कर्मवीर

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 ( प्रस्तुत गीत के माध्यम से कई कम वीडियो की विशेषताओं को व्याख्यित कर रहे हैं  कर्म एवं समय के सदुपयोग को संत भेद किया गया है)                

  कर्मवीर 

​​​​​ देख कर बांध विविध, बहुत विघ्न घबराते नहीं

 वह भरोसे भाग्य के दुख भोग पछताते नहीं

 काम कितना ही कठिन हो किंतु उकता ते नहीं

 भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं

 हो गए एक आज में उनके बुरे दिन भी भले 

 सब जगह सब कल में वही मिले फूले फूले 

 

 आज करना है जिसे करते उसे है आज ही

 सोचते रहते हैं जो कुछ,कर दिखाते हैं वही 

 मानते जो भी है 'सुनते हैं' सदा सब की कही 

 जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही

 भूल कर वे दूसरों का मुंह कभी ताकते नहीं 

 कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं

 

 जो कभी अपने समय को तो बिताते हैं नहीं 

 काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं

 हां आजकल करते हुए जो दिन गवाते हैं नहीं 

 यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं

 बात है वह कौन जो होती नहीं उसके लिए

 वे नमूना बन जाते हैं औरों के लिए

 

 व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर

 वे घने जंगल जहां रहता है तुम ऑटो पहाड़ 

 गरजते जल राशि की उड़ती हुई ऊंची लहर

 आज की भय दाहिनी फैली दिशा में लवर 

 यह कपास शक्ति कभी जिसके कलेजे को नहीं

 भूल कर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं

 




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