नए स्कूल का पहला दिन
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मेरा नाम वंशिका है मैं आपको अपने नए स्कूल जाने की कुछ बातें बताने वाली हूं पहले तो मैं आपको अपने स्कूल की बातें बताती हूं तो मैं आपको बताने जा रही हूं आई शुरू करते हैं मैं 8th क्लास में थी तो हमारे पेपर मार्च को होते थे तो हमारे फाइनली पेपर मार्च को हुए फिर 1 अप्रैल को हमें रिजल्ट मिला उसी दिन हमारी फेयरवेल पार्टी थी तो रिजल्ट में मैं फर्स्ट आई थी जो हमारी प्रिंसिपल मैम थी उन्होंने मुझे गिफ्ट दिया और एक ट्राफी दी ट्राफी देते हुए हमारी फोटो खींची गई फोटो खींचने के बाद मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैं फर्स्ट आई थी और सेकंड हमारी क्लास में एक लड़का आया था जिसका नाम विक्रांत था और प्रियांशु आया था जो हमारी क्लास में था फिर उन्हे ट्रॉफी मिली ट्रॉफी मिलने के बाद फिर हमारी फेयरवेल पार्टी शुरू हो गई शुरू होने के बाद फिर हमें नाश्ता कर गया नाश्ता करने के बाद फिर हमने खाना खाया खाना खाने के बाद फिर म्यूजिक स्टार्ट हुआ मिस यू स्टार्ट होने के बाद हम थोड़ा नाच गए और फिर नाचने के बाद हमें हमारी मैम ने समझाया
फिर मैं 2 अप्रैल को एडमिशन लेने गई एडमिशन एक मैडम कर रही थी उनका मुझे पहले नाम नहीं पता था उनका नाम था अंजू मैडम और वही हमारी क्लास टीचर थी तो उन्होंने मेरा टेस्ट लिया टेस्ट में उन्होंने एप्लीकेशन दी और माइसेल्फ और डिक्टेशन बोली तो मैंने पूरा टेस्ट कर दिया फिर उन्होंने मुझसे पूछा की संज्ञा क्या है मैंने बताया किसी व्यक्ति प्रस्तुत अथवा प्राणी के नाम को संज्ञा कहते हैं फिर मैंने कहा कि ठीक है तुम बैठ जाओ फिर मेरा टेस्ट पूरा हो गया तो मैं टेस्ट में पास हो गई और फिर मैं एडमिशन हो गया उन्होंने मुझे डॉक्यूमेंट लिए फिर उन्होंने कहा कि तुम्हारा एडमिशन हो गया है तो तुम स्कूल आ जाना फिर मैं थोड़े दिन बाद स्कूल गई
तो मेरा स्कूल का पहला दिन मैं क्लास में जाकर बैठ गई फिर मैं में पढ़ाया हम पढ़ लिए फिर एक घंटा खा ले गया जो घंटा खाली था उसमें मेरा मन नहीं लगा लेकिन वहां पर मेरी तब तक कोई फ्रेंड नहीं बनी थी क्योंकि बोल तो रहे थे तब मेरा नाम पूछा और कहां कहां की हो तो मैं बता दिया फिर मेरा वहां पर मन नहीं लगा एक-दो दिन तक क्योंकि जो मेरी बेस्ट फ्रेंड थी उन्होंने कहीं और एडमिशन लिया था और मैं कहीं और तो मेरा मन नहीं लगा वहां पर फिर मैं जब दूसरे दिन गई फिर मेरा थोड़ा मन लगा वहां पर और फिर फ्रेंड भी बन गई फ्रेंड बनते फिर वहां पर मेरी एक क्लास की बेस्ट फ्रेंड बनी फरिया तो जब हमें महीने हो गए तो फिर हमारी होल बेस्ट फ्रेंड भी बनी हमारा पूरा ग्रुप बना पर बेस्ट फ्रेंड क्लास की फरिया थी फरिया में और मुझ में कभी-कभी लड़ाई भी बस जाती है लेकिन हम फिर बोलने लगते हैं तो हमारे नए स्कूल की बात नहीं थी और अब हम यहीं पर खत्म करते हैं
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Vanshika
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