RBC WBC aur Platelets (रक्त की कोशिकाएँ)

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RBC, WBC aur Platelets (रक्त की कोशिकाएँ)

प्रस्तावना

मानव शरीर में रक्त (Blood) एक अत्यंत महत्वपूर्ण द्रव है, जो शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हार्मोन पहुँचाता है। रक्त में तीन मुख्य प्रकार की कोशिकाएँ पाई जाती हैं - RBC, WBC और Platelets। ये तीनों मिलकर शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।

1. RBC (Red Blood Cells) – लाल रक्त कण

परिभाषा

RBC को लाल रक्त कण कहा जाता है। इनमें हीमोग्लोबिन पाया जाता है, जो रक्त को लाल रंग देता है।

कार्य

  • ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के सभी भागों तक पहुँचाना

  • कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाना

  • शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सहायता

विशेषताएँ

  • आकार में द्विवलय (Biconcave)

  • नाभिक रहित (Nucleus नहीं होता)

  • आयु लगभग 120 दिन

2. WBC (White Blood Cells) – श्वेत रक्त कण

परिभाषा

WBC को श्वेत रक्त कण कहा जाता है। ये शरीर की रक्षा प्रणाली (Immune System) का महत्वपूर्ण भाग हैं।

कार्य

  • रोगाणुओं (Bacteria, Virus) से शरीर की रक्षा

  • संक्रमण से लड़ना

  • एंटीबॉडी का निर्माण

प्रकार

  • न्यूट्रोफिल

  • लिम्फोसाइट

  • मोनोसाइट

  • इओसिनोफिल

  • बेसोफिल

3. Platelets (प्लेटलेट्स) – रक्त कणिकाएँ

परिभाषा

Platelets को रक्त कणिकाएँ कहा जाता है। ये रक्त के थक्के (Clot) जमाने में सहायक होती हैं।

कार्य

  • चोट लगने पर रक्तस्राव को रोकना

  • घाव भरने में सहायता

  • रक्त का थक्का बनाना

विशेषताएँ

  • बहुत छोटे आकार की

  • नाभिक रहित

  • आयु 7–10 दिन

RBC, WBC और Platelets का महत्व

  • शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति

  • रोगों से सुरक्षा

  • रक्तस्राव से बचाव

  • संपूर्ण शरीर तंत्र का संतुलन

निष्कर्ष

RBC, WBC और Platelets - ये तीनों रक्त की कोशिकाएँ मिलकर हमारे शरीर को जीवित, स्वस्थ और सुरक्षित रखती हैं। इनके बिना मानव जीवन संभव नहीं है। रक्त से जुड़ी किसी भी समस्या का सीधा प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है।




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