कुछ रंग भरे फूल
कुछ खट्टे-मीठे फल
थोड़ी बांसुरी की धुन
थोड़ा जमुना का जल
कोई लाकर दे मुझे
मुझे एक सोना चढ़ा दिन
एक रूपों भरी रात
एक फूलों भरा गीत
एक गीतों भरी बात
कोई लाकर दे मुझे
एक छाता छाव का
एक धूप की घड़ी
एक बादलों का कोर्ट
एक धूप की छड़ी
कोई लाकर दे मुझे
एक छुट्टी वाला दिन
एक अच्छी सी किताब
एक मीठा सा सवाल
एक नन्हा सा जवाब
कोई ला कर दे मुझे
दामोदर अग्रवाल
Vanshika
@DigitalDiaryWefru