गहरे ध्यान होने के लक्ष्ण

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गहरे ध्यान होने के लक्ष्ण

ध्यान गहरा होने के लक्षण 

जब प्राकृतिक रूप से ध्यान की अवस्था प्राप्त होती हैं। तब डर लगना साधारण हैं ये मन का दर है क्योंकि अहम का अंत हो गया हैं। इस डर पर विजय पाकर ही समाधि में प्रवेश होता हैं।

 

भौतिक जगत से वैराग्य हो जाता हैं।

मन को सत्य के मार्ग का बोध होना ।

त्यागने योग्य डर लगना ।

ध्यान में गहरा उतरने से डर लगना।

सतर्क हो जाना।

शरीर में झटके आना।

निष्काम कर्म में आनंद आना।

साकम कर्म भावना से मुक्ति।

विचार को नियंत्रित नहीं कर पाना।

अनावश्यक त्यागने योग्य विचार आना।

ये सभी लक्षण मन के है, ब्रह्म का कोई गुण नहीं वह निर्गुण है। समाधि प्राप्त होने पर यह लक्षण भी समाप्त हो जाते हैं।




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