कोशिश कर
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नमस्कार दोस्तों उम्मीद करती हूं कि आप सभी अच्छे होंगे। आज मैं एक प्रेरणादायक कविता लाई हूं। जो हमें हमारे लक्ष्य की ओर जाने में उत्साहित करेगी।
कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नहीं तो, कल निकलेगा।
अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशान लगा ,
मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा।
मेहनत कर, पौधों को जल दे,
बंजार में भी फिर, फल निकलेगा।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी, बाल निकलेगा।
सीने में उम्मीदो को, जिंदा रख,
समंदर से भी, गंगाजल निकलेगा।
कोशिशे जारी रख, कुछ कर गुजरने की,
जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा।
कोशिश कर, हल निकलेगा,
आज नहीं तो, कल निकलेगा।
सिख : इस कविता से हमें मेहनत और कोशिश करने की सीख मिली है। कैसी भी परिस्थिति हो कोशिश करते रहना चाहिए। इसलिए कहा गया है कि कोशिश कर, हल निकलेगा, आज नहीं तो ,कल निकलेगा।
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Chanchal Dhiman digital content writer
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