Blog by NISHANT INTERNET CAFE | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
" To Present local Business identity in front of global market"
प्रदेश के शिक्षित युवा बेरोजगारो को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना संचालित है। योजनान्तर्गत उद्योग स्थापना हेतु रु० 25.00 लाख तक एवं सेवा क्षेत्र हेतु रु० 10.00 लाख तक का ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत मार्जिन मनी उपलब्ध करायें जाने का भी प्रावधान है जो कि उद्योग क्षेत्र हेतु अधिकतम रु० 6.25 लाख तथा सेवा क्षेत्र हेतु अधिकतम रु० 2.50 लाख है। इस हेतु अभ्यर्थी को उ0प्र0 का मूल निवासी एवं हाई स्कूल उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अभ्यर्थी की आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य होनी चाहिए तथा वह किसी भी वित्तीय संस्थान से चूककर्ता(डिफाल्टर) नहीं होना चाहिए। योजनान्तर्गत स्क्रूटिनी उपरान्त चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों को बैंक प्रेषित कर ऋण स्वीकृत एवं वितरित कराया जाता है
Read Full Blog...यह योजना शासनादेश सं० 2/ 2019/093/18-2-2019-30(26)/2003 दिनांक 15.02. 2019 के माध्यम से लागू की गयी। इस शासनादेश को कतिपय संशोधनों के साथ शासनादेश सं0-45 / 2024/1607/18-2-2024-30(26)/2003 दिनांक 01.10.2024 के माध्यम से आगामी 05 वर्षों अथवा शासन के अग्रिम आदेशों तक लागू किया गया। विगत तीन वर्षों से कार्यरत सूक्ष्म एवं लघु श्रेणी की ऐसी विनिर्माण इकाईयों जिनके द्वारा तकनीकी उन्नयन करते हुए नई टेक्नोलॉजी की मशीनें खरीदी जाती है, उन्हें इस योजना के अन्तर्गत निम्नवत् प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं:-
कैपिटल सब्सिडी :- इकाई द्वारा नई तकनीकी की मशीनें खरीदने पर आने वाली लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 5.00 लाख की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा किया जाता है।
ब्याज सब्सिडी :- इकाई द्वारा यदि बैंक से ऋण लेकर नयी तकनीकी मशीनें खरीदी जाती है तो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 05 वर्षों हेतु ब्याज सब्सिडी (अधिकतम रू० 1.00 लाख प्रति वर्ष) प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
स्वैच्छिक उत्पाद गुणवत्ता मानक और प्रमाणीकरण :- इसके अन्तर्गत आई०एस०आई० मार्क, हालमांर्किंग, बी०आई०एस० कृषि मंत्रालय का एगमार्क, आयुष इत्यादि हेतु प्रमाणीकरण की लागत का सूक्ष्म श्रेणी इकाई हेतु लागत का 75 प्रतिशत (अधिकतम रू0 2.00 लाख) तथा लघु श्रेणी इकाई हेतु लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम रू0 2.00 लाख) के अनुदान का प्राविधान है।
कन्सल्टेंसी सहायता :- उत्पादकता वृद्धि हेतु मान्यता प्राप्त संस्थाओं से परामर्श प्राप्त किये जाने पर व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 1.00 लाख अनुदान देय है।
ब्रांण्डिग सहायता :- इकाई द्वारा विकसित ब्राण्ड के नाम से 03 वर्षों तक विपणन किया गया हो तथा 03 वर्षों में कुल उत्पाद का कम से कम 50 प्रतिशत विपणन अवश्य किया गया हो तत्पश्चात आवेदन करने पर संबंधित वर्ष के पूर्ण विपणन का एक प्रतिशत (अधिकतम रू० 1.00 लाख) के अनुदान का प्राविधान है।
जनरेटर कय/परिवर्तन/परिवर्धन पर वित्तीय सहायता :- प्रदेश के अन्तर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन०सी०आर०) के सी०ए०क्यू०एम० मानकों के अनुरूप विनिर्माण इकाईयों में प्रयुक्त जनरेटर के गैस आधारित परिवर्तन ड्यूल फ्यूल मोड, 100 प्रतिशत अथवा रिट्रो फिटेड इमीशन कण्ट्रोल डिवासेज (ECDS) अथवा पूर्ण रूपेण एलपीजी / नेचुरल गैस /बॉयोगैस / प्रोपेन/ब्यूटेन फ्यूल आदि अथवा मानकों के अनुरूप नये जनरेटर्स के कय हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। यह सहायता उस इकाई विशेष को उत्पादन सम्बन्धी नई मशीनों हेतु किये गये तकनीकी उन्नयन (यदि कोई हो) के अतिरिक्त उपलब्ध कराई जायेगी।
एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना
एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद विशेष हेतु चिन्हित उत्पाद से सम्बन्धित सामान्य तकनीकी प्रशिक्षण, क्राफ्ट की बेसिक एवं एडवांस्ड ट्रेनिंग एवं उद्यमिता विकास प्रशिक्षण ,विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से प्रदान कराने हेतु तथा ओ.डी.ओ.पी उत्पादों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में कुशल कार्यबल की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना संचालित है | इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण उपरांत योजना के अंतर्गत कारीगरों / श्रमिकों को प्रासंगिक उन्नत टूल-किट का वितरण किया जायेगा।1-प्रशिक्षण
(1)-योजनान्तर्गत चयनित व्यक्तियों को कुल 10 दिनों का कौशल एवं उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा |
(2)-प्रशिक्षण कार्यक्रम निशुल्क एवं अनावासीय होगा |
(3)-प्रशिक्षार्थी को प्रतिदिन रु. 200/- मानदेय के रूप में दिया जाएगा |
2-प्रशिक्षार्थी की पात्रता –
(1)- आवेदन करने की तिथि को प्रशिक्षार्थी की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए ।
(2)- प्रशिक्षार्थी को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए |
(3)- शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी |
(4)- आवेदक द्वारा भारत अथवा प्रदेश सरकार की अन्य किसी योजनान्तर्गत उत्पाद से सम्बंधित टूलकिट का लाभ विगत 02 वर्षों में प्राप्त नहीं किया हो |
(5)- आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य को योजनान्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जाएगा | परिवार का आशय पति एवं पत्नी से है।
--icon----> --icon---->