पुराने नजले और जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार ||

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पुराने नजले और जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार ||

नोट: सभी तरह का नया व पुराना नजला 4 महीने से 1 साल तक के समय में आयुर्वेदिक दवा, खानपान में बदलाव, परहेज व जरुरत पड़ने पर पंचकर्म की क्रियाओं से पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

 

नजले का देसी इलाज (Home remedy for Najla)

काढ़ा – आयुर्वेदिक दवा के साथ ही नजला का घरेलु इलाज भी काफी फायदेमंद साबित होता है। जिसमें घर पर ही काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को राहत मिलती है। ये काढ़ा इस प्रकार है:

अदरक और गुड़ का काढ़ा।

काली मिर्च व नींबू का काढ़ा।

अजवाइन व गुड़ का काढ़ा।

दालचीनी का काढ़ा।

लौंग-तुलसी और काला नमक का काढ़ा।

इलायची व शहद का काढ़ा।

इसके अलावा शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पीने से नजले में फायदा आता है।

नागरबेल (पान) के 2 से 4 पत्ते चबा लेना भी फायदेमंद है।

हल्दी और दूध गरम कर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से जुकाम, कफ़, व शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है|

सुबह-शाम अजवायन की फंकी लेने से भी आराम मिलता है|

रात में सोते समय अजवायन को गर्म कर सुंघने से भी राहत मिलती है।

देसी गाय के शुद्ध देसी घी से भी नजला में काफी आराम मिलता है। ऐसे में रोगी को उस गाय का घी लेना है जिसकी पीठ पर हम्प होता है यह घी आपको लगातर तीन महीने डालना है यह दस से ज्यादा साल पुराने नजले को भी खत्म कर देता है।

गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिला कर गरारे करने से खांसी-जुकाम के दौरान काफी राहत मिलती है। इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है। यह भी काफी पुराना नुस्खा है।

अकसर नजले में एलर्जी के कण नाक की नलियों की समस्या बन जाते है। जिसके कारण लगातार छींके आने लगती है, गला सुखा रहता है, नाक बहने लगती है.. ऐसी गंभीर स्थिति में अस्थमा भी हो सकता है। ऐसे में नजले के स्थायी इलाज के लिए (Najle ka permanent ilaj) देरी ना करते हुए डॉक्टर की सलाह लें।




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