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Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

मां पार्वती की आरती

卐 श्री पार्वती आरती 卐 जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभफल की दाता । ॥जय पार्वती माता..॥ अरिकुल पद्दं विनासनी जय सेवक त्राता, जगजीवन जगदंबा हरिहर गुणगाता । ॥जय पार्वती माता..॥ सिंह को वाहन साजे कुण्डल है साथा, देब बंधु जस गावत नृत्य करत ता था । ॥ जय पार्वती माता..॥ सतयुग रूपशील अति सुन्दर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन संग राता । ॥ जय पार्वती माता..॥ शुम्भ निशुम्भ विदा...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

श्री गंगा आरती

卐 श्री गंगा आरती 卐 ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥ ॥ ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥ ॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग की ज्ञाता। कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥ ॥ ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता। यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता॥ ॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

श्री नर्मदा आरती

卐 श्री नर्मदा आरती 卐 ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव , हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती। झूमकत झूमकत झूमकत झननना झननना रमती राजन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी बाजत ताल मृदंगा सुरमण्डल रमती। तोड़ीतान तोड़...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

श्री शारदा आरती

卐 श्री शारदा आरती 卐 भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। नित गाऊँ मैया नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ। श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ । दरश तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। मन की माला आँख के मोती भ...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

आरती श्री गौमता जी की

卐 आरती श्री गौमता जी की 卐 आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्वब धैय्या की, अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि अविचल अमल मुक्तिपददायिनि, सुर मानव सौभाग्यविधायिनि, प्यारी पूज्य नंद छैय्या, अख़िल विश्वौ प्रतिपालिनी माता, मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता, रोग शोक संकट परित्राता भवसागर हित दृढ़ नैय्या की, आयु ओज आरोग्यविकाशिनि, दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि, सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि, विमल विवेक बुद्धि...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

श्रीमद्भागवतमहापुराण की आरती

卐 आरती श्रीमद्भागवतमहापुराण की 卐 आरती अतिपावन पुराण की । धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥ महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥ परमानन्द सुधा-रसमय कल । लीला-रति-रस रसनिधान की ॥ ॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥ कलिमथ-मथनि त्रिताप-निवारिणि । जन्म-मृत्यु भव-भयहारिणी ॥ सेवत सतत सकल सुखकारिणि । सुमहौषधि हरि-चरित गान की ॥ ॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥ विषय-विलास-विमोह विनाशिनि । विमल-व...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

बाबा गोरखनाथ जी की आरती

卐 बाबा गोरखनाथ जी की आरती 卐 जय गोरख देवा जय गोरख देवा | कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा | शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे | कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे | गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी | आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी | नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी | करत कृपा निज जन पर मेटत यम फांसी | रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी | आप अलख अवधूता उतराखंड वासी | अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Dec 01, 2023

नृसिंह आरती

卐 नृसिंह आरती 卐 नमस्ते नरसिंहाय प्रह्लादाह्लाद-दायिने हिरण्यकशिपोर्वक्षः- शिला-टङ्क-नखालये इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो यतो यतो यामि ततो नृसिंहः बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम् केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे । * नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ श्री दशावतार स्तोत्र से उद्धृत की गईं हैं। ॥ इति श्री नृसिंह आरती ॥   Namast...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

माँ तारा कवच

।। माँ तारा कवच।। ॐ कारो मे शिर: पातु ब्रह्मारूपा महेश्वरी । ह्रींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी ।। स्त्रीन्कार: पातु वदने लज्जारूपा महेश्वरी । हुन्कार: पातु ह्रदये भवानीशक्तिरूपधृक् । फट्कार: पातु सर्वांगे सर्वसिद्धिफलप्रदा । नीला मां पातु देवेशी गंडयुग्मे भयावहा । लम्बोदरी सदा पातु कर्णयुग्मं भयावहा ।। व्याघ्रचर्मावृत्तकटि: पातु देवी शिवप्रिया । पीनोन्नतस्तनी पातु पाशर्वयुग्मे महेश्वरी ।। रक्त...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

बटुक भैरव कवच

॥ बटुक भैरव कवच॥ ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः । पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥ पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा । आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥ नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे । वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥ भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥ ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दक...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

शुक्र ग्रह कवच

॥ शुक्र ग्रह कवच ॥ अथ शुक्रकवचम् अस्य श्रीशुक्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य भारद्वाज ऋषिः  । अनुष्टुप् छन्दः  । शुक्रो देवता  । शुक्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥ मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम्  । समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥ १ ॥ ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः  ।  नेत्रे द...

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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

श्री नरसिंह कवच

॥ श्री नरसिंह कवच॥ नरसिंह कवच संरक्षण पाने के लिए बहुत शक्तिशाली कवच ​​है। नरसिंह कवच एक सुरक्षा कवच या आध्यात्मिक कवच है। भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का यह कवच अत्यंत चमत्कारी प्रभाव देने वाला है। नरसिंह कवच बुरी आत्माओं से सुरक्षा और भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के साथ-साथ भक्ति और शांति में वृद्धि के लिए मंत्र है। भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का यह कवच अत्यंत चमत्कारी प्रभाव देने वाला है। नरसिंह कव...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

माँ बगलामुखी कवच

|| माँ बगलामुखी कवच || ॥ अथ बगलामुखी कवचं प्रारभ्यते ॥ श्रुत्वा च बगला पूजां  स्तोत्रं  चापि महेश्वर। इदानीं  श्रोतुमिच्छामि  कवचं  वद मे प्रभो। वैरिनाशकरं   दिव्यं  सर्वाऽशुभ विनाशकम्। शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दु:ख-नाशनम्॥ ॥ श्री भैरव उवाच ॥ कवच श्रृणु  वक्ष्यामि  भैरवि।  प्राणवल्लभम्। पठित्वा-धारयित्वा तु  त्रैलोक्ये विजयी भवेत्॥...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

शिव कवच

|| शिव कवच || वज्रदंष्ट्रं त्रिनयनं कालकण्ठमरिन्दमम्। सहस्रकरमत्युग्रं वन्दे शंभुमुमापतिम् ॥१॥ अथो परं सर्वपुराणगुह्यं निश्शेषपापौघहरं पवित्रम्। जयप्रदं सर्वविपद्प्रमोचनं वक्ष्यामि शैवं कवचं हिताय ते ॥२॥ नमस्कृत्वा महादेवं सर्वव्यापिनमीश्वरं। वक्ष्ये शिवमयं वर्म सर्वरक्षाकरं नृणाम् ॥३॥ शुचौ देशे समासीनो  यथावत्कल्पितासनः। जितेन्द्रियो जितप्राणश्चिन्तयेच्छिवमव्ययम् ॥४॥ हृत्पुण्डरीकान...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

केतु ग्रह कवच

|| केतु ग्रह कवच || अथ केतुकवचम् अस्य श्रीकेतुकवचस्तोत्रमंत्रस्य त्र्यंबक ऋषिः । अनुष्टप् छन्दः । केतुर्देवता । कं बीजं । नमः शक्तिः । केतुरिति कीलकम् I केतुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥ केतु करालवदनं चित्रवर्णं किरीटिनम् । प्रणमामि सदा केतुं ध्वजाकारं ग्रहेश्वरम् ॥ १ ॥ चित्रवर्णः शिरः पातु भालं धूम्रसमद्युतिः । पातु नेत्रे पिंगलाक्षः श्रुती मे रक्तलो...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

गुरु ग्रह कवच

|| गुरु ग्रह कवच || ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः । पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥ पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा । आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥ नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे । वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥ भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥ ऊर्ध्वं पातु विधाता च...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

चन्द्र देव कवच

|| चन्द्र देव कवच || श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः। चंद्रो देवता । चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः । समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् । वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥ एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् । शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥ चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः । प्राणं...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

तांत्रोक्त भैरव कवच

|| तांत्रोक्त भैरव कवच || ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः । पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥ पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा । आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥ नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे । वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥ भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥ ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

दक्षिणकालिका कवचम्

|| दक्षिणकालिका कवचम् || कैलास शिखरारूढं भैरवं चन्द्रशेखरम् । वक्षःस्थले समासीना भैरवी परिपृच्छति ॥ भैरव्युवाच देवेश परमेशान लोकानुग्रहकारकः । कवचं सूचितं पूर्वं किमर्थं न प्रकाशितम् ॥ यदि मे महती प्रीतिस्तवास्ति कुल भैरव । कवचं कालिका देव्याः कथयस्वानुकम्पया ॥ भैरवोवाच अप्रकाश्य मिदं देवि नर लोके विशेषतः । लक्षवारं वारितासि स्त्री स्वभावाद्धि पृच्छसि ॥ भैरव्युवाच सेवका वहवो नाथ कुलधर्म परायणाः ।...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

बगला प्रत्यङ्गिरा कवच

|| बगला प्रत्यङ्गिरा कवच || भगवती बगलामुखी की उपासना कलियुग में सभी कष्टों एवं दुखों से मुक्ति प्रदान करने वाली है। संसार में कोई कष्ट अथवा दुख ऐसा नही है जो भगवती पीताम्बरा की सेवा एवं उपासना से दूर ना हो सकता हो, बस साधकों को चाहिए कि धैर्य पूर्वक प्रतिक्षण भगवती की सेवा करते रहें। विनियोग: ॐ अस्य श्री बगला प्रत्यंगिरा कवच मंत्रस्य नारद ऋषिः स्त्रिष्टुपछन्दः प्रत्यंगिरा देवता...

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