ओवर थिंकिंग किस कारण होती है।

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ओवरथिंकिंग (Overthinking) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें डर, असुरक्षा, आत्मविश्वास की कमी के नकारात्मक अनुभव, और वर्तमान में माइंडफुलनेस की कमी शामिल हैं। 

ओवरथिंकिंग के कुछ मुख्य कारण:

डर और असुरक्षा:

लोग अक्सर भविष्य या किसी विशेष स्थिति के बारे में नकारात्मक परिणाम की आशंका से डरते हैं, जिससे वे अत्यधिक सोचने लगते हैं। 

आत्मविश्वास की कमी:

जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है, वे अपने फैसलों पर संदेह करते हैं और हर चीज का विश्लेषण करते रहते हैं। 

पिछले नकारात्मक अनुभव:

अतीत में हुए नकारात्मक अनुभवों से व्यक्ति डर सकता है कि वे फिर से न हों, इसलिए वे हर संभावित खतरे के बारे में सोचने लगते हैं। 

परफेक्ट होने की चाहत:

कुछ लोग हर चीज को पूरी तरह से सही करना चाहते हैं, जिससे वे हर छोटी-छोटी बात पर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं। 

माइंडफुलनेस की कमी:

जो लोग वर्तमान क्षण में जीने में सक्षम नहीं होते हैं, वे अक्सर अतीत या भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे ओवरथिंकिंग हो सकती है। 

चिंता और अवसाद:

ओवरथिंकिंग अक्सर चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का एक लक्षण हो सकता है।




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