डॉ भीमराव अंबेडकर की जीवनी

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जन्म और प्रारंभिक जीवन: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू (तब मध्य भारत, अब डॉ. अंबेडकर नगर) में एक गरीब दलित (महार जाति) परिवार में हुआ था। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल सेना में सूबेदार थे, और माता भीमाबाई एक गृहिणी थीं। जातिगत भेदभाव के कारण बचपन से ही उन्हें सामाजिक अपमान और अलगाव झेलना पड़ा।

शिक्षा और संघर्ष:

  • प्रारंभिक शिक्षा:

    • स्कूल में उन्हें "अछूत" मानकर अलग बैठाया जाता था। पानी पीने के लिए छूत के डर से कोई मदद नहीं करता था।

    • 1907 में मैट्रिक पास करने वाले पहले दलित छात्र बने।

  • उच्च शिक्षा:

    • 1913 में बड़ौदा राज्य की छात्रवृत्ति से अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय गए, जहाँ उन्होंने अर्थशास्त्र में एमए और पीएचडी की।

    • लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

    • संस्कृत, फ्रेंच, जर्मन, और अंग्रेजी सहित 9 भाषाओं के ज्ञाता थे।

  • सामाजिक और राजनीतिक योगदान:

  • दलित अधिकारों के लिए संघर्ष:

    • 1927 में महाड़ सत्याग्रह चलाया, जहाँ दलितों को सार्वजनिक तालाब से पानी पीने का अधिकार दिलाया।

    • 1930 में नाशिक के कालाराम मंदिर में दलितों के प्रवेश के लिए आंदोलन किया।

  • मनुस्मृति दहन:

    • 1927 में ही उन्होंने मनुस्मृति (जो जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देती है) का सार्वजनिक रूप से दहन किया।

  • पूना पैक्ट (1932):

    • गांधी जी के साथ हुए इस समझौते में दलितों के लिए अलग निर्वाचक मंडल के बजाय आरक्षण की व्यवस्था की गई।

  • संविधान निर्माता:

    • स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने और संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया।

    • संविधान में समानता, स्वतंत्रता, और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को शामिल कर दलितों, महिलाओं, और श्रमिकों के अधिकार सुनिश्चित किए।

  • धर्म परिवर्तन और बौद्ध धर्म:

    • 14 अक्तूबर 1956 को नागपुर में अपने लाखों समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया।

    • उनका मानना था कि बौद्ध धर्म समानता और तर्क पर आधारित है, जो जातिवाद को खत्म कर सकता है।

    प्रमुख रचनाएँ:

    • "जाति का विनाश" (Annihilation of Caste)

    • "भारत का राष्ट्रीय विभाजन" (Pakistan or Partition of India)

    • "बुद्ध और उनका धम्म"

    मृत्यु और विरासत:

    • 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनका निधन हो गया।

    • उन्हें भारत रत्न (1990, मरणोपरांत), "बाबासाहेब" और "संविधान निर्माता" के सम्मान से जाना जाता है।

    • 14 अप्रैल को उनके जन्मदिन को "भीम जयंती" के रूप में मनाया जाता है, जो भारत में एक सार्वजनिक अवकाश है।

    अंबेडकर के विचार:

    • "शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो।"

    • "मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाईचारा सिखाए।"

    • "राजनीतिक सत्ता समाज की बुराइयों का इलाज नहीं है। सामाजिक बुराइयों को खत्म करना ज़रूरी है।"

    डॉ. अंबेडकर की विरासत आज भी भारत में सामाजिक न्याय, शिक्षा, और दलित उत्थान के प्रतीक के रूप में जीवित है। उनके समर्थक उन्हें "आधुनिक भारत का मसीहा" मानते हैं।




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