक मूल्यवान उपहार है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हर किसी की दिनचर्या का अभिन्न अंग होना चाहिए। एक स्वस्थ मन प्रेरणा और उत्पादकता को जन्म देता है। अपने बारे में अच्छा महसूस करना, खुशी को बढ़ावा देना, ज़रूरी है। यह पता लगाने के लिए कि आप स्वस्थ हैं या नहीं, आप कुछ संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं जो आपके शरीर और... Read More

 

अच्छा स्वास्थ्य खुशी को बढ़ावा देता है, जो किसी भी भौतिक संपत्ति से कहीं अधिक मूल्यवान उपहार है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हर किसी की दिनचर्या का अभिन्न अंग होना चाहिए। एक स्वस्थ मन प्रेरणा और उत्पादकता को जन्म देता है। अपने बारे में अच्छा महसूस करना, खुशी को बढ़ावा देना, ज़रूरी है।

यह पता लगाने के लिए कि आप स्वस्थ हैं या नहीं, आप कुछ संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं जो आपके शरीर और दिमाग द्वारा दिए जाते हैं। इनमें शामिल हैं: ऊर्जा का स्तर, नींद की गुणवत्ता, पाचन, मनोदशा, और शारीरिक कार्य। 

स्वास्थ्य के कुछ सामान्य संकेत:

पाचन:

नियमित रूप से बिना जोर लगाए मल त्याग करना, दिन में एक या दो बार मल त्याग करना, स्वस्थ पाचन का संकेत है. 

ऊर्जा स्तर:

पर्याप्त ऊर्जा होना, थकान महसूस न करना, और दिन भर सक्रिय रहना स्वस्थ होने के लक्षण हैं. 

मानसिक स्वास्थ्य:

खुश रहना, तनाव से मुक्त रहना, और सामाजिक रूप से सक्रिय रहना स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का संकेत है. 

शारीरिक गतिविधि:

बिना किसी परेशानी के दिन भर खड़े रहना, ज़ोरदार व्यायाम के बाद जल्दी ठीक हो जाना, और स्वस्थ भोजन करने की इच्छा रखना, अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण हैं. 

अन्य लक्षण:

त्वचा का स्वस्थ होना, बालों का चमकदार होना, और आंखों का साफ होना भी अच्छे स्वास्थ्य के संकेत हैं. 

 


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अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स है तो क्या करें।


चेहरे पर पिंपल्स (मुहांसों) से छुटकारा पाने के लिए, कुछ घरेलू उपाय और त्वचा की देखभाल की आदतों को अपनाया जा सकता है। इनमें चेहरे को नियमित रूप से धोना, पिंपल्स को न फोड़ना, और कुछ प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करना शामिल है।  घरेलू उपाय: चेहरे को साफ रखें: दिन में दो बार, एक सौम्य, साबुन-रहित, पीएच-संतुलित फेस वॉश का उपयोग करके अपना चेहरा धोएं। पिंपल्स को न फोड़ें: पिंपल्स को फोड़ने से सूजन और स... Read More

चेहरे पर पिंपल्स (मुहांसों) से छुटकारा पाने के लिए, कुछ घरेलू उपाय और त्वचा की देखभाल की आदतों को अपनाया जा सकता है। इनमें चेहरे को नियमित रूप से धोना, पिंपल्स को न फोड़ना, और कुछ प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करना शामिल है। 

घरेलू उपाय:

चेहरे को साफ रखें:

दिन में दो बार, एक सौम्य, साबुन-रहित, पीएच-संतुलित फेस वॉश का उपयोग करके अपना चेहरा धोएं।

पिंपल्स को न फोड़ें:

पिंपल्स को फोड़ने से सूजन और संक्रमण हो सकता है, जिससे निशान पड़ सकते हैं।

बर्फ का उपयोग करें:

सूजन को कम करने के लिए, पिंपल्स पर बर्फ लगाएं।

गर्म सेंक लगाएं:

गर्म सेंक से पिंपल्स में जमाव कम हो सकता है।

शहद और दालचीनी का उपयोग करें:

शहद और दालचीनी का पेस्ट बनाकर पिंपल्स पर लगाएं. 

बेकिंग सोडा का उपयोग करें:

बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बनाकर पिंपल्स पर लगाएं 

दही और शहद का उपयोग करें:

दही और शहद को मिलाकर पिंपल्स पर लगाएं।

एलोवेरा का उपयोग करें:

एलोवेरा जेल या छिलके को पिं

पल्स पर लगाएं।


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ओवर थिंकिंग किस कारण होती है।


ओवरथिंकिंग (Overthinking) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें डर, असुरक्षा, आत्मविश्वास की कमी के नकारात्मक अनुभव, और वर्तमान में माइंडफुलनेस की कमी शामिल हैं।  ओवरथिंकिंग के कुछ मुख्य कारण: डर और असुरक्षा: लोग अक्सर भविष्य या किसी विशेष स्थिति के बारे में नकारात्मक परिणाम की आशंका से डरते हैं, जिससे वे अत्यधिक सोचने लगते हैं।  आत्मविश्वास की कमी: जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है, वे... Read More

ओवरथिंकिंग (Overthinking) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें डर, असुरक्षा, आत्मविश्वास की कमी के नकारात्मक अनुभव, और वर्तमान में माइंडफुलनेस की कमी शामिल हैं। 

ओवरथिंकिंग के कुछ मुख्य कारण:

डर और असुरक्षा:

लोग अक्सर भविष्य या किसी विशेष स्थिति के बारे में नकारात्मक परिणाम की आशंका से डरते हैं, जिससे वे अत्यधिक सोचने लगते हैं। 

आत्मविश्वास की कमी:

जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है, वे अपने फैसलों पर संदेह करते हैं और हर चीज का विश्लेषण करते रहते हैं। 

पिछले नकारात्मक अनुभव:

अतीत में हुए नकारात्मक अनुभवों से व्यक्ति डर सकता है कि वे फिर से न हों, इसलिए वे हर संभावित खतरे के बारे में सोचने लगते हैं। 

परफेक्ट होने की चाहत:

कुछ लोग हर चीज को पूरी तरह से सही करना चाहते हैं, जिससे वे हर छोटी-छोटी बात पर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं। 

माइंडफुलनेस की कमी:

जो लोग वर्तमान क्षण में जीने में सक्षम नहीं होते हैं, वे अक्सर अतीत या भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे ओवरथिंकिंग हो सकती है। 

चिंता और अवसाद:

ओवरथिंकिंग अक्सर चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का एक लक्षण हो सकता है।


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ज्यादा सोचने कैसे बचें।


ओवरथिंकिंग से कैसे बचें: वर्तमान क्षण पर ध्यान दें: अपने विचारों को वर्तमान पर केंद्रित करने का अभ्यास करें, जैसे कि अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना या अपनी इंद्रियों का उपयोग करके अपने आसपास की दुनिया को महसूस करना। सकारात्मक सोचें: नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें। ध्यान और योग का अभ्यास करें: ध्यान और योग तनाव और चिंता को कम करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मद... Read More

ओवरथिंकिंग से कैसे बचें:

वर्तमान क्षण पर ध्यान दें:

अपने विचारों को वर्तमान पर केंद्रित करने का अभ्यास करें, जैसे कि अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना या अपनी इंद्रियों का उपयोग करके अपने आसपास की दुनिया को महसूस करना।

सकारात्मक सोचें:

नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें।

ध्यान और योग का अभ्यास करें:

ध्यान और योग तनाव और चिंता को कम करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें:

व्यायाम करने से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है।

सामाजिक रूप से सक्रिय रहें:

दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से अकेलेपन और नकारात्मक विचारों से बचा जा सकता है।

पेशेवर मदद लें:

यदि आप ओवरथिंकिंग से जूझ रहे हैं और यह आपकी दैनिक जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें।


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ज्यादा सोचने से क्या होता है?


मानसिक स्वास्थ्य: तनाव और चिंता: जरूरत से ज्यादा सोचने से तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हर समय बेचैनी और घबराहट महसूस हो सकती है.  अवसाद: लगातार नकारात्मक विचारों और स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने से अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है.  नींद की समस्याएँ: ज्यादा सोचना नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है, जिससे अनिद्रा या अन्य नींद की समस्याएँ हो सकती हैं.  एकाग्रता में कमी:... Read More

मानसिक स्वास्थ्य:

तनाव और चिंता: जरूरत से ज्यादा सोचने से तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हर समय बेचैनी और घबराहट महसूस हो सकती है. 

अवसाद: लगातार नकारात्मक विचारों और स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने से अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है. 

नींद की समस्याएँ: ज्यादा सोचना नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है, जिससे अनिद्रा या अन्य नींद की समस्याएँ हो सकती हैं. 

एकाग्रता में कमी: अत्यधिक सोच-विचार के कारण, व्यक्ति किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल महसूस कर सकता है. 

शारीरिक स्वास्थ्य:

सिरदर्द: तनाव और चिंता के कारण सिरदर्द हो सकता है. 

पेट दर्द: अत्यधिक सोचने से पेट दर्द या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. 

मांसपेशियों में दर्द: तनाव के कारण मांसपेशियों में दर्द या अकड़न हो सकती है. 

थकान: ज्यादा सोचने से शरीर और दिमाग दोनों थक जाते हैं, जिससे थकान महसूस हो सकती है. 

उच्च रक्तचाप: तनाव के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है. 

रिश्तों पर प्रभाव:

दूरियां: अत्यधिक सोचने से व्यक्ति अपने प्रियजनों से दूर हो सकता है, क्योंकि वह अपनी चिंताओं में डूबा रहता है. 

गलतफहमी: ज्यादा सोचने से रिश्तों में गलतफहमी पैदा हो सकती है, क्योंकि व्यक्ति दूसरों की बातों को गलत समझ सकता है. 

अन्य प्रभाव:

आत्म-सम्मान में कमी: नकारात्मक विचारों और स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो सकता है. 

निर्णय लेने में कठिनाई: अत्यधिक सोचने से व्यक्ति किसी भी बात पर निर्णय लेने में मुश्किल महसूस कर सकता है. 


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24 घंटे में कितना पानी पीना चाहिए?


24 घंटे में कितना पानी पीना चाहिए? स्वस्थ व्यक्तियों के लिए, पुरुषों के लिए औसत दैनिक पानी की मात्रा लगभग 15.5 कप और महिलाओं के लिए लगभग 11.5 कप है। इसका मतलब है कि आपको केवल चार से छह कप सादा पानी की आवश्यकता हो सकती है, जो कॉफी, चाय, जूस, फल और सब्जियों जैसे अन्य तरल स्रोतों पर निर्भर करता है। Read More

24 घंटे में कितना पानी पीना चाहिए?

स्वस्थ व्यक्तियों के लिए, पुरुषों के लिए औसत दैनिक पानी की मात्रा लगभग 15.5 कप और महिलाओं के लिए लगभग 11.5 कप है। इसका मतलब है कि आपको केवल चार से छह कप सादा पानी की आवश्यकता हो सकती है, जो कॉफी, चाय, जूस, फल और सब्जियों जैसे अन्य तरल स्रोतों पर निर्भर करता है।


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