आत्मनिर्भरता
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एक छोटी बूंद ,जो बड़े समुद्र में गिरी थी| वाह बहुत छोटी थी और सोचती थी कि वह समुद्र में कुछ नहीं कर सकती।
एक दिन,उसने एक बड़े जहाज को देखा,जो समुद्र में डूब रहा था।बूंद ने सोचा कि वह समुद्र को नहीं बचा सकती, इसलिए मैं आगे बढ़ गई|
तभी, उसने एक छोटे से पत्थर को देखा,जो समुद्र के किनारे पर था |वह पत्थर बार-बार समुद्र में गिर जाता था और समुद्र को छोटा करने की कोशिश करता था।
बूंद ने पत्थर से कहा, "तुम क्या कर रहे हो?तुम समुद्र को छोटा नहीं कर सकते।"
पत्थर ने कहा," मैं समुद्र को छोटा नहीं कर रहा हूँ,बाल्की मैं अपने काम को कर रहा हूँ।अगर हर बूंद अपना काम करे, तो समुद्र भी छोटा हो जाएगा।"
बूंद ने समझा कि हर छोटा काम भी महत्तवपूर्ण है,और अगर हर कोई अपना काम करे,तो बड़े-बड़े काम भी हो सकते हैं।
सिख : हर छोटा काम भी महतवपूर्ण है,और अगर हर कोई अपना काम करे, तो बड़े-बड़े काम भी हो सकते हैं।बस खुद पर विश्वास होना चाहिए |
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Chanchal Dhiman digital content writer
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